बच्चू कडू के ‘हवा महल’ की हो जांच
अचलपुर के भाजपा विधायक प्रवीण तायडे की मांग

अमरावती/दि.31 – किसानों के मुद्दों को लेकर नागपुर में ‘महायल्गार आंदोलन’ का आह्वान करने वाले प्रहार संगठन के अध्यक्ष और विधायक बच्चू कडू पर अब अचलपुर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक प्रवीण तायडे ने गंभीर आरोप लगाए हैं. विधायक तायडे का कहना है कि सत्ता में रहने के दौरान बच्चू कडू ने अपने मंत्रिपद का दुरुपयोग करते हुए अमरावती जिले में आलीशान बंगला, फार्महाउस और कारखाना खड़ा किया, साथ ही मुंबई, नागपुर और अन्य शहरों में भी संपत्तियां खरीदीं. उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र भेजकर कडू की संपूर्ण संपत्तियों की जांच कराने की मांग की है.
भाजपा विधायक प्रवीण तायडे ने आरोप लगाया कि बच्चू कडू ने महाविकास आघाडी सरकार में राज्य मंत्री रहते हुए अचलपुर क्षेत्र में करोड़ों रुपये की संपत्ति बनाई. उनके अनुसार, कडू के पास जो विशाल बंगला, फार्महाउस, जलतरण तलाव (स्विमिंग पूल) और कारखाना है, वह धन आखिर कहां से आया, इसकी जांच जरूरी है. तायडे ने यह भी कहा कि बच्चू कडू ने जिन लोगों के नाम पर संपत्तियां खरीदी हैं, उन लोगों की भी जांच होनी चाहिए.
वहीं पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि, विरोधियों का काम केवल आरोप लगाना है. परंतु जनता सब जानती है. साथ ही बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, इस समय राज्य में भाजपा की सरकार है. अगर हिम्मत है तो ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) से जांच कराई जाए और अगर कुछ गलत पाया जाता है, तो उन्हें जेल में डाल दिया जाए. कडू ने कहा कि वे किसी भी जांच से डरने वाले नहीं हैं और किसानों के सवालों पर आंदोलन जारी रखेंगे.
उल्लेखनीय है कि, यह कोई पहली बार नहीं है, जब इन दोनों नेताओं के बीच टकराव हुआ हो. विधानसभा चुनाव में प्रवीण तायडे ने ही बच्चू कडू को हराया था, तभी से दोनों नेताओं में तीखी प्रतिद्वंद्विता बनी हुई है. पिछले वर्ष बहिरम यात्रा के दौरान भी दोनों के बीच झड़प हुई थी. हाल ही में बच्चू कडू के ‘विधायकों को काटो’ वाले विवादास्पद बयान पर भी तायडे ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी और चुनौती दी थी कि, अगर दम है, तो वे मेरे घर आकर दिखाएं.
ज्ञात रहे कि, पिछले कुछ दिनों से पूर्व मंत्री बच्चू कडू किसानों की समस्याओं को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन चला रहे हैं. उन्होंने नागपुर में महाएल्गार आंदोलन का ऐलान किया है, जिसमें हजारों किसानों के शामिल होने की संभावना बताई जा रही है. राजनीतिक हलकों में यह आंदोलन और उस पर छिड़ी आरोप-प्रत्यारोप की जंग चर्चा का विषय बना हुआ है.





