अमरावती का ‘सिटी बर्ड’ चुनने बैलेट का प्रचार प्रभावी

5 हजार से अधिक शहरवासियों ने दी राय

* अमरावती में दिखाई देना रखा गया मापदंड
* वेक्स ने दिए अलग- अलग प्रजाति की चिडिया के नाम
अमरावती /दि.28 – अमरावती महानगरपालिका ने ‘माझी वसुंधरा अभियान 6.0’ के अंतर्गत शहर का आधिकारिक ‘सिटी बर्ड’ चुनने की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंचने के साथ 5 हजार से अधिक नागरिकों ने अब तक न केवल वेबसाइट को हिट किया. जिससे स्पष्ट हुआ कि अमरावती के बाशिंदे जल, जीवन, जीवों, पक्षियों को लेकर संजीदा हो रहे हैं. इस बारे में अमरावती मंडल ने वेक्स के सर्वेसर्वा जयंत वडतकर से बात की. उन्होंने बताया कि विभिन्न कॉलेजेस, संस्थाओं के कार्यालय और शासकीय – नीम शासकीय कार्यालयों में भी बैलेट पेपर से वोट देने की अपील की जा रही है. उसे भी अच्छा प्रतिसाद मिलने का दावा जयंत वडतकर ने किया. उल्लेखनीय है कि महानगरपालिका आयुक्त सौम्या शर्मा चांडक इस उपक्रम को लेकर बडी उत्साहित हैं. उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे ऑनलाइन मतदान कर अपनी पसंद के पक्षी का चयन करें. रविवार सुबह अमरावती के पसंदीदा पक्षी का ऐलान होना है.
यह उपक्रम 38वीं महाराष्ट्र पक्षीप्रेमी परिषद और तीसरी अखिल भारतीय पक्षिमित्र परिषद के इसी माह के आरंभ में अमरावती में संपन्न होने पश्चात आकार ले रहा है. शहर की जैवविविधता का प्रतिनिधित्व करने वाले छह पक्षियों को ‘सिटी बर्ड’ की दौड़ में शामिल किया गया है.
* ‘सिटी बर्ड’ के लिए 6 चिडिया
महानगरपालिका और ‘वाइल्डलाइफ़ एनवायरनमेंट कंज़र्वेशन सोसायटी द्वारा इस प्रतियोगिता के लिए 6 प्रजाति के पक्षियों को चयनित किया गया है. जिनमें राखी धनेश, तांबट, हुदहुद, ठीपकेवाला पिंगला, शिकरा व भारद्वाज पक्षी का समावेश है.
मनपा की तकनीकी टीम का सहभाग
जयंत वडतकर ने बताया कि बहुतायत में पक्षियों की अमरावती में मौजूदगी से चयन थोडा कठिन रहा. किंतु आम राय से 6 नाम फाइनल कर उनके अलग- अलग फोटो में भी सिलेक्शन करना पडा. महापालिका की तकनीकी टीम ने तत्पर कार्य किया. पर्यावरण का उक्त पक्षियों के योगदान को भी गौर किया गया. आयुक्त सौम्या शर्मा के साथ ही उपायुक्त नरेंद्र वानखडे व अन्य अफसरान का सहयोग रहा है.
* क्या है चयनित पक्षियों की खासियत
– राखी धनेश (इंडियन ग्रे हॉर्नबिल)
शहर के पुराने, बड़े पेड़ों पर अक्सर दिखने वाला यह पक्षी फलों के बीज फैलाकर पर्यावरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
– तांबट (कॉपरस्मिथ बार्बेट)
टक-टक जैसी आवाज के लिए प्रसिद्ध यह छोटा, रंगीन पक्षी वड, उंबर और पीपल के पेड़ों पर अधिक दिखता है.
– हुदहुद (इंडियन हुपे)
सिर पर ताज जैसे पंख और मुड़ी हुई चोंच इसकी खास पहचान है. शहर के कई खुले इलाकों में आमतौर पर दिखाई देता है.
– ठीपकेवाला पिंगला (स्पॉटेड ऑलेट)
छोटा आकार और शरीर पर सफेद धब्बे इसकी खासियत हैं. यह चूहें और छिपकलियों को खाकर किसानों के लिए उपयोगी हैं.
– शिकरा (शिकरा)
तेज और फुर्तीला शिकारी पक्षी. नीले-भूरे पंख और नारंगी धारियां इसे आकर्षक बनाती हैं. शहर में इसकी उपस्थिति अच्छी संख्या में है.
– भारद्वाज (ग्रेटर कॉकेल)
लंबी पूंछ, लाल आंखें और भूरा-काला रूप वाला यह पक्षी हरियाली वाले क्षेत्रों में ज्यादा दिखाई देता है.

ऑफलाइन भी ली गई राय, कॉलेजेस और दफ्तरों में प्रचार
जयंत वडतकर ने बताया कि उपक्रम में वेक्स के सर्वश्री सौरभ जवंजाल, मनीष ढाकुलकर, किरण मोरे, राज मेहेर निशाने, डॉ. नंदकिशोर बोंडे, डॉ. अनिरूध्द देशमुख, अभिषेक पाटिल, अंकित राजुरकर, आकाश धोत्रे, डॉ. गजानन वाघ, प्रा. मंजूषा वाट, सुमित अंबुलकर, मयूरी कथलकर, प्रा. अनंत वडतकर, आनंद मोहोड, अभिजीत पाटिल आदि सहित अनेक का योगदान प्राप्त है. जिजाउ बैंक के अध्यक्ष अविनाश कोठाले ने भी शहरवासियों से पसंदीदा पक्षी चुनने का आवाहन किया है. कॉलेजेस और कार्यालयों में बैलेट पेपर ले जाकर प्रचार किया गया. लोगों को अपना मत व्यक्त करने प्रेरित किया गया. महिलाएं भी बडी संख्या में अमरावती का पसंदीदा खग (पक्षी) चुनने के लिए दिलचस्पी जता चुकी है.

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