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खाद पदार्थाे की गुणवत्ता जरूरी

७ जून से शहर में पाबंदियों को कुछ हद तक शिथिल किया गया है. परिणाम स्वरूप शहर की लगभग सभी दुकानें खुल गई है. इसमें चटपटे व्यंजनों की चाट दुकानें भी शामिल है. अन्न एवं औषधी प्रशासन ने खाद्य पदार्थ बननेवाले लगभग ३० प्रतिष्ठानों को नोटिस थमाकर गुणवत्ता बनाए रखने को कहा है. लॉकडाउन में शिथिलता के बाद इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है कि जनस्वास्थ्य किन्हीं कारणों से प्रभावित न हो. खाद्य पदार्थो का सभी से निकट का संबंध आता है. जिससे स्वास्थ्य से यह क्षेत्र जुड़ गया है. यदि पदार्थो की गुणवत्ता योग्य नहीं रही तो इसका खामियाजा बीमारी के रूप में लोगों को भुगतना पड सकता है. इसलिए प्रशासन की ओर से खाद्य पदार्थ विक्रेताओं को जिन निर्देशों का पालन करने को कहा गया है उसका अवश्य पालन होना चाहिए. मानसून आरंभ हो गया है. मानसून के दौरान अनेक बीमारियां खान पान से ही जुडी रहती है. विशेषकर जलजन्य रोग की अधिकता बरसात के मौसम में पायी जाती है. इसके लिए खाद्य पदार्थो के साथ साथ पेयजल भी गुणवत्ता पर खरा उतरना चाहिए. अन्यथा पेयजल के कारण भी अनेक बीमारियां अपना पंख फैला सकती है. इस दृष्टि से जरूरी है कि खाद्यान्न पदार्थो के विक्रेता पर्याप्त सावधानी बरते. पाया जाता है कि अनेक चाट भंडारों में ज्यादा मुनाफा हासिल करने के लिए जो खाद्य तेल उपयोग में लाया जाता है. उसकी गुणवत्ता कायम रहना जरूरी है. अधिकांश चाट विक्रेताओं के हाथ ठेलों पर खाद्य पदार्थो को प्रदूषण एवं अन्य प्रतिकूल स्थितियों से बचाने के लिए पर्याप्त रूप से ढंकने की व्यवस्था नहीं की गई है. यही वजह है कि खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता के लिए संबंधित विभाग को नोटिस जारी करना पड रहा है. शहर के अनेक क्षेत्रों में खुले में खाद्य पदार्थो की बिक्री की जाती ैहै. जबकि ऐसा करना उचित नहीं है. इसके लिए जरूरी है कि खाद्य पदार्थो को ढंककर रखा जाए ताकि धूल आदि का संक्रमण खाद्य पदार्थो पर न हो. यदि इस तरह का ध्यान रखा जाए तो भविष्य में अनेक संक्रामक बीमारियों से बचा जा सकता है. इसी तरह पानी की भी गुणवत्ता जरूरी है. अनेक स्थानों पर पाया जाता है कि पानी में आवश्यक जंतुनाशक दवाईयों का उपयोग नहीं किया जाता. इससे पानी दूषित होने का खतरा रह सकता है. जरूरी है कि हर दुकानों में जो पेयजल दिया जाता है उसकी भी शुध्दता की जांच की जानी चाहिए. विशेषकर कोरोना का संक्रमण अभी कायम है. ऐसे में लॉकडाउन खुलने के कारण संक्रमण फिर से अपना रूप न दिखाए. इसलिए अनेक सावधानियां आवश्यक है.
यदि खाद्य पदार्थो में गुणवत्ता नहीं रखी गई तो उसके दुष्परिणाम सामने आ सकते है. इसके लिए जरूरी है कि संबंधित प्रशासन पदार्थो की गुणवत्ता की नियमित जांच करे. खाद्य पदार्थ विक्रेताओं को भी विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. ताकि जनस्वास्थ्य पर प्रभाव न पड़े. इसके अलावा कोरोना संक्रमण अभी जारी है. जिसके चलते हमें कोरोना से बचाव के लिए विशेष प्रयास किए जाने चाहिए. खासकर प्रशासन द्वारा दिए गये कोरोना बचाव के टिप्स का भी ध्यान रखना आवश्यक है. जिसमें सोशल डिस्टेसिंग, मास्क लगाना,परिसर को सैनिटायजर करना सहित साबुन से दिन में अनेक बार हाथ धोना का भी समावेश है. पाया जाता है कि चाट भंडार के ठेलों एवं अनेक फल विक्रेताओं द्वारा दिन भर व्यवसाय किया जा रहा है. (दोपहर ४ बजे तक )फल बेचे जाते है. ऐसे में फलों को धूप आदि के कारण नुकसान होता है. इसलिए फलों को भी सुरक्षित रहने की दिशा में कार्य करना चाहिए. प्रशासन को इस बात पर विशेष ध्यान देना होगा कि शहर में बिकनेवाले खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता भी कायम रहे. यदि कोई गुणवत्ता के मामले में लापरवाही बरतता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी होना चाहिए.
कुल मिलाकर कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में प्रशासन ने अनेक कदम उठाए है. जिसका लाभ भी लोगों को मिल रहा है. मंगलवार को कोरोना संक्रमितों की संख्या केवल १३८ रही. निश्चित रूप से प्रशासन के निर्बंधों की यह फलश्रुति है. वर्तमान में जिस तेजी से कोरोना पर नियंत्रण हो रहा है. उसे बनाए रखने के लिए सभी को सावधानी बरतना जरूरी है. कोरोना वैक्सीन यह बीमारी से बचाव का महत्वपूर्ण साधन है. इसलिए हर सभी पात्र व्यक्तियों को वैक्सीन के मामले में लापरवाही नहीं बरतना जरूरी है. योग्य समय पर यदि वैक्सीन ली जाती है तो इससे भी कोरोना संक्रमण ्मेें लाभ मिलेगा.

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