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फिर लॉकडाउन

महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना संक्रमण का जोर अभी समाप्त न होने के कारण १५ जून तक लॉकडाउन बढाने की घोषणा की है. हालाकि इसमेें अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि किन क्षेत्रों में निर्बंध रहेंगे व किन क्षेत्रों में शिथिलता दी जायेगी. स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के अनुसार जिन जिलों में संक्रमण का प्रमाण अधिकार है वहा पर निर्बंध कायम रहेंगे. जहां पर प्रमाण कम हुआ है वहा पर कुछ हद तक छूट दी जायेगी. हालाकि सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि एक साथ सभी कुछ आरंभ नहीं किया जायेगा. राज्य में अनलॉक प्रक्रिया विभिन्न चरणों में पूरी की जायेगी. इस बात को लेकर जनसामान्य में रोष भी देखा जा रहा है. क्योंकि कुछ स्थानों पर विगत दो माह से लोग घरों में कैद है. केवल जीवनावश्यक वस्तुएं छोडकर अन्य सभी प्रतिष्ठान बंद पडे हुए है. मई माह में जब यह लॉकडाउन आरंभ हुआ तब से लोगों के कारोबार ठप्प है. वे लॉकडाउन खुलने की प्रतीक्षा कर रहे है. उम्मीद थी उन्हें क जून माह में अनलॉक प्रक्रिया आरंभ होगी. लेकिन उनकी उम्मीदों पर अब पानी फिर गया है.
आनेवाले दिनों में जो लॉकडाउन घोषित किया जा रहा है. उसमें सभी दुकानों को भले ही सीमित समय के लिए कारोबार करने की अनुमति दी जाए. इससे विगत दो माह से आथर््िाक संकट झेल रहे व्यापारियों को कुछ राहत मिल सकती है. लेकिन बाजारपेठ पूरी तरह बंद रखा जायेगा तो व्यवसायियों का अर्थचक्र कमजोर हो सकता है.वैसे भी रोजगार बंद रहने के कारण अनेक व्यापारी आर्थिक संकट में फस चुके है. इसलिए उन्हें अब कारोबार की अनुमति दी जानी चाहिए. बेशक व्यापार करते समय अनेक कडे निर्बंध लागू किए जाए. पर कहीं से तो भी अनलॉक प्रक्रिया आरंभ होनी चाहिए. पॉजिटीवविटी रेट भले ही कुछ स्थानों पर अधिक है. यह स्थिति रहने पर यदि कुछ घंटे के लिए व्यापार को अवसर दिया जाता है तो पूरी तरह तो नहीं थोडी बहुत राहत मिल सकती है.
कुल मिलाकर सरकार की ओर से कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे है. लेकिन बीमारी अभी भी नियंत्रण में नहीं आ रही है. इसके चलते जरूरी है कि कुछ न कुछ ठोस कदम उठाए जाए. यदि लॉकडाउन का सिलसिला जारी रहा तो अनेक व्यवसायियों का आर्थिक व्यवहार संकट में आ सकता है. क्योंकि बंद सिर्फ व्यापार ही पर इलेक्ट्रिक बिल, अन्य खर्चे जारी है. ऐसे विरोधाभास में व्यापारी कैसे अपने आपको संभाल पायेगा यह प्रश्न चिन्ह है. यही हाल श्रमिको का भी है्र, ऐसे में सरकार को लॉकडाउन से पूर्व योग्य चिंतन करना चाहिए.

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