लेख

ठाकरे सरकार का दिमाग ठिकाने है या नहीं!

सुरेखा लुंगारे का सवाल

विगत अनेक दिनों से महाराष्ट्र में ठाकरे सरकार की मनमानी व तुगलकी कारभार शुरु है, जिसे देखकर ऐसा लगता है कि, ठाकरे सरकार का दिमाग जगह पर नहीं है. जिस राज्य में लडकियां, महिला व युवतियां सुरक्षित नहीं, जहां कमीशन दिए बिना कोई काम नहीं होता, राज्य मेें भ्रष्टाचार का बोलबाला है, जहां जनता के स्वास्थ्य की कोई फिक्र नहीं है, बेरोजगारों को रोजगार नहीं तथा किसानों को कोई सहायता नहीं दी गई. फिरौती और वसूली के कारण सामान्य जनता बेहाल है. केंद्र द्बारा भेजा गया अनाज वैसे ही सड रहा है, चांवल काले बाजार में बेचा जा रहा है, वैद्यकीय सुविधाओं का नितांत अभाव है. ऐसी सरकार सामान्य व गरीब जनता के काम कैसे करेगी?
कोरोना की पहली लहर से भी कोई शिक्षा न लेकर ठाकरे सरकार व उनके मंत्री अपने जेबे भरने में लगे है. ऐसी ठाकरे सरकार से सामान्य जनता क्या अपेक्षा रखेगी? कोरोना काल में वैद्यकीय सेवा न सुधारते हुए सामान्य जनता के प्राणों से खेलने का एकमेव कार्य ठाकरे सरकार व उनके मंत्री कर रहे है. केवल घर में बैठकर ऑनलाइन सभाओं द्बारा नागरिकों को मार्गदर्शन करने वाली ठाकरे सरकार आम जनता की भावनाएं नहीं समझ सकती. ठाकरे सरकार जमीन पर उतरकर, जनता में जाकर उनके काम कभी नहीं कर सकती. उन्हें तो केवल मैं और मेरा परिवार केवल इतना ही मालूम है. जनता के भले के काम करने के लिए दूरदृष्टि होना चाहिए, जो वे कभी उम्र भर में नहीं कर पाएंगे. सामान्य जनता के काम इमानदारी व निष्ठा से करने के लिए वैसा दूरदृष्टि वाला नेतृत्व केवल और केवल पूर्व मुख्यमंत्री तथा विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस में ही दिखाई देता है. पिछले वर्ष भर से वे सामान्य जनता के लिए सडक पर उतरकर काम कर रहे है.
कोरोना की दूसरी लहर आने वाली है, इसकी जानकारी होने के बावजूद भी राज्य की जनता के लिए वैद्यकीय सुविधाएं न जुटाते हुए, कोविड मरीजों के लिए अस्पताल न बनवाते हुए साथ ही ऑक्सीजन, रेमडेसिवीर इंजेक्शन की व्यवस्था भी ठाकरे सरकार नहीं कर पाई. वे तो केवल वाजे के समान अनेक लोगों के माध्यम से करोडों रुपए जमा करने में ही लगे रहे. जैसा राजा वैसे उनके मंत्री. उनके भ्रष्टाचार मंत्रियों को उनके कारनामों के कारण इस्तिफे लेने पडे. ठाकरे सरकार के एक भ्रष्टाचारी मंत्री ने वाजे को 100 करोड का टारगेट दिया. किंतु उसे भी भाजपा के झटके के कारण इस्तिफा देना पडा. कहां जाए तो महाराष्ट्र में फिलहाल कोरोना ने कहर ढा रखा है. सर्वसामान्य जनता बडे प्रमाण में काल के गाल में समा रही है, जहां-तहां हाहाकार मचा है. केंद्र सरकार महाराष्ट्र सरकार को सभी प्रकार की बडे प्रमाण मेें सहायता कर रही है. ऐसा होते हुए भी जनता का ध्यान अपनी अकर्मन्यशीलता की ओर तथा भ्रष्टचारी की ओर न जाए इसलिए ठाकरे सरकार और उनके मंत्री अपना दोष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्र सरकार पर मढ रही है. पिछले सव्वासाल के कार्यकाल में ठाकरे सरकार जितनी असफल रही उतनी इससे पूर्व कोई सरकार नहीं रही. आज महाराष्ट्र मेें केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी व पूर्व मुख्यमंत्री तथा विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र की जनता के जनकल्याण के लिए किसी भी प्रकार की राजनीति न करते हुए बडे प्रमाण में ऑक्सीजन व रेमडेसिवीर इंजेक्शन उपलब्ध करवाए. ऐसे में महाराष्ट्र में राजनीति करने की बजाए ठाकरे सरकार को जनकल्याण के काम करना चाहिए अन्यथा यहा की जनता तुम्हें सत्ता से नीचे खींचे बिना नहीं रहेगी.

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