चिखलदरा में नए राजनीतिक उलटफेर हेतु तैयार बच्चू कडू की प्रहार
6 को प्रहार का चिखलदरा में बडा कार्यक्रम आयोजित

* पूर्व नगराध्यक्ष व पूर्व पार्षदों सहित सैकडों लोगों का होगा पार्टी प्रवेश
* चिखलदरा नगर पालिका के चुनाव में इस बार बदलेंगे राजनीतिक समीकरण, चौकोनी होगा मुकाबला
* पूर्व विधायक पटेल के साथ छोड देने से बच्चू अब मेलघाट में तलाश रहे नए साथीदार
चिखलदरा /दि.24 – विदर्भ का नंदनवन कहे जाते चिखलदरा शहर में इस समय भले ही झमाझम बारिश के चलते मौसम काफी हद तक सर्द है. लेकिन नगर पालिका के आगामी चुनाव हेतु चल रही उठापटक की वजह से राजनीतिक वातावरण जमकर गरमाया हुआ है और सभी राजनीतिक दलो द्वारा पालिका चुनाव के लिए अभी से ही जबरदस्त मोर्चाबंदी भी की जा रही है. परंतु इस बार खास बात यह है कि, कांग्रेस, भाजपा व राकांपा के साथ-साथ पूर्व मंत्री बच्चू कडू की प्रहार जनशक्ति पार्टी ने भी चिखलदरा नगर पालिका के चुनाव में अपनी रुचि दिखानी शुरु कर दी है और अचानक ही चिखलदरा में पूर्व मंत्री बच्चू कडू व प्रहार जनशक्ति पार्टी की सक्रियता बढ गई है. इसके चलते माना जा रहा है कि, इस बार चिखलदरा नगर पालिका के चुनाव में नए राजनीतिक समीकरण बदले दिखाई देंगे और मुकाबला चौकोनी होता दिखाई देगा.
बता दें कि, आगामी 26 सितंबर को प्रहार जनशक्ति पार्टी के मुखिया बच्चू कडू द्वारा चिखलदरा के नवदुर्गा मंडल को एक बडी भेंट देते हुए भव्य भजनसंध्या का आयोजन किया जा रहा है. इस आयोजन का पूरा खर्च प्रहार जनशक्ति पार्टी एवं बच्चू कडू द्वारा ही उठाया जाएगा. यह आयोजन भले ही उपरी तौर पर धार्मिक दिखाई दे रहा है, परंतु इसके कई राजनीतिक अर्थ भी निकाले जा रहे है. माना जा रहा है कि, इसी आयोजन की आड लेते हुए पूर्व मंत्री बच्चू कडू एवं प्रहार जनशक्ति पार्टी द्वारा चिखलदरा नगर पालिका के चुनाव हेतु अपनी राजनीतिक जमीन तैयार की जाएगी और इस आयोजन के तहत आयोजित किए जानेवाले कार्यक्रम के दौरान चिखलदरा नगर पालिका के एक पूर्व नगराध्यक्ष एवं कुछ पूर्व नगरसेवकों सहित क्षेत्र के सैकडों राजनीतिक कार्यकर्ताओं का प्रहार जनशक्ति पार्टी में प्रवेश कराया जाएगा. जिनमें हाल-फिलहाल ही प्रहार पार्टी छोडकर कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व विधायक राजकुमार पटेल के भी कुछ बेहद कट्टर समर्थकों का समावेश रह सकता है. ऐसे में माना जा रहा है कि, आगामी 26 सितंबर को आयोजित होने जा रही भजनसंध्या के उपरांत पर्यटन नगरी चिखलदरा में नए राजनीतिक समीकरण बनते दिखाई दे सकते है.
बता दें कि, महज 17 वॉर्ड एवं तीन से साढे तीन हजार मतदाता संख्या रहनेवाली चिखलदरा नगर पालिका अमरावती जिले की सबसे छोटी नगर पालिका है. खास बात यह भी है कि, चिखलदरा पालिका क्षेत्र में रहनेवाले तीन से साढे तीन हजार मतदाताओं में 700-800 ऐसे मतदाताओं का भी समावेश है, जो सरकारी कर्मचारी है. इसमें से कई कर्मचारी तबादले पर यहां आए है. साथ ही इससे पहले मतदाता सूची में नाम शामिल रहनेवाले कई सरकारी कर्मचारियों का यहां से तबादला भी हो चुका है. ज्ञात रहे कि, चिखलदरा नगर पालिका का गठन देश की आजादी के पश्चात सन 1948 में हुआ था. हालांकि सन 1975 में चिखलदरा नगर पालिका के पहली बार चुनाव कराए गए थे और 1948 से 1975 तक प्लैटो फंड कमिटी की व्यवस्था पर अमल हुआ करता था. जिसमें अचलपुर क्षेत्र के विधायक को ही चिखलदरा के नगराध्यक्ष का जिम्मा जिलाधीश द्वारा सौंपा जाता था. जिले में सबसे छोटी नगर पालिका रहने के बावजूद चिखलदरा नगर पालिका की आर्थिक स्थिति अपने-आप में बेहद मजबूत कही जा सकती है. क्योंकि विदर्भ क्षेत्र का एकमात्र हील स्टेशन व पर्यटन स्थल रहने के चलते चिखलदरा में लगभग पूरे सालभर के दौरान पर्यटकों की अच्छी-खासी आवाजाही होती है और पर्यटकों से मुंडी टैक्स के तौर पर चिखलदरा नगर पालिका को अच्छा-खासा राजस्व मिलता है. इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से चिखलदरा नगर पालिका को आदिवासी फंड व पर्यटन फंड भी प्राप्त होता है. लेकिन इसके बावजूद चिखलदरा शहर में पर्यटन सुविधाओं का अब तक अपेक्षित विकास नहीं हो पाया है और यहां पर पर्यटकों के लिहाज से सुविधाएं अपर्याप्त है. जिसके चलते चिखलदरा आनेवाले पर्यटकों की संख्या में भी अपेक्षित वृद्धि नहीं हो पाई है.
यहां यह भी विशेष उल्लेखनीय है कि, चिखलदरा शहर में रोजगार के केवल दो ही मुख्य साधन है. जिसमें से पर्यटन व्यवसाय को रोजगार का सबसे प्रमुख साधन कहा जा सकता है. वहीं दूसरे साधन के तौर पर ठेकेदारी व्यवसाय का नाम लिया जा सकता है. राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय रहनेवाले लोग चिखलदरा शहर में जमकर ठेकेदारी का काम करते है और ठेकेदारी के जरिए होनेवाली कमाई के दम पर ही उनकी राजनीति भी चलती है. साथ ही साथ चिखलदरा शहर की राजनीति में कुछ गिने-चुने चेहरे ही जमकर सक्रिय है. जिनके इर्द-गिर्द इस क्षेत्र की राजनीति घुमती रहती है. जिसके चलते घुमा-फिराकर वही के वही चेहरे चिखलदरा क्षेत्र की राजनीति में दिखाई देते है. ऐसे में अब प्रहार जनशक्ति पार्टी के मुखिया व पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने चिखलदरा क्षेत्र की राजनीति को नया आयाम देने का फैसला लिया है. जिसके चलते आगामी 26 सितंबर को आयोजित भव्य कार्यक्रम के जरिए पूर्व मंत्री बच्चू कडू व प्रहार जनशक्ति पार्टी द्वारा चिखलदरा शहर में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराने की शुरुआत की जा रही है.
ज्ञात रहे कि, आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र का हिस्सा रहनेवाला चिखलदरा शहर किसी जमाने में कांग्रेस का मजबूत गढ हुआ करता था और कांग्रेस ने लंबे समय तक चिखलदरा नगर पालिका पर एकछत्र राज किया. वहीं विगत कुछ वर्षों के दौरान भाजपा सहित विधायक रवि राणा के नेतृत्ववाली युवा स्वाभिमान पार्टी एवं विधायक संजय खोडके के नेतृत्ववाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने भी चिखलदरा पालिका क्षेत्र में अपने अस्तित्व का निर्माण किया. साथ ही साथ मेलघाट क्षेत्र की राजनीति पर अच्छी-खासी पकड रखनेवाले पूर्व विधायक राजकुमार पटेल ने पिछला विधानसभा चुनाव प्रहार पार्टी में शामिल होकर लडा था. जिसके चलते इस क्षेत्र में प्रहार पार्टी ने भी कुछ हद तक अपना अच्छा-खासा दबदबा बनाया था. परंतु विगत दिनों पूर्व विधायक राजकुमार पटेल ने अचानक ही प्रहार पार्टी छोडकर कांग्रेस में प्रवेश कर लिया. जिसके चलते प्रहार पार्टी के लिए चिखलदरा में एक रिक्त स्थान बन गया है. राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक पूर्व मंत्री बच्चू कडू को पूर्व विधायक राजकुमार पटेल द्वारा ऐसा कोई कदम उठाए जाने का काफी पहले से कुछ हद तक अंदेशा था. संभवत: यही वजह है कि, उन्होंने चिखलदरा सहित धारणी शहर व तहसील क्षेत्रों में पूर्व विधायक राजकुमार पटेल के कट्टर एवं खासमखास समर्थक रहनेवाले कुछ राजनीतिक पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को काफी पहले से ही अपने पाले में करना शुरु कर दिया था. वहीं अब पूर्व मंत्री बच्चू कडू द्वारा आगामी 26 सितंबर को चिखलदरा में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित करते हुए एकतरह से चिखलदरा नगर पालिका के चुनाव हेतु अपनी ओर से मोर्चा खोला जा रहा है.
इसके साथ ही चिखलदरा शहर की राजनीति में मतदाताओं के समक्ष पूर्व मंत्री बच्चू कडू की प्रहार जनशक्ति पार्टी के तौर पर एक नया पर्याय भी उपलब्ध हो जाएगा. जिसके चलते क्षेत्र के मतदाताओं ने चिखलदरा नगर पालिका के आगामी चुनाव को लेकर अभी से ही उत्साह एवं उत्सुकता वाला माहौल है. ऐसे में यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि, पूर्व मंत्री बच्चू कडू एवं प्रहार जनशक्ति पार्टी की एंट्री के बाद पर्यटन नगर चिखलदरा में राजनीति कौनसा करवट बदलती है तथा यहां पर किस तरह के नए राजनीतिक समीकरण बनते दिखाई देते है.





