केला उत्पादक निराशा में, केवल 2 रुपए किलो दाम

लागत वसूल न हो पाने से नष्ट कर रहे किसान

शेलूबाजार /दि.20 – वाशिम जिले के केला उत्पादक किसान भाव न मिलने से परेशान हो गए हैं. सीजन रहने के बावजूद बाजार में केले के दाम 2 रुपए किलो तक गिर गए हैं. इसलिए उत्पादक अपनी खडी फसल खेत में ही नष्ट करने पर तुले हैं. उनका कहना है कि मार्केट तक ले जाने के यातायात खर्च को भी निकालना दुष्कर हो गया है.
वाशिम जिले में अब तक सोयाबीन मुख्य फसल रही है. उसमें एकरी एवरेज न निकलने और दाम में बडे उतार चढाव के कारण कृषक वर्ग परेशान हो गया था. उनका लागत मूल्य भी न निकलता. ऐसे में कई कृषकों ने प्रयोग करते हुए अपने खेतों में केली के झाड लगाए. इसके लिए आवश्यक सभी प्रकार की साधन सुविधा करने के साथ नई तकनीक का भी उपयोग किया ताकि पैदावार बढाई जा सके.
ऐसे ही मंगरूलपीर तहसील के तपोवन के किसान सुधीर गावंडे ने क्रॉप पैटर्न बदले हुए अपने दो एकड खेत में केले के 2500 पेड लगाए. उन्होंने विशेषज्ञों की सलाह लेकर गुणवत्तापूर्ण फल के लिए सभी प्रकार का निवेश किया. पिछले वर्ष उन्हें 10 रुपए प्रति किलो रेट प्राप्त हुए थे. जिससे उनकी लागत निकलने के साथ कुछ मात्रा में लाभ हो गया था.
इस वर्ष सीजन के आरंभ में मार्केट में केले को केवल 2 रुपए प्रति किलो दर बोली जा रही है. जिससे खेत से काटकर मार्केट में ले जाने का खर्च भी नहीं निकलनेवाला यह सोच किसानों ने फसल नष्ट करना शुरू कर देने का समाचार है.

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