अमरावती बाजार में केले की कीमतों में गिरावट
‘एपल’ की आवक बढ़ी, केले की कीमतों में गिरावट...

अमरावती /दि.13 – इस साल पंजाब और हरियाणा में भारी बारिश के कारण सेब और अनार जैसे फलों का बाज़ार बंद हो गया. इससे महाराष्ट्र में इन फलों की आवक बढ़ गई है. हालांकि, अमरावती ज़िले में केले की फसल पर इसका असर पड़ रहा है. केले की अधिकतम कीमत फिलहाल 1 हजार 600 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गई है.
यद्यपि खानदेश में केले की खेती सबसे अधिक होती है, फिर भी विदर्भ के अमरावती, बुलढाणा और अकोला जिलों के कुछ हिस्सों में पिछले कई वर्षों से केले की खेती की जाती रही है. अमरावती जिले के अंजनगांव सुर्जी, अचलपुर, पथ्रोट, पांढरी खानापुर, सातेगांव, वडाली देशमुख, रुईखेड़, पणज आदि गांवों में पिछले 100 वर्षों से केले का उत्पादन होता आ रहा है. पथ्रोट और अंजनगांव सुर्जी क्षेत्रों में केले की खेती की कई परियोजनाएं चल रही हैं. बुलढाणा जिले के अचलपुर से संग्रामपुर और जलगांव जामोद तक सतपुड़ा क्षेत्र में कई वर्षों से अच्छी गुणवत्ता वाले केले का उत्पादन हो रहा है. पहले केले के उत्पादन के लिए कंदों का उपयोग किया जाता था. यह अवधि लगभग 18 महीने की होती थी. हालांकि, अब ऊतक संवर्धित पौधों का उपयोग किया जाता है. इससे गुच्छों के निर्माण की अवधि भी कम हो गई है. केला उत्पादकों ने बताया कि कुछ प्रकार के पेड़ों में ग्यारहवें महीने में ही केले के गुच्छे पूरी तरह से तैयार हो जाते हैं.





