काटा नहीं गया था, हादसे में टूटा था एएसआय कलाम का पैर

कार की टक्कर से बुरी तरह घायल होने के बाद पेट व कमर पर मारे गए थे चाकू

* पीएम करनेवाले डॉक्टरों व पुलिस के बीच हुई चर्चा के बाद सामने आया निष्कर्श
* पुलिस वार्दात में शामील अन्य लोगों के कनेक्शन भी सरगर्मी से खंगाल रही
* तीन आरोपी पहले ही है पुलिस की गिरफ्त में, पीसआर के तहत हो रही पुछताछ
अमरावती / दि.4 – विगत शनिवार 28 जून को घटीत एएसआय अब्दुल कलाम अब्दुल कदीर के हत्याकांड मामले में अब एक नई जानकारी सामने आयी है. अब तक यह माना जा रहा था कि शायद आरोपियों ने अब्दुल कलाम को अपनी कार से टक्कर मारने के बाद धारदार हथि यार से वार करते हुए उनके एक पैर को काट दिया था. लेकिन अ. कलाम के शव का पोस्टमार्टम करनेवाले डॉक्टरों एवं जांच में लगे पुलिस अधिकारियों के बीच तथ्यों के आधार पर हुई चर्चा के बाद अब यह जानकारी सामने आयी है कि अ. कलाम के पाव को आरोपियों ने नहीं काटा था. बलकि कार द्बारा जोरदार टक्कर मारे जाने के बाद जमीन पर गिरे अ. कलाम का पाव कार के पहिए के नीचे कुचला गया था. साथ ही पुलिस अधिकारियों व डॉक्टरों के बीच हुई चर्चा में यह बात भी साबीत हुई. कार की टक्कर के बाद बुरी तरह घायल अ. कलाम जिवीत थे. जिन्हें जिंदा देख आरोपी घबरा गए थे. और उन्होंने अ. कलाम को मौत के घाट उतारने की नियत से उनके पेट व कमर पर चाकू के सपासप वार किए थे. जिसके चलते अ. कलाम की मौके पर ही मौत हो गई थी.
बता दे कि मामले में गाडगे नगर पुलिस ने आरोपियोंं के तौर पर जीयानउद्दीन व दर्यापुर निवासी आवेज खान को गिरफ्तार करते हुए पुलिस कस्टडी रिमांड में लिया है. वहीं फाजील खान नामक तीसरा आरोपी फिलहाल इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती है. पुलिस सुत्रों के मुताबिक विगत 28 जून की शाम जब एएसआय अ. कलाम अपनी दुपहिया पर सवार होकर जमील कॉलोनी स्थित अपने निवास से वलगांव पुलिस थाने की ओर जाने निकले थे, तब यही तिनों आरोपी वलगांव रोड पर अमन पैलेस के पास स्थित एक होटल पर अ. कलाम के आने का इंतजार कर रहे थे और जैसे ही उन्हें अ. कलाम दुपहिया पर सवार होकर वलगांव की ओर जाते दिखे, तो तीनों आरोपियों ने अपनी कार के जरिए उनका करिब एक किमी तक पिछा किया और नवसारी टी पॉइंट के निकट ऑर्चिड स्कूल के पास रास्ता सुनसान दिखाई देते ही लगभग 120 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से कार चलाते हुए अ. कलाम की दुपहिया को पिछे से जोरदार टक्कर मार दी. जिसे अ. कलाम तेजी के साथ जमीन पर गिरकर घायल हो गए थे और उनका दुपहिया वाहन चकनाचुर हो गया था. इस समय आरोपियों की कार का अगला हिस्सा भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ था और कार में सवार ॅफाजील खान नामक आरोपी के पांव में चोट लगी थी. वहीं अन्य दो आरोपियों ने कार से निचे उतरकर जमीन पर पडे अ. कलाम को देखा था, जिनकी सांसे बुरी तरह घायल रहने के बावजूद भी चल रही थी. इस समय अ. कलाम का एक पांव कार की चपेट में आकर कुचला जा चुका था. ऐसे में अ. कलाम के जिंदा देखकर दोनों आरोपियों ने उन पर चाकू से सपासप वार किए थे और फिर तीनों आरोपी मौके से फरार हो गए थे.
पुलिस जांच में यह बात भी सामने आयी है कि इस वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों आरोपियों ने वहां से गुजर रहे कुछ वाहन चालकों से लिफ्ट मांगी थी और अपने साथ सडक हादसा होने व हादसे में अपना एक साथीदार घायल होने की जानकारी देते हुए मदद की गुहार लगाई थी. जिसके चलते दो वाहन चालकों ने इन तीनों आरोपियों को लिफ्ट देते हुए उनकी मदद कर उन्हें अस्पताल पहुंचाया था. ऐसे मेें अब पुलिस लिफ्ट देनेवाले उन वाहन चालकों की तलाश करने के साथ साथ इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या वाकई उन वाहन चालकों ने आरोपियों की अनजाने में मदद की थी. या फिर वे लोग भी आरोपियों के साथीदार व जान पहचानवाले थे. इसके साथ ही आरोपियों द्बारा अ. कलाम हत्याकांड से पहले व बाद किन किन लोगों के साथ संपर्क किया गया था. इसका कनेक्शन भी पुलिस द्बारा खंगाला जा रहा है. इन्ही तमाम जांच पडताल के बीच यह जानकारी सामने आयी कि उक्त घटना में आरोपियों द्बारा एएसआय कलाम के पांव को नहीं काटा गया था. बल्कि अ. कलाम का पांव कार की टक्कर की वजह से क्षतिग्रस्त हुआ था. ऐसे में अब पुलिस ने अपने हिरासत में रहनेवाले आरोपियों से पुछताछ करने के साथ साथ तकनिकी आधार पर मामले की जांच पडताल कर ध्यान केंद्रीत करना शुरू कर दिया है.
विशेष उल्लेखनिय यह कि एएसआय कलाम हत्याकांड मामले में खुद पुलिस आयुक्त अरविंद चावरिया द्बारा व्यक्तीगत तौर पर ध्यान दिया जा रहा है और सीपी चावरिया ने गत रोज ही यह स्पष्ट किया था कि एएसआय कलाम के हत्यारोपियों के खिलाफ अदालत में बेहद मजबुत चार्जशिट पेश की जाएगी ताकि आरोपियों को बचने का कोई मौका न मिल सके. साथ ही सीपी चावरिया ने आरोपियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए इस मामले की सुनवाई फास्टट्रैक कोर्ट में करवाने हेतु प्रयास करने की बात भी कही थी.

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