जिला बैंक में खुल्ली व बेछूट मनमानी कर रहे बच्चू कडू

विपक्षी संचालकों ने पत्रवार्ता में लगाया आरोप

अमरावती/दि.1 – अमरावती जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक में गलत मार्गों का अवलंब कर अध्यक्षपद हासिल करनेवाले बच्चू कडू द्वारा बैंक की सत्ता हासिल करते ही बैंक में खुली और बेछूट मनमानी की जा रही है तथा अपने पद व सत्ता का पूरी तरह से दुरुपयोग करते हुए विपक्षी संचालकों की आवाज को दुबाने का काम किया जा रहा है. जिसके खिलाफ बैंक विपक्षी संचालकों द्वारा संवैधानिक मार्ग से कानूनी लडाई लडी जाएगी, इस आशय का प्रतिपादन आज जिला मध्यवर्ती बैंक के विपक्षी संचालकों द्वारा यहां बुलाई गई पत्रवार्ता में किया गया. साथ ही इस पत्रवार्ता में बैंक के विपक्षी संचालक रहनेवाले जिले के सांसद बलवंत वानखडे, पूर्व विधायक वीरेंद्र जगताप, कांग्रेस के ग्रामीण जिलाध्यक्ष बबलू देशमुख तथा हरीभाऊ मोहोड व रवींद्र गायगोले ने यह आरोप भी लगाया कि, गलत तरीके से जिला बैंक में अध्यक्षपद व सत्ता हथियानेवाले बच्चू कडू एवं उनके समर्थक संचालकों ने जिला बैंक में करोडों रुपयों की आर्थिक गडबडी भी की है.
स्थानीय मालटेकडी के पास स्थित कांग्रेस भवन में बुलाई गई इस पत्रवार्ता में जिला बैंक के विपक्षी संचालकों ने कहा कि, बैंक के मौजूदा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष द्वारा बार-बार झूठे प्रस्ताव लिखे गए है, यह बात उन्होंने तमाम सबूतों के साथ स्पष्ट की है और इसे लेकर विभागीय उपनिबंधक के पास कई बार शिकायते भी दर्ज कराई जा चुकी है. बैंक का संचालक मंडल 21 सदस्यीय होता है. जिसमें विशेषज्ञ संचालक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी को किसी भी विषय पर मतदान करने का अधिकार नहीं होता. किसी विषय को लेकर चर्चा के बाद यदि उस प्रस्ताव के पक्ष में 11 अथवा उससे अधिक संचालकों की सहमति होती है, तभी उसे मंजूर किया जाता है अन्यथा वह प्रस्ताव खारिज हो जाता है. परंतु बैंक के सत्ता पक्ष ने अपनी मनमानी करने के लिए 13 संचालकों द्वारा तय किए गए अनुसार एक कार्यकारी समिति का गठन करने की बजाए मनमाने तरीके से अपनी मर्जीवाले लोगों की कार्यकारी समिति का गठन किया और उस समिति की आड लेकर करोडों रुपयों के फर्जी काम करते हुए नियमबाह्य तरीके से प्रस्ताव पारित कर बैंक का करोडों रुपयों का नुकसान किया.
इस पत्रवार्ता में यह भी बताया गया कि, जब 24 जुलाई 2023 को बच्चू कडू जिला बैंक के अध्यक्ष बने तब उन पर नाशिक न्यायालय द्वारा सुनाई गई दो साल की सजा लागू थी. जिसके चलते वे अध्यक्ष बनने के लिए पूरी तरह से अपात्र थे. लकिन बच्चू कडू ने इस जानकारी को भी छिपाया और अध्यक्ष बनने के बाद से लेकर अब तक सभी प्रस्तावों को गलत तरीके से लिखते हुए अनापशनाप खर्च किया, अनावश्यक खरीदी की, अनावश्यक निर्माण किया और बडे पैमाने पर अफरातफरी करते हुए बैंक को करोडों रुपयों का चूना लगाया. जिसे लेकर दर्ज कराई गई शिकायतों के बाद बच्चू कडू ने अपने मंत्रिपद का दुरुपयोग करते हुए संबंधित अधिकारियों पर दबाव डालकर सभी शिकायतों को प्रलंबित रखा.
इस पत्रवार्ता में यह आरोप भी लगाया गया कि, बैंक के अध्यक्ष के तौर पर बच्चू कडू का व्यवहार असंवैधानिक व अशोभनिय है तथा कई बार वे विपक्षी संचालकों के लिए असंसदीय भाषा का प्रयोग करते हुए अपने कार्यकर्ताओं के जरिए गुंडागर्दी करने का प्रयास भी करते है. साथ ही शासन प्रतिनिधि सहित जिला उपनिबंधक व विभागीय सहनिबंधक को बैंक में पांव भी नहीं रखने देते, बल्कि ‘बैंक हमारी है और यहां पर हम बोले सो कायदा है’ कहकर धमकी देते हुए भगा देते है. इन सभी मामलो को लेकर जल्द ही अदालत में गुहार लगाई जाएगी, ऐसा भी विपक्षी संचालकों का कहना रहा. इसके अलावा विपक्षी संचालकों ने जिला बैंक के अध्यक्ष बच्चू कडू, उपाध्यक्ष अभिजीत ढेपे व संचालक आनंद काले पर आपसी मिलिभगत करते हुए बैंक को करोडों रुपयों का नुकसान पहुंचाए जाने का आरोप भी लगाया. साथ ही कहा कि, जिला बैंक में लूट-फसोट का आलम यह है कि, कुछ संचालकों के व्यक्तिगत वाहन चालकों का वेतन भी बैंक की तिजोरी से अदा किया जा रहा है और आऊट सोर्सींग के जरिए सेवा में लिए गए चपरासीयों से घर के काम कराए जा रहे है. इसके अलावा अपने सुविधा के लिए वाहन खरीदने हेतु लाखों रुपयों का अनापशनाप व गैरजरुरी खर्च भी किया गया है.

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