लेख

यशोगामिनी यशोमति ठाकुर की यशोगाथा

किसी भी कार्य या उपलब्धि के लिए स्त्री या पुरूष की मर्यादा नहीं हो सकती और ऐसी मर्यादाओं को पार करनेवाले लोग ही इतिहास रच सकते है. जिले की पालकमंत्री यशोमति ठाकुर भी ऐसे ही व्यक्तित्व की धनी है. पूरी तरह से ग्रामीण इलाका रहनेवाले तिवसा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का वे विगत 12 वर्षों से प्रतिनिधित्व कर रही है और इस दौरान उनके द्वारा किये गये काम बेहद आश्चर्यचकित कर देनेवाले है. वे पहली बार वर्ष 2009 में विधायक निर्वाचित हुई. उस समय राज्य में कांग्रेस की सरकार थी और इन पांच वर्षों के दौरान उन्होंने तिवसा के ग्रामीण क्षेत्रों में रास्तों का निर्माण कराने के साथ-साथ विविध तीर्थस्थलों का कायाकल्प भी किया. अपने निर्वाचन क्षेत्र में उनका इतना अधिक जनसंपर्क रहा कि, उन्हें काम करने के लिए पूरा दिन भी कम पडता था, ऐसा कहा जा सकता है.
आक्रामक नेतृत्व क्षमता रखनेवाली यशोमति ठाकुर द्वारा किसी भी काम को लेकर अपनाई जानेवाली सीधी-सपाट और आक्रामक भूमिका हमेशा ही चर्चा का विषय रही. निर्वाचन क्षेत्र की जनता के साथ रहनेवाला उनका प्रगाढ संबंध और उनके नेतृत्व पर रहनेवाला जनता का विश्वास ही उनकी सबसे बडी ताकत रहे. सिंचाई के मामले, महिला बचत गुटों को ब्याज मुक्त कर्ज आपूर्ति, अप्पर वर्धा बांध से किसानों को पानी की उपलब्धता आदि विषयों को लेकर यशोमति ठाकुर द्वारा किया गया निर्णायक संघर्ष 278 करोड रूपयों की महत्वाकांक्षी गुरूकूंज उपसा सिंचन योजना, 150 करोड रूपयोंवाले गुरूकूंज मोझरी विकास प्रारूप, 40 करोड रूपये वाले वलगांव स्थित कर्मयोगी संत गाडगेबाबा निर्वाण भूमि विकास प्रारूप, 40 करोड रूपयेवाले श्री क्षेत्र कौंडण्यपूर विकास प्रारूप के साथ ही तिवसा के ग्रामीण अस्पताल को उपजिला अस्पताल का दर्जा देने और वहां पर ट्रामा केयर यूनिट शुरू करने तथा तिवसा में अत्याधुनिक क्रीडा संकुल स्थापित करने जैसे विकास काम हमेशा ही सबका ध्यान अपनी ओर खींचते है. साथ ही विधानमंडल अधिवेशन में भी यशोमति ठाकुर सबसे अव्वल स्थान पर रही.
वर्ष 2009 में विधायक निर्वाचित होने के बाद से लेकर अब तक अपने दस वर्ष के कार्यकाल दौरान यशोमति ठाकुर ने शुरू में जिस उत्साह के साथ काम किया, उसी उत्साह के साथ वे आज भी काम करती है और कार्यकाल के शुरूआती दौर में उनके द्वारा किये गये विकास कार्य आज भी उनकी यशोगाथा कहते है.
राज्य की विधानसभा में वे एकमात्र ऐसी महिला विधायक रही जिन्होंने अलग-अलग मुद्दों को लेकर सर्वाधिक प्रश्न उपस्थित किये. जिसके तहत वर्ष 2014 से 2019 के दौरान उन्होंने कुल 97 प्रश्न पूछे थे. जिसमें 25 प्रश्न खेती-किसानी व किसानों तथा 12 प्रश्न जलकिल्लत व सिंचाई सुविधा को लेकर थे. इसके अलावा नीति संबंधी विषयों को लेकर विगत पांच वर्षों के दौरान जिन चार विधायकों ने सवाल उपस्थित किये, उनमें भी यशोमति ठाकुर का समावेश था. सरकार की गलत नीतियों को लेकर उन्होंने हमेशा ही आवाज उठाई. जिसकी वजह से सरकार को उनकी आक्रामकता के सामने कई बार झूकना भी पडा और अपने फैसले भी बदलने पडे. यशोमति ठाकुर ने अनेकों बार सदन में सरकार को जमकर आडे हाथ भी लिया. यद्यपि वे महिला विधायक रही, किंतु वे अपने कर्तव्य में कभी कम नहीं पडी और जिस-जिस समय सरकार ने गलत निर्णय लिया, तब-तब उन्होने विरोधी पक्ष की विधायक के तौर पर सरकार की नीतियों का विरोध किया. यदि किसान आत्महत्या कर रहे है और सरकार इसे लेकर कोई फैसला नहीं कर रही है, तो यह सरकार का नैतिक पराभव है, ऐसा स्पष्ट विचार उन्होंने सदन में रखा. साथ ही महिला बचत गटों को 11 लाख रूपये का ब्याजमुक्त कर्ज मिलने की मांग उन्होंने बडी प्रखरता के साथ सदन के सामने रखी. इसके अलावा इन दिनों देश में बढ रही मॉबलिंचिंग की घटनाओं, महिलाओं के अधिकार तथा धनगर, कोली, मुस्लिम व लिंगायत समाज के आरक्षण के मामले भी उन्होंने पूरी प्रखरता के साथ सदन के सामने रखे.
आज यशोमतिताई महाविकास आघाडी सरकार में महिला व बालकल्याण मंत्री के तौर पर काम कर रही है और महिलाओं के लिए विविध नीतियों, अनाथ बच्चों के लिए भविष्यकालीन उपाययोजनाओं तथा अंगणवाडी व आशा सेविकाओं के हितों के लिए वे सतत प्रयासरत है. अपने पूरे राजनीतिक जीवन में यशोमतिताई ने कभी भी आलोचनाओं की फिक्र नहीं की और उन्होंने विरोधियोें द्वारा की जानेवाली आलोचना को कभी कोई महत्व नहीं दिया. क्योेंकि उनका मानना है कि, ऐसी आलोचनाएं केवल व्यक्तिगत स्वरूप की होती है और इनका समाज की भलाई से कोई लेना-देना नहीं रहता. आज भले ही यशोमतिताई ठाकुर राज्य सरकार में मंत्री है, लेकिन वे खुद को पहले की तरह पार्टी का आम कार्यकर्ता ही मानती है और राजनीति में आगे बढने के लिए हमेशा ही युवाओं को प्रोत्साहित करती है. आसमान की बुलंदियों को छू लेने के बाद भी उनके पांव और निगाहें आज भी जमीन पर टिके हुए है. आज 17 मई को उनके जन्मदिवस पर मन:पूर्वक शुभेच्छा.
– वैभव वानखडे
पूर्व नगराध्यक्ष, नगर परिषद, तिवसा
सदस्य, जिला नियोजन समिती
अध्यक्ष, छत्रपति संगठन
जिलाध्यक्ष, नगरसेवक परिषद (महाराष्ट्र)

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