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धीरेंद्र शास्त्री को लेकर फिर मचा बवाल

संत तुकाराम से संबंधित बयान के चलते हंगामा

* बागेश्वर बाबा के खिलाफ कार्रवाई करने की उठ रही मांग
* विधायक मिटकरी व पवार सहित देहु संस्थान ने जताई आपत्ति
मुंबई/दि.30 – विगत कुछ दिनों से लगातार चर्चा व विवादों में चल रहे बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज को लेकर अब एक बार फिर हंगामा मच गया है. धीरेंद्र शास्त्री द्बारा महाराष्ट्र के संत श्रेष्ठ कहे जाते संत तुकाराम के बारे में दिए गए एक बयान को लेकर पूरे राज्य में संतप्त प्रतिक्रियाए देखी जा रही है. साथ ही वारकरी संप्रदाय सहित विपक्षीय नेताओं द्बारा बागेश्वर बाबा के खिलाफ कडी कार्रवाई करने की मांग भी जोर पकड रही है.
इस समय सोशल मीडिया व बागेश्वर धाम सरकार कहे जाते आचार्य धीरेंद्र शास्त्री का एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. जिसमें वे संत तुकाराम और उनकी पत्नी से संबंधित एक प्रसंग को बताते नजर आ रहे है. इस वीडियो के सामने आते ही राकांपा विधायक अमोल मिटकरी व रोहित पवार सहित देहु संस्थान द्बारा तीव्र प्रतिक्रिया दी गई है. जिसके तहत विधायक अमोल मिटकरी ने यहां तक कहा कि, संत तुकाराम को लेकर विवादास्पद व्यक्तत्व देने वाले बागेश्वर बाबा जहां कहीं पर भी दिखाई दे, उनकी वहीं पर जमकर पिटाई की जाए. साथ ही बागेश्वर बाबा को लेकर राज्य सरकार द्बारा साधी गई चूप्पी पर भी सवालिया निशान उठाते हुए राकांपा नेता अमोल मिटकरी ने कहा कि, राज्य में जब से शिंदे-फडणवीस सरकार सत्ता में आयी है, तब से राज्य में बाबाओं की अच्छी खासी पैदावार दिखाई दे रही है और अंधविश्वास फैलाने का आरोप रहने वाले बागेश्वर बाबा जैसे लोग बेसिर पैर के बयान दे रहे है. लेकिन वारकरी संप्रदाय व अधिष्ठान के संदर्भ में किसी भी तरह की आपत्तिजनक बात को बिल्कूल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
वहीं दूसरी ओर राकांपा विधायक रोहित पवार ने कहा कि, बागेश्वर बाबा जैसे लोगों की बडबड को भले ही मध्य प्रदेश में बर्दाश्त किया जाता होगा, लेकिन भक्ति व प्रेम का संदेश देने वाले महान संतों तथा वारकरी संप्रदाय के बारे में इस तरह की हरकतों को महाराष्ट्र में बिल्कूल भी सहन नहीं किया जाएगा. ऐसे व्यक्ति को महाराष्ट्र सरकार ने संत तुकाराम के शब्दों में ही जवाब देना चाहिए. ऐसे लोगों के लिए संत तुकाराम ने कहा था कि, ऐसे बदमाशों के नाजूक अंग पर हमला किया जाए, तो उनके मूंह बंद हो जाते है. अत: सरकार सहित वारकरी संप्रदाय ने इस बात को बेहद गंभीरता से लेना चाहिए.
उधर देहु संस्थान द्बारा संत श्रेष्ठ तुकाराम महाराज को लेकर आचार्य धीरेंद्र शास्त्री द्बारा दिए गए बयान पर अपनी कडी आपत्ति दर्ज करते हुए कहा गया कि, वारकरी संप्रदाय की पहचान हमेशा से ही सहिष्णू समाज की रही है और वारकरी संप्रदाय द्बारा संत तुकाराम सहित महाराष्ट्र के सभी महान संतों के प्रति गहरी आस्था रखी जाती है. ऐसे में किसी ने भी वारकरी संप्रदाय की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए. विवादास्पद बयान के लिए बागेश्वर धाम सरकार यानि आचार्य धीरेंद्र शास्त्री को माफ करने की भूमिका अपनाते हुए देहु संस्थान के विश्वस्त माणिक महाराज मोरे ने महाराष्ट्र के तमाम वारकरियों से आवाहन किया कि, वे इस संदर्भ में कोई भी प्रतिक्रिया ना दें, साथ ही उन्होंने सरकार से ही यह आवाहन किया कि, संतों पर कोई भी किसी भी तरह का अनर्गल बयान न दें, इस हेतु सशक्त कानून बनाया जाए.
इसके अलावा भाजपा अध्यात्मिक आघाडी के आचार्य तुषार भोसले ने भी धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर अपनी आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि, धीरेंद्र शास्त्री ने जगद्गुरु तुकाराम महाराज को लेकर गलत संदर्भ दिया है. जिसकी वजह से संत तुकाराम व उनकी धर्मपत्नी की प्रतिमा को ठेस पहुंची है. साथ ही इससे वारकरी संप्रदाय सहित पूरे महाराष्ट्र राज्य की भावनाएं आहत हुई है. अत: धीरेंद्र शास्त्री ने अपने बयान पर खेद जताने के साथ ही वारकरी संप्रदाय सहित पूरे महाराष्ट्र राज्य से ही माफी मांगनी चाहिए.

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