यशोदीप है यशोमतिताई
भारतीय जनमानस में अक्सर कुलदीपक के तौर पर बेटा होने की कामना की जाती है और बेटियों को पराया धन माना जाता है. लेकिन बदलते दौर में कई बेटियों ने अपने कार्य कर्तृत्व के दम पर इस अवधारणा को बदलने का काम किया है. साथ ही यह साबित किया है कि, यदि उन्हें मौका मिलता है और उन पर विश्वास जताया जाता है, तो वे भी यशोदीप बन सकती है. ऐसी ही यशोदीप पूर्व विधायक स्व. भैय्यासाहब ठाकुर की सुपुत्री तथा राज्य की कैबिनेट मंत्री यशोमति ठाकुर को कहा जा सकता है, जो आज सभी के लिए, विशेषकर महिलाओं व युवतियों के लिए किसी मिसाल से कम नहीं है.
पूरी तरह से ग्रामीण इलाका रहनेवाले तिवसा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का वे विगत 12 वर्षों से प्रतिनिधित्व कर रही है और इस दौरान उनके द्वारा किये गये काम बेहद आश्चर्यचकित कर देनेवाले है. वे पहली बार वर्ष 2009 में विधायक निर्वाचित हुई. उस समय राज्य में कांग्रेस की सरकार थी और इन पांच वर्षों के दौरान उन्होंने तिवसा के ग्रामीण क्षेत्रों में रास्तों का निर्माण कराने के साथ-साथ विविध तीर्थस्थलों का कायाकल्प भी किया. अपने निर्वाचन क्षेत्र में उनका इतना अधिक जनसंपर्क रहा कि, उन्हें काम करने के लिए पूरा दिन भी कम पडता था, ऐसा कहा जा सकता है.
आक्रामक नेतृत्व क्षमता रखनेवाली यशोमति ठाकुर द्वारा किसी भी काम को लेकर अपनाई जानेवाली सीधी-सपाट और आक्रामक भूमिका हमेशा ही चर्चा का विषय रही. निर्वाचन क्षेत्र की जनता के साथ रहनेवाला उनका प्रगाढ संबंध और उनके नेतृत्व पर रहनेवाला जनता का विश्वास ही उनकी सबसे बडी ताकत रहे. सिंचाई के मामले, महिला बचत गुटों को ब्याज मुक्त कर्ज आपूर्ति, अप्पर वर्धा बांध से किसानों को पानी की उपलब्धता आदि विषयों को लेकर यशोमति ठाकुर द्वारा किया गया निर्णायक संघर्ष 278 करोड रूपयों की महत्वाकांक्षी गुरूकूंज उपसा सिंचन योजना, 150 करोड रूपयोंवाले गुरूकूंज मोझरी विकास प्रारूप, 40 करोड रूपये वाले वलगांव स्थित कर्मयोगी संत गाडगेबाबा निर्वाण भूमि विकास प्रारूप, 40 करोड रूपयेवाले श्री क्षेत्र कौंडण्यपूर विकास प्रारूप के साथ ही तिवसा के ग्रामीण अस्पताल को उपजिला अस्पताल का दर्जा देने और वहां पर ट्रामा केयर यूनिट शुरू करने तथा तिवसा में अत्याधुनिक क्रीडा संकुल स्थापित करने जैसे विकास काम हमेशा ही सबका ध्यान अपनी ओर खींचते है. साथ ही विधानमंडल अधिवेशन में भी यशोमति ठाकुर सबसे अव्वल स्थान पर रही.
अमरावती जिले के पालकमंत्री के तौर पर उन्होेंने वाकई पूरे जिले का पालकत्व बडे शानदार तरीके से निभाया और कोविड संक्रमण काल के दौरान जहां स्वास्थ्य सुविधाओं को चुस्त-दुरूस्त किया. वहीं दूसरी ओर तमाम जरूरतमंदों को आवश्यक सहायता भी प्रदान की. इस दौरान उन्होंने कोविड संक्रमण को नियंत्रण में लाने हेतु कई कठोर निर्णय भी लिये. यहीं भूमिका उन्होंने उस समय भी अपनायी, जब विगत नवंबर माह के दौरान अमरावती में धार्मिक तनाव व दंगेवाली स्थिति बनी, उस समय हालात को नियंत्रित करने हेतु उन्होंने शहर में कर्फ्यू लागू करने के साथ-साथ इंटरनेट बंदी करने का निर्णय भी लिया, जो काफी मददगार साबित हुआ.
विगत 13 वर्षों से यशोमति ठाकुर तिवसा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रही है. पूरी तरह से ग्रामीण इलाका रहनेवाला यह निर्वाचन क्षेत्र आज उनके विकास कार्यों का जीवित साक्ष्य है. विकास को लेकर अलग विजन रखनेवाली यशोमति ठाकुर ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्य करवाये. जिसके तहत इस तहसील के सभी गांवों को जिला मुख्यालय से जोडने हेतु रास्तों का निर्माण, ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य व पानी की समस्या जैसे विभिन्न कामों को लेकर तेज रफ्तार से काम किया गया. साथ ही उन्होंने क्षेत्र के तीर्थस्थलों का विकास करने की ओर विशेष ध्यान दिया. जिसके चलते मोझरी गुरूकूंज विकास प्रारूप, वलगांव में संत गाडगेबाबा निर्वाण भूमि विकास प्रारूप तथा श्री क्षेत्र कौंडण्यपुर विकास प्रारूप में किये गये कामों को मिल का पत्थर कहा जा सकता है. इसके साथ ही किसानों, महिलाओें व बचत गुटों से संबंधित विविध काम ताई के प्रयासों से पूर्ण हुए है. साथ ही राज्य की कैबिनेट मंत्री बनने के बाद भी समाज के अंतिम घटक तक उनका जनसंपर्क लगातार बना हुआ है. यहीं बात उन्हें सबसे अलग भी दर्शाती है.
आज यशोमतिताई को उनके जन्मदिवस के अवसर पर अनेकानेक शुभकामनाएं. साथ ही यह उम्मीद व मंगलकामना भी है कि, वे बहुत जल्द अपने राजनीतिक जीवन में नई उंचाईयों को छुए.
– रितेश पांडव
पूर्व अध्यक्ष, युवक कांग्रेस, तिवसा विधानसभा क्षेत्र