लेख

मानवता की सेवा ही अभिनंदन पेंढारी का मुख्य उद्देश्य

जन्मदिन पर विशेष

अमरावती नगरी में अनेकों सामाजिक कार्यकर्ता समाज की सेवा में समर्पित हैं. उन्हीं में से एक प्रचलित नाम है अभिनंदन जी पेंढारी का, जो सभी की जुबान पर पाठ है. गौ सेवा, जैन साधु संतों की सेवा, अंध विद्यार्थियों की सेवा, अपंग विद्यार्थियों की सेवा, रक्तदान, नेत्रदान संकल्प के साथ ही शैक्षणिक कार्यों में भी आप बढ-बढ कर हिस्सा लेते हैं. कांग्रेस सेवादल के महाराष्ट्र प्रदेश के आप महासचिव हैं. पुलक जन चेतना मंच के अध्यक्ष हैं. अभिनंदन को-ऑप. बैंक अमरावती शाखा के समिति सदस्य हैं. अखिल भारतीय दिगंबर जैन समिति कोटा के मुख्य सदस्य हैं. पारिवारिक व्यस्तता, जीवन यापन व्यवस्था का निर्वहन करते-करते सामाजिक और राजनैतिक क्षेत्र में अपने हंसमुख स्वभाव से अपनी पहचान गिनती के प्रचलित चेहरों में बनाना ये उनके स्नेहियों के लिए गौरवनीय बात है. मंजिल मिल ही जाएगी, मुझे मेरी लगन और मेहनत पर विश्वास है, ऐसा कहते हुए पेंढारीजी अपनी मंजिल की ओर निकल पडते हैं. मानवता की सेवा जीवन का सर्वोत्तम कार्य है, यही कार्य करते हुए मेरा मन प्रसन्न रहता है. इनके अपनत्व भरे स्वभाव की वजह से हर राजनैतिक नेता से इनके निकटतम संबंध हैं. बिना भेदभाव के सभी जनता जनार्दन के लिए समर्पित रहना और जन सेवा, गौ सेवा, साधु संतों की सेवा में मग्न रहना ही इनकी जीवन शैली है. स्व. देवराज जी बोथरा को आप अपना गुरु मानते है और स्व. बोथरा जी के जन्म दिवस पर विद्यालयों व गौ शाला में कार्यक्रम आयोजित कर सामाजिक कार्य करते हैं और अंध विद्यार्थियों को अंध विद्यालय में भोजन करवा कर बोथरा जी को श्रद्धांलजि अर्पित करते हैं. अभिनंदन जी अपने पिताजी स्वर्गीय मोतीलालजी पेंढारी के स्मृति दिवस पर सामाजिक कार्यकर्ताओं का उनके द्बार जाकर उनका अभिनंदन करते हैं. अपने पिताजी स्वर्गीय मोतीलालजी पेंढारी की स्मृति में आपने निरंतर 12 साल तक अलग-अलग 12 अपंग महिलाओं का उनके घर जाकर इसलिए सत्कार किया कि, वे अपंग होकर भी अपने पैरों पर खडे होकर अपने परिवार का पालन पोषण करती हैं. अभिनंदन जी को अनेकों सामाजिक संस्थाओं ने उनके कार्यों के लिए प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित पुरस्कार प्रदान किया है. राज्य सरकार द्बारा भी आपकों पुरस्कार प्राप्त हुए हैं. शिक्षा में अग्रणीय कन्याओं को आप उनके घर जाकर पुरस्कृत करते हैं. अपनी जवानी से तो अब तक प्राचीन नीलकंठ मंडल ओर कांग्रेस मेें अभी तक अपनी सेवा आप दे रहे हैं. बहुमुखी प्रतिभा होने के बावजूद सभी से मेल मिलाप रखना यह विशेष बात उल्लेखनीय है. मैं करीब 45 वर्षों से अभिनदंन जी को जानता हूं और सदैव इनके संपर्क में रहता हूं, इसलिए यह लेख लिखना मेरा कर्तव्य बन जाता हैं.
एक बार की बात है बाथरुम में पैर फिसल जाने पर इनके पैर की सर्जरी करवानी पडी और इन्हें 6 महीने आराम करने के लिए डॉक्टर ने कहा, पर इतनी तकलीफ के बावजूद भी अभिनंदन जी ने अपने मासिक वार्षिक चेतनात्मक कार्यों से मुंह नहीं मोडा और सतत काम करते रहे. प्रभु के आशीर्वाद ओर जनता की दुवाओं से आप आज भी एकदम स्वस्थ हैं. शहर जिला कांग्रेस कमेटी में सचिव पद पर रहकर इन्होंने कांग्रेस कार्यालय का व्यवस्थापन निरंतर 10 वर्षों तक किया. स्वर्गीय देवराज जी बोथरा, स्वर्गीय बैजनाथ जी केशरवानी और अमरावती के भूतपूर्व प्रथम मेयर, भूतपूर्व विधायक देवीसिंह जी शेखावत, भूतपूर्व पालक मंत्री श्रीमती वसुधा ताई देशमुख, सौ. पुष्पा ताई बोंडे, भूतपूर्व पालकमंत्री सुनील देशमुख के आप विश्वस्त नजदीकी कार्यकर्ता रह चुके हैं. इनकी कर्मठता की वजह से ही आज अनेकों सामाजिक संस्थाओं द्बारा इनका जन्मदिन बडे पैमाने पर मनाया जाता है. ऐसे प्रखर व्यक्तित्व को अमरावती में अनेकों शासकीय अधिकारियों ने भी सन्मानित किया है. ऐसा कहूं तो अतिशयोक्ति नहीं होगी कि, अभिनंदनजी अपने आप में एक संस्था हैं. इतने बडे नामांकित व्यक्तित्व होने के बाद भी आप सरल और नम्र व्यक्तित्व हैं. 17 मार्च को आपका जन्मदिन है. मैं इतना ही कहूंगा कि-
‘नाम तेरा हजारों में एक है, स्वभाव तेरा लाखों में एक है, चांद चमकता है सिर्फ रातों में, पर अभिनंदन भैया आप हिंद के अनेकों सितारों में से एक हैं.’
– कवि मुकेश छांगानी,
गुणवंत कामगार सामाजिक कार्यकर्ता, अमरावती

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