यवतमाल में 6 से 14 सितंबर के बीच बरसेगा रामकथा का अमृत
पधारेंगे मोरारी बापू

* स्विट्जरलैंड, केन्या और पोलैंड के बाद सीधे यवतमाल में आयोजन
यवतमाल/दि.17– यवतमाल में अब प्रसिद्ध आध्यात्मिक संत और कथावाचक मोरारी बापू रामकथा का अमृत बरसाने आ रहे हैं. 6 से 14 सितंबर के बीच यवतमाल में उनकी रामकथा का आयोजन होगा. पूर्व राज्यसभा सदस्य डॉ. विजय दर्डा ने यह जानकारी दी. डॉ. दर्डा ने कहा कि यह हमारे लिए खुशी और गर्व का विषय है कि मोरारी बापू ने यवतमाल में रामकथा सुनाने पर रजामंदी दे दी है. स्विट्जरलैंड के दावोस में उनकी रामकथा 19 जुलाई से शुरु हो रही है. इसके बाद वे केन्या के मोम्बासा और पोलैंड में भी रामकथा सुनाने वाले हैं. उसके बाद वे महाराष्ट्र के यवतमाल आकर रामकथा का अमृत बरसाएंगे. यवतमाल में ही नहीं, पूरे विदर्भ और महाराष्ट्र में मोरारी बापू के चाहने वालों की कमी नहीं है. जब मोरारी बापू के कार्यक्रम की खबर फैली तो चारों तरफ हर्ष की लहर व्याप्त हो गई.
* देश-विदेश में प्रख्यात हैं मोरारी बापू
मोरारी बापू की रामकथा सुनने की दीवानगी देश में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में है. वे इकलौते ऐसे कथावाचक हैं, जिन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में भी रामकथा सुनाई है. दो साल पहले जब वे कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में रामकथा सुनाने गए थे, तब उस समय के ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी उन्हें सुनने का मोह छोड़ नहीं सके थे. वह भी वहां रामकथा सुनने पहुंचे थे.
* रमेश भाई ओझा ने सुनाई थी भागवत कथा
इससे पहले 2002 में 19 से 27 अक्तूबर तक पं. रमेशभाई ओझा ने श्रीमद भागवत कथा ज्ञानयज्ञ में भाग लिया था. यवतमाल के पोस्टल ग्राउंड मैदान पर इस ज्ञानयज्ञ का आयोजन किया गया था. इस पर ‘नैमिषारण्य’ नाम से एक पुस्तक भी प्रकाशित की गई है. इस आयोजन में लाखों श्रद्धालुओं ने श्रीमद् भागवत कथा का अमृत पान किया था.
* यवतमाल से श्री राम का है गहरा नाता
यवतमाल जिले के रावेरी में भगवान श्री राम की धर्मपत्नी सीता माता का मंदिर है. इस मंदिर का उल्लेख रामायण में भी मिलता है. वनवास के दौरान वाल्मीकि ऋषि के आश्रम में माता सीता ने लव-कुश को जन्म दिया था. यह आश्रम ही आज रावेरी कहलाता है. यहां माता सीता का प्रसिद्ध मंदिर है, जिसके दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्तगण यहां आते हैं.





