लेख

अब्दुल सत्तार बाबु साहब को श्रध्दांजलि

30 वीं पुण्यतिथि पर विशेष

मॉयनॉरिटीज वेलफेअर सोसायटी द्बारा संचालित मॉयनॉरिटीज उर्दू पूर्व माध्यमिक शाला के बानी मरहूम अब्दुल सत्तर साहब को हर साल की तरह इस साल भी 30 वी पुण्यतिथि के अवसर पर श्रध्दांजलि पेश की गई. मरहूम अब्दुल सत्तार बाबु साहब को सभी शिक्षक व छात्रों ने खिराजे अकीदत पेश की व मरहूम के लिए दुआ और कुरान खानी के खुदावंत ताला उन्हे जनतुल्ला फिरदोस में आला मकाम अता फरमाए. श्रध्दांजलि के बाद छात्र छात्रों को स्व. बाबुसाहब के बलिदान समाज सेवा के बारे में मालुमात दी गई.
विदर्भ की मान्यवर शक्सियत बाबु अब्दुल सत्तार जिन को धीरे-धीरे विदर्भवासी नौजवान भूल रहे है. जिस शक्सियत ने सन 1935 में अमरावती नगर परिषद के स्थापना से राजकारण में हमेशा कांग्रेस के साथ रहे. कभी उपाध्यक्ष तो कभी चेअरमन के होयदे पर फायज रहे. 18फरवरी 1990 में निर्वाचन प्रचार के दौरान गवर्नमेंट उर्दू एकेडेमिक के मैदान में कांग्रेस की रैली में, स्व अ. रहमान अंतुले, प्रतिभाताई पाटिल की उपस्थिति में स्टेज पर रोंगटे खडे कर देनेवाला बयान दिया और नीचे गिरे और दम तोड दिया.
समाज में इनकी खिदमत इतनी है कि आज तक इस खाली जगह को कोई भी शक्स पूरा नही कर सका.उन्होंने कौम को एक जगह लाने की हमेशा कोशिश की और देश को आजाद करवाने के लिए कई अंजूमनों से जुडे रहे. इस सिलसिले में कई बार आपको जेल जाना पडा, आखरी दम तक आप कांग्रेस की सेवा करते रहे. कांग्रेस के सक्रीय सहयोग से अमरावती की सीट पर हमेशा कांग्रेस सांसद और विधायक चुने जाते रहे. अपने जीवन के अंतिम समय में महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में बाबु अब्दुल सत्तार ने कांग्रेस की प्रचार सभा में भाषण देते समय अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. उनकी कुरबानी देश और मुस्लिम समुदाय के लिए एक ऐसी मिसाल बन गई है, जिस पर आज भी मुस्लिम समाज का हर व्यक्ति सीना तानकर सर उठाकर गर्व कर सकता है.वह अमरावती के कई मस्जिदों से जुडे थे. बाबु अब्दुल सत्तार साहब ने जमियते उलेमा, अमरावती जिले के अध्यक्ष कब्रस्तान ट्रस्ट कमिटी के अध्यक्ष, जामा मस्जिद ट्रस्ट और अमरावती मुस्लिम सर्व पक्षीय फ्रन्ट के अध्यक्ष के रूप में मुस्लिम समाज और यहां के नागरिको की जो सेवा की उसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है.
बाबु अब्दुल सत्तार साहब विदर्भ के लोगों के दिलों में हमेशा रोशनी बनकर उन्हें भलाई का रास्ता दिखाते रहेेंगे.अल्लाह से दुआ हुआ है कि बाबु अब्दुल सत्तार साहब का जन्नतुल नईम औरजन्नतुल फिरदौस अता फरमाये(आमीन)

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