तलाठी हो या जिलाधीश, सभी के कामों की वरिष्ठों द्वारा होगी पडताल

राजस्व विभाग का कामकाज होगा गतिमान

* प्रशासन को पारदर्शक व लोकाभिमुख बनाने की पहल
अमरावती /दि.17 – राजस्व विभाग ने संगणकीकरण होने के चलते कामों की ‘दफ्तर जांच’ की ओर अनदेखी होने का प्रमाण काफी हद तक बढ गया है. जिसके चलते सर्वसामान्यों को काफी समस्याओं व दिक्कतों का सामना करना पडता है. इस पर उपाय करने हेतु अब तलाठी से लेकर तहसीलदार एवं जिलाधीश तक सभी के कामों की जांच-पडताल वरिष्ठों द्वारा ऑनलाइन पद्धति से की जाएगी, ताकि राजस्व विभाग के कामकाज को गतिमान करने के साथ ही प्रशासन को पारदर्शक व लोकाभिमुख बनाया जा सके.
उल्लेखनीय है कि, राजस्व विभाग में ‘दफ्तर जांच’ को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इस निर्णय के चलते अब प्रत्येक अधिकारों को अपने अधिनस्थों के कामकाज की नियमित रुप से जांच-पडताल करनी होगी. जिसके चलतेे कामों में त्रुटी व गडबडी का प्रमाण कम होगा. साथ ही राजस्व विभाग का कामकाज ज्यादा अधिक गतिमान, पारदर्शक व लोकाभिमुख होगा. इसके अलावा नागरिकों की समस्याओं का समय पर निराकरण भी होगा, ऐसी उम्मीद जताई जा रही है. इसके साथ ही राजस्व विभाग में लेटलतिफी व नियतबाह्य कामों पर नियंत्रण लगेगा. जिसके चलते कामों में पारदर्शकता व समय पर अमल को सुनिश्चित किया जा सकेगा. राजस्व विभाग में ‘दफ्तर जांच’ की प्रक्रिया का पालन नहीं करनेवाले संबंधित कर्मचारियों सहित उनके वरिष्ठों को भी जिम्मेदार माना जाएगा.

* डैशबोर्ड पर मिलेगी पूरी जानकारी
संबंधित सभी दर्ज जानकारी, कामों की प्रगति, जांच एवं विविध विभागों के कामों की पारदर्शकता डैशबोर्ड पर एक ही जगह सहज देखी जा सकती है. डैशबोर्ड पर कामों की रिपोर्ट की जानकारी भी सीधे उपलब्ध होगी.

* जांच अनिवार्य
इस नई प्रणाली के अनुसार तलाठी, मंडल अधिकारी, तहसीलदार, उपविभागीय अधिकारी व जिलाधीश ऐसे सभी स्तरों पर अधिकारियों की ‘दफ्तर जांच’ ऑनलाइन होगी. जिसके चलते प्रत्येक अधिकारी की जवाबदारी निश्चित होकर सभी मामलों की जांच समय पर पूरी होकर नागरिकों को इससे सहायता मिलेगी.

* क्या है ‘दफ्तर जांच’?
किसी कार्यालय में किए गए काम की दुबारा जांच करने को प्रशासनिक भाषा में ‘दफ्तर जांच’ कहा जाता है. जिसके तहत यह देखा जाता है कि, काम योग्य तरीके से और सरकार के नियमानुसार हुआ है अथवा नहीं, यह प्रक्रिया भ्रष्ट्राचार को रोकने, काम की गति को बढाने तथा नागरिकों को समय पर सेवा देने हेतु अपनाई जाती है.

* डिजिटलाइजेशन से हुई थी अनदेखी
विगत कुछ वर्षों के दौरान राजस्व विभाग में कामकाज कम्प्युटरीकरण किया गया. लेकिन इसकी वजह से ‘दफ्तर जांच’ की पुरानी पद्धती की ओर अनदेखी हुई. जिसके चलते कई मामलों में गडबडी होने के साथ ही कई कामों की गति भी सुस्त हुई. जिससे नागरिकों की समस्याएं बढने लगी.

… तो संबंधितों पर कार्रवाई
जिस अधिकारी द्वारा ‘दफ्तर जांच’ नहीं की गई, उस पर कार्रवाई होने के साथ ही उसके वरिष्ठों पर भी कार्रवाई की जाएगी. क्योंकि यदि किसी अधिकारी द्वारा ‘दफ्तर जांच’ नहीं की जाती है, तो इस पर ध्यान रखने की जिम्मेदारी उसके वरिष्ठों पर भी रहेगी. जिसके चलते प्रत्येक स्तर पर काम को समय पर पूरा किया जाएगा.

लेटलतिफी व गडबडी पर लगेगा अंकुश
‘दफ्तर जांच’ ऑनलाइन करने के चलते राजस्व विभाग के कामकाज में पारदर्शकता आएगी. साथ ही नागरिकों के कामों में होनेवाली लेटलतिफी में भी कमी आएगी. इसके अलावा इस जांच के चलते किसी भी गैरकानूनी काम पर तुरंत अंकुश लगाया जा सकेगा और कामों में होनेवाला भ्रष्टाचार भी कम होगा.

* कम्प्युटरीकरण के बाद सभी रिकॉर्ड व दस्तावेज ऑनलाइन रहने के चलते अब ‘दफ्तर जांच’ का काम भी ऑनलाइन ही किया जा रहा है. उपविभागीय अधिकारी के मार्फत तलाठी व मंडल अधिकारियों के कामों की ‘दफ्तर जांच’ की जा रही है. साथ ही एसडीओ व तहसीलदारों के कामों की ‘दफ्तर जांच’ जिलाधीश द्वारा की जाती है.
विजय लोखंडे
तहसीलदार, अमरावती.

 

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