रक्तदान, देहदान तथा नेत्रदान के राष्ट्रीय कार्य में डॉक्टर्स पीछे क्यों?
अमरावती जिला तथा विशेषत: अमरावती महानगर रक्तदान क्षेत्र में संपूर्ण भारत में अग्रणी है. अमरावती रक्तदान समिति के कर्णधार महेंद्र भूतडा तथा उनके सहयोगीगण इस अभियान के प्रणेता है. भारत के उपराष्ट्रपति स्वर्गवासी भैरोसिंह शेखावत ने अपनी अमरावती भेंट में अपने सिर की पगडी महेंद्र भूतडा को पहनाकर उनके रक्तदान अभियान का परम सम्मान किया था. इसी तरह अमरावती नागरिक रक्तदान के साथ देहदान, अंगदान, अन्न दान इत्यादि कार्यो में भी सदा अग्रसर रहते है. अमरावती के प्रख्यात सर्जन डॉ. नंदकिशोर कासट (एम.एस.) का तीन वर्ष पूर्व पूर्वाचंल सिक्कीम यात्रा में अकास्मिक निधन हुआ, तब उनकी इच्छा अनुसार उनकी पत्नी डॉ. वीणादेवी कासट (एमबीबीएस) ने सिक्किम मे ही उनका वहां के मेडिकल कॉलेज में देहदान किया था, साथ ही एक एम्बुलेंस भी मेडिकल कॉलेज को दान की थी. उनकी पत्नी डॉ. वीणा कासट का भी एक माह पूर्व अमरावती में निधन हुआ. उनकी इच्छा अनुसान उनका भी अमरावती में डॉ. पंजाबराव मेडिकल कॉलेज में देहदान किया गया.
अभी अक्षय तृतीया 14 मई को अमरावती ब्राम्हण महासभा द्बारा भव्य रक्तदान शिविर संपन्न हुआ. इसमें अन्य अनेक गणमान्यों के अलावा स्थानीय सुपरस्पेशालिटी अस्पताल के प्रभारी डॉ. रविभूषण तथा उनकी पत्नी डॉ. शमा रविभूषण ने भी रक्तदान किया. रक्तदान के दिन डॉ. शमा के उपवास (रोजे) का 30 वां अंतिम दिन था यह विशेष स्मरणीय है. परंतु देहदान व रक्तदान के इस पवित्रतम कार्य में जहां सामान्य नागरिक बढ-चढकर हिस्सा लेते है वहीं देहदान और रक्तदान का सामाजिक और राष्ट्रीय महत्व जानते हुए भी हमारे डॉक्टर्स (महिला एवं पुरुष) स्वयं इस पवित्र अभियान में दूर-दूर तक नजर नहीं आते. डॉ. कासट दंपत्ति एवं डॉ. रविभूषण दंपत्ति अभिनंदन के अधिकारी है परंतु रक्तदान और देहदान तथा नेत्रदान के इस राष्ट्रीय तथा सामाजिक महान कार्यो में हमारे डॉक्टर भाई बहन क्यों नहीं स्वयं सम्मिलित होते? वैद्यकीय क्षेत्र के डॉक्टर्स जुडने से यह रक्तदान, देहदान और नेत्रदान अभियान जनता में अधिक तीव्रता से फलीभूत होगा.
– दयालनाथ मिश्रा, अमरावती
मो. नंबर 9970059909