लेख

कहां हो मन में छुपे रावण…

मुसाफिर है हम तो चले जा रहे है,

बडी ही कठीन नगर की डगर है…जी इस गजल को लेकर एक बार फिर आप की सेवा में मुसाफिर हाजिर हो गया है, आपकी सेवा में इस सप्ताह के रविवार को केंद्रिय न्यायमंत्री रामदास आठवले शहर में पधारे. जहां सर्किट हाऊस में मंत्री आठवले ने कई मुद्दों पर पत्रकारों से चर्चा की. सोमवार को मुसाफिर अपनी सायकिल के बिना ही अंबादेवी दर्शन के लिए भीड में शामील होकर चल पडा तो पाया कि जिले की सांसद नवनीत राणा तथा बडनेरा के विधायक रवी राणा अपने निवास से हजारो की संख्या में अपने समर्थकों के साथ अंबादेवी व एकवीरा देवी के दर्शन लाभ के लिए पदयात्रा कर मंदिर पहुंचे है. वही कई गणमान्यों की उपस्थिती में मां अंबादेवी व एकवीरा देवी के मंदिर में 3 हजार 111 किलों का सुखा मेंवा प्रसाद चढाया गया. कल यानी मंगलवार को दशहरा पर्व रहने के चलते राजापेठ से लेकर कॉटन मार्केट व पंचवटी चौक पर गेंदा फुल विक्रेताओं की दुकाने सजी रही थी. मंगलवार को पुरे शहर व जिले में दशहरा पर्व की धूम मची हुई थी. हर कोई अपने घर के लिए गेंदा फुल व पूजा सामाग्री लेने व बच्चों को कपडे आदि की शॉपींग कराने में व्यस्त नजर आ रहा था. वही सोशल मिडीया में हर कोई एक दुसरे को दशहरा की बढाई के साथ कुछ मार्गदर्शन भी कर रहे थे कि अगर मारना ही है तो अपने मन के अंदर के रावण को मारों. मुसाफिर ने सोचा की रावण आखिर है कहां..? आज के इस प्रतियोगिता के दौर में हर व्यक्ति स्वयं को सर्वश्रेष्ठ व अपने सामने वाले व्यक्ति को तुक्ष समझता है, हर व्यक्ति खुद को महान समझ समझ कर घमंड में चुर होता जा रहा है. वही अपने प्रतिव्दंदी कहे या कॉम्पीटिटर उसके प्रति अपने मन में ईश्या, नफरत, दोखा,चालबाजी,उसे परास्त करने के लिए रोज नये प्लानिंग, निचा दिखाने के लिए बेकार की हरकते करता रहता है.

देश कहे या दुनिया में 100 में से हर एक व्यक्ति खुद को श्रेष्ठ व 99 प्रतिशत लोगों को बेवकुफ बनाता या समझता है. इस 99 प्रतिशत में खुद उसके परिवार के लोग माता-पिता,भाई-बहन, पत्नी-प्रेमिका या जो भी हाते हैे. मगर खुद सुधरने की बजाय सोशल मिडिया का सहारा लेकर दुसरो को सुधरने की सीख देता है. यही सोचते हुए मुसाफिर अपनी वही पुरानी सायकिल के साथ बडनेरा रोड के दशहरा मैदान पर पहुंचा जहां विदर्भ ही नहीं देश की प्रसिध्द व्यायाम अखाडे जिसे हम हनुमान अखाडा भी कहते है. ढलती शाम के बीच यहां के विद्यार्थियों व्दारा विजयादशमी पर्व के अवसर पर एक से बढ कर एक बेहतरीन करतब दिखाए जा रहे थे. वही मुख्य अतिथी के तौर पर जिलाधिकारी व पुलिस आयुक्त भी उपस्थित थे. दोनों अतिथियों ने हव्याप्र की भरपुर तारीफ कर यहां पर शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को भविष्य के लिए कामनाएं भी की. कार्यक्रम समाप्त होने के पश्तात मुसाफिर अपने घर की तरफ बढने लगा तो पाया कि एक दिन पहले जिन गेंदा फुल विक्रेताओं में दशहरा पर्व को लेकर खुशी थी.

मंदी के चलते उनका माल बिक नही पाने की वजह से उन्हें भारी नुकसान मिला. जिसके कारण वे उदास मन लेकर अपने घरों की तरफ बढते हुए रास्तों के किनारे ही गेंदे का फुल फेंक रहे थे. दुसरे दिन यानि बुधवार 25 अक्टुबर को नगर में माता रानी की विदायी व विसर्जन का कार्यक्रम प्रारंभ हो गया. विभिन्न मंडलों में विराजी माता दुर्गा के विसर्जन रैलियों में भक्तीमन से भक्तों ने मातारानी को विदाई दी. इसी तरह दोपहर को नगर के पाठ्यपुस्तक परिसर में फिर से एक बार तेंदुए के दर्शन से पुरा परिसर भयभीत नजर आ रहा था. वनविभाग की रेस्क्यु टीम उस तेंदुएं को पकडने के लिए भरकस प्रयास कर रही थी. मगर मजाल है वह तेंदुआ हाथ आ जाए. नवरात्र के पहले दिन भी नगर की कुछ डगरों पर तेंदुआ महाराज के दर्शन हुए थे. शनिवार दोपहर तक वनविभाग के कर्मचारियों व्दारा ट्रैप कैमरे की मदद से तेंदुुए को खोजने का प्रयास किया जा रहा था. इसी तरह बुधवार की रात में नगर के फर्शी स्टॉप परिसर में भी एक जंगली प्राणी साईल नजर आने से यहां भी नागरिकों में भय देखा गया. मुसाफिर ने सोचा की जब इंसान जंगलों में पेड व खेत काट कर बसने के लिए बिना डरे जा रहा है तो फिर यही जंगली जानवर शहर में आने से क्यों इतना भयभीत होता है. अगर जंगलों में इंसानी हस्तक्षेप बढेगा तो जानवर तो सामने आएगे ही न..? गुरुवार 26 अक्टुबर को एनएचएम कर्मचारियों का कंत्राटी बेस से हटाकर स्थायी रुप से समायोजन करने के लिए जिला परिषद के सामने बेमुदत आंदोलन शुरु हो गया.जहां सैकडो एनएचएम अधिकारी-कर्मचारियों ने धरना में उपस्थिती दर्ज करायी. इन्हें कई जनप्रतिनिधियों सहित संगठनों ने अपना समर्थन घोषित किया. वही पुलिस आयुक्त ने फटाका विक्रेताओं की बैठक लेकर उन्हें बिना लाईसेंस फटाका न बेचने की हिदायत दी. शुक्रवार को केंद्रिय मंत्री नितिन गडकरी के जीवन चरित्र पर बनी मराठी फिल्म गडकरी रिलीज हुई. जिसे देखने के लिए अनेक लोगों ने फिल्म देखी. दोपहर पुलिस आयुक्त रेड्डी ने शहर के तमाम पब संचालकों को बुलाकर उनकी क्लास ली और समझाते हुए हिदायत दी कि सिर्फ बप ही चलाओं डांस बार नहीं.

अब सीपी के आदेश का शहर के कुछ नाम मात्र पब संचालक कितना अमल करते है, यह भविष्य बताएगा.वही मुसाफिर ने राजकमल की ओर रुख किया तो देखा कि मनपा के सामने हजारों की संख्या में आशा वर्कर व गटप्रवर्तक ने मोर्चा निकाल कर आंदोलन किया. मुसाफिर अगले दिन शनिवार को शहर के कुछ छोटे मोटे घटनाक्रमों व कार्यक्रमों को एकत्रित करने निकला तो देख की देश के भूतपूर्व राष्ट्रपती ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती अवसर पर कई विद्यालयों में वाचन कार्यक्रम लिया जा रहा है. वही कुछ शालाओं में गुणवंत विद्यार्थियों व शिक्षकों को सम्मानित भी किया जा रहा है. दोपहर तक मुसाफिर पंचवटी चौक पर पीडीएमसी के छत्रपती शिवाजी सभागृह में पहुंचा जहां जिला बार असोसिएशन की ओर से सर्वोच्च न्यायालय के जज भूषण गवई, जस्टीस अनिल किलोरे, न्यायाधीश वृषाली जोशी सहित कई जजों का व्याखान कार्यक्रम वकीलों के लिए आयोजित किया जा रहा है. वही नये वकीलों को जस्टीस गवई व अन्य के हाथों पुस्तकों का वितरण किया गया. मुसाफिर यहां से निकलकर वापस अपने घर की ओर लौट रहा है. कारण की भुख भी जोरों से लगी हुई है और आपकों अगले सप्ताह के कुछ खट्टी-मिठी खबरों को सुनाने की तैयारी भी करनी है. क्योंकि भुखे पेट भजन न होये गोपाला की तर्ज पर मुसाफिर को इजाजत दिजीए. आशा है आप मुसाफिर की बातों से परेशान व बोर नहीं हुए होगे. फिर भी आपकों मुसाफिर की बातें कैसी लगी. यह जरुर बताए अपनी प्रतिक्रिया के पत्र संपादक दैनिक अमरावती मंडल कार्यालय खापर्डे बगीचा अमरावती में फिर मिलते है. अगले सप्ताह शनिवार को. क्योंकि – ये जीवन है, इस जीवन का यही है, यही है, रंग रुप….

Related Articles

Back to top button