राज ठाकरे के समर्थन से बच्चू कडू के आंदोलन को मिला बल!
‘उस’ मुलाकात से नए समीकरण पर लगी मुहर

* कर्जमाफी का मुद्दा अब मनसे के एजेंडा में भी दिख सकता है
अमरावती/दि.8 – प्रहार जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री बच्चू कडू द्वारा विगत माह निकाली गई ‘7/12 कोरा’ पदयात्रा को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना यानि मनसे ने खुला समर्थन घोषित किया था और मनसे के नेता बाला नांदगांवकर उस समय यवतमाल जिले में इस पदयात्रा में शामिल भी हुए थे. उसी समय यह स्पष्ट हो गया था कि, अब बच्चू कडू को एक ‘नया साथीदार’ मिल गया है. साथ ही जब विगत बुधवार को बच्चू कडू ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे के मुंबई स्थित निवासस्थान पर जाकर उनसे सदिच्छा भेंट की तो उस समय इस नए समीकरण पर एकतरह से मुहर लग गई.
ज्ञात रहे कि, किसानों हेतु बच्चू कडू द्वारा किए जा रहे आंदोलन को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने पहले ही अपना समर्थन घोषित किया है. साथ ही कई विपक्षी नेता व किसान नेता भी बच्चू कडू के साथ खडे है. लेकिन अब राज ठाकरे के साथ बच्चू कडू द्वारा भेंट करते हुए आगामी आंदोलन की दिशा, नीति व मांगों को लेकर चर्चा किए जाने के चलते आगामी समय में किसान कर्जमाफी का मुद्दा मनसे की कार्यक्रम पत्रिका यानि एजेंडा में शामिल दिखाई देगा.
बता दें कि, मराठवाडा से निकलनेवाली कर्जमाफी यात्रा हेतु बच्चू कडू द्वारा राज ठाकरे को औपचारिक आमंत्रण दिया गया है. जिसे स्वीकार करते हुए राज ठाकरे ने बच्चू कडू को सकारात्मक प्रतिसाद दिया है. इस मुलाकात के दौरान हुई चर्चा में किसानों के प्रश्न ही सबसे प्रमुख विषय रहे और भविष्य में जब कभी राज्यव्यापी आंदोलन होगा, तो मुंबई ने भी उस आंदोलन के लिए एक-दो घंटे किसानों के साथ खडे रहना चाहिए. इस बात के लिए बच्चू कडू ने राज ठाकरे से निवेदन करने के साथ ही उन्हें किसानों को संबोधित करने के लिए आमंत्रित भी किया. खास बात यह भी रही कि, मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने भी बच्चू कडू की भूमिका समर्थन करते हुए उनके निवेदन व आमंत्रण को स्वीकार किया. जिसके चलते अब राज्य में मनसे व प्रहार के साथ आते हुए एक नए राजनीतिक समीकरण के उदय की संभावना देखी जा रही है.
* सरकार की भूमिका पर टिकी निगाहें
बता दें कि, बच्चू कडू मूलत: शिवसैनिक है और उनकी राज ठाकरे के साथ पुरानी जान-पहचान है. बच्चू कडू ने किसी जमाने में प्रहार संगठन की स्थापना करते हुए किसानों, खेतिहर मजदूरों व दिव्यांगों की समस्याओं व मांगों को लेकर संघर्ष करना शुरु किया. साथ ही अभिनव पद्धति से आंदोलन करते हुए सरकार को अपनी मांगों पर विचार करने के लिए मजबूर भी किया. जिसके चलते वे आगे चलकर 4 बार अचलपुर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक भी निर्वाचित हुए. परंतु विगत विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पडा. महायुति में रहकर भी विरोधी राजनीति करने का आरोप बच्चू कडू पर लगा था. वहीं अब किसान आंदोलन के जरिए बच्चू कडू ने एक बार फिर भाजपा यानि महायुति सरकार को चुनौती दी है. इसके अलावा बच्चू कडू के भाजपा नेता व राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के साथ काफी विवाद भी चल रहे है. वहीं अब राज ठाकरे का समर्थन मिलने के बाद तैयार होनेवाले समीकरण के इस बारे में सरकार क्या भूमिका लेती है, इसकी ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है.





