आज की भागदौड़ व स्पर्धात्मक जीवन के कारण नागरिक बीमार होने से पूर्व उनके स्वास्थ्य की चिंता करना भूल जाते हैं. जिससे लोगों को हृदयविकार, कैंसर, मधुमेह, मानसिक स्वास्थ्य की समस्या एवं हार्मोनल असंतुलन होकर विविध बीमारियां होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. जिसके चलते अनेक असाध्य बीमारियों का नागरिकों को सामना करना पड़ता है. इसलिए प्रत्येक आयु उम्र के युवा, वृद्ध व व्यवसायिक व्यक्ति के लिए अपने स्वास्थ्य की नियमित जांच करना आवश्यक हो गया है.
7 अप्रैल विश्व स्वास्थ्य दिन निमित्त सभी सुविधाओं से सुसज्ज हॉस्पिटल रिम्स में कम से कम शुल्क में विविध प्रकार के हेल्थ चेक-अप का आयोजन किया गया है.
डॉ. प्रफुल्ल कडु कन्सल्टंट रिम्स हॉस्पिटल अमरावती के अनुसार समय पर स्वास्थ्य जांच करना व स्वयं के स्वास्थ्य की चिंता करना अत्यंत महत्वपूर्ण है. जिसके चलते डॉक्टरों के विचारों से बीमारी के लक्षण दिखाई देने से पूर्व ही जांच करवाने पर बीमारी होने की शुरुआत के चरण में ही तुरंत उपचार मिलकर वह शीघ्र ठीक होने की संभावना रहती है. एखाद व्यक्ति को कितनी बार वैद्यकीय सहायता एवं जांच करने की आवश्यकता है यह उस व्यक्ति की उम्र, पारिवारिक स्वास्थ्य की जानकारी एवं उनकी जीवन शैली पर अवलंबित होता है.
नियमित रुप से डॉक्टरों की सलाह एवं मार्गदर्शन लेने पर डॉक्टरों को मरीज के शरीर में होने वाले बदल का निरीक्षण करने में अत्यंत सुविधा हो सकती है और इसलिए ही उस व्यक्ति का रोग निदान करना सहज संभव होता है. उचित स्वास्थ्य सेवा, स्क्रिनींग एवं उचित उपचार मिलकर मरीज दीर्घ एवं निरोगी जीवन आनंद से जी सकता है.
नियमित जांच करने पर हम निरोगी है या नहीं, इसका आकलन किया जा सकता है. प्रारंभिक चरण पर संभावित जानलेवा स्वास्थ्य की स्थिति को जानना व उस पर उचित उपचार शुरु करना संभव होता है. उचित समय पर उपचार न मिलने पर रोगी तुरंत ठीक होने की संभावना अधिक रहती है, जिसके चलते डॉक्टरों को भी गंभीर बीमारी का उचित निदान करने में मदद मिलती है और उपचार अधिक प्रभावी साबित हो सकता है. पहले से ही रहने वाली बीमारी का निरीक्षण करने पर जोखीम व परेशानी कम हो सकती है, जैसे कि मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल इस बीमारी की नियमित जांच करने पर उन्हें उसके शेष जीवन में उपरोक्त बीमारी से व होने वाले संभावित धोखे से उदा. हृदयविकार, लकवा, किडनी समस्या को टाला जा सकता है.
कालांतर में स्वास्थ्य पर होने वाला खर्च कमक हो सकता है और जानलेवा व धोखादायक बीमारी से वे स्वयं को दूर रख सकते हैं. नई वैद्यकीय जानकारी और अद्यावत तकनीकी ज्ञान के आधार पर अनेक विषयों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है. बदलते समय के अनुसार 21 वें शतक के नागरिक स्वास्थ्यदायी जीवनशैली किस तरह स्वीकार कर सकें, इसके लिए वैद्यकीय सलाह एवं मार्गदर्शन ले रहे हैं. आज की पीढ़ी के नागरिक नियमित उचित आहार, नियंत्रित वजन एवं शारीरिक व्यायाम के बारे में जागृत हैं. वहीं अपने स्वास्थ्य की ओर ध्यान देने के साथ ही हम कितने निरोगी हैं, यह समझने के लिए एवं मनःशांति के लिए नियमित प्रतिबंधात्मक स्वास्थ्य जांच करना आवश्यक है.
– डॉ. प्रफुल्ल कडु, हृदयरोग व मधुमेह रोग तज्ञ