भाउ साहब देशमुख नेशन बिल्डर
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का कहना

* स्वीकार किया पंजाबराव देशमुख पुरस्कार
* अमरावती में शिक्षा विभाग के एक ही जगह होंगे सभी ऑफिस
अमरावती/दि.27 – मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज कहा कि भाउसाहब पंजाबराव देशमुख सही मायनों में राष्ट्र निर्माता व्यक्तित्व हैं. उन्होंने दूर दृष्टि रखकर शिक्षा और कृषि क्षेत्र में कार्य किया. उन्हीं की बदौलत अमरावती संभाग प्रदेश में शिक्षा- साक्षरता में अव्वल रहा. कृषि क्षेत्र में तकनीक को लाकर किसानों का भला किया. आज उनके नाम का यह पुरस्कार प्राप्त करते हुए अत्यंत गौरव की अनुभूति का जिक्र कर मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र की खेतीबाडी को उन्नत और फायदे का सौदा बनाने के सीएम के मिशन में यह पुरस्कार स्फूर्ति देगा. सीएम ने भाउसाहब देशमुख पुरस्कार को उन्हें अब तक प्राप्त अमेरिका, जापान, सिंगापुर सहित सभी पुरस्कारों से बढकर बताया.
मुख्यमंत्री फडणवीस श्री शिवाजी शिक्षा संस्था द्बारा आयोजित भाउसाहब पंजाबराव देशमुख के 127 वें जयंती उत्सव व पुरस्कार समारोह में बोल रहे थे. संस्थाध्यक्ष भैयासाहब उर्फ हर्षवर्धन देशमुख की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव, पद्मभूषण संगणक वैज्ञानिक डॉ. विजय भटकर प्रदेश के आदिवासी विकास मंत्री डॉ. अशोक उईके, शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. पंकज भोयर, सांसद डॉ. अनिल बोंडे, बलवंत वानखडे, विधायक सर्वश्री राजेश वानखडे, प्रताप अडसड, डॉ. संजय कुटे, प्रवीण तायडे, परिणय फुके, संस्था के पदाधिकारी उपाध्यक्ष एड. गजानन पुंडकर, एड. जयवंत पाटिल पुसदेकर, केशवराव मेतकर, कोषाध्यक्ष दिलीप इंगोले, कार्यकारिणी सदस्य हेमंत कालमेघ सहित समस्त कार्यकारिणी मंचासीन थी.
देवेंद्र फडणवीस ने आचार संहिता के बावजूद यहां आने का उद्देश्य देश के कर्मठ कृषि मंत्री और शिक्षा महर्षी के प्रति आदर और लगाव होने की बात आरंभ में ही स्पष्ट कर दी. उन्होंने शिक्षा मंत्री डॉ. पंकज भोयर के प्रस्ताव के अनुसार अमरावती में शिक्षा विभाग के सभी एक दर्जन से अधिक कार्यालयों को एक स्थान पर लाने के प्रस्ताव को भी अतिशीघ्र मूर्त रूप देने तथा शिक्षा क्षेत्र में शिवाजी संस्था के सभी सकारात्मक प्रस्तावोंं को प्राथमिकता से स्वीकृति देने का ऐलान किया.
सीएम फडणवीस ने कहा कि भाउसाहब देशमुख की दूरदर्शिता के कारण शिक्षा क्षेत्र में अमरावती का समस्त राज्य में नाम है और उन्हीं से प्रेरणा लेकर उनकी सरकार 500 करोड रुपए का एआई आधारित कृषि मिशन क्रियान्वित करने जा रही है, जिससे अभी असिंचित खेती को भी बागवानी में परिवर्तीत किया जा सकेगा. एआई के माध्यम से खेतीबाडी में कीट नियंत्रण के साथ उत्पादन बढाने पर जोर रहेगा. 2026 में प्रत्येक किसान को दिन में 12 घंटे सौर उर्जा देने की घोषणा भी मुख्यमंत्री ने की. उन्होंने कहा कि वातावरण बदल का फसलों पर होनेवाला दुष्प्रभाव भी रोके जाने की संभावना उन्होंने एआई तकनीक में देखी हैं. राज्य के ही अनेक उभरते वैज्ञानिकों ने उनके सामने इस प्रकार के बडे आशावादी मॉडल हाल ही में प्रस्तुत किए हैं. जिनके विकास के लिए उन्होंने निर्देश दिए हैं.
अनेक के जीवन में लाई क्रांति
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाउसाहब देशमुख के कार्य कालातीत रहे हैं. अनेक लोगों के जीवन में क्रांति लाई है. केवल एक पीढी तक भाउसाहब के कार्य सीमित नहीं तो अनेक पीढियो का शिक्षा और खेतीबाडी के माध्यम से उन्होंने परिवर्तन किया हैं. संस्कृत में पीएचडी प्राप्त भाउसाहब देशमुख ने वैदिक , प्राचीन ज्ञान पर शोध किया. उस ज्ञान का मूल विचार लोगों तक पहुंचाने के साथ अनेक कु प्रथाएं, रूढियों को बंद कराया. अंबादेवी मंदिर में अस्पृश्य को भाउसाहब के ही प्रयास, आंदोलन से प्रवेश मिल पाया. शिवाजी शिक्षा संस्था ने किसानों के जीवन में नया प्रकाश लाया है. भाउसाहब न होते तो 2-3 पीढियां उच्च, तकनीकी शिक्षा से कदाचित वंचित रह जाती. फडणवीस ने फूड फॉर ऑल का श्रेय भी भाउसाहब देशमुख को देते हुए उन्हें राष्ट्र निर्माता की संज्ञा दी.
खेती किसानी को बढाया आगे
केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने भी भाउसाहब पंजाबराव देशमुख का अभिवादन करते हुए कहा कि भाउसाहब ने पश्चिम विदर्भ के किसानों और शिक्षा क्षेत्र हेतु अपना जीवन समर्पित कर दिया. उनकी दूरदर्शिता की बदौलत आज अमरावती में शिक्षा भागीरथी कल-कल बह रही है. किसानों के लिए भी भाउसाहब के कार्य ऐसे रहे की देशभर में कृषि विश्वविद्यालयों की स्थापना उन्हीं के कारण हुई. संविधान बनाने में भी भाउसाहब देशमुख ने बाबासाहब आंबेडकर और संविधान सभा का सहकार्य किया. विचारों से आधुनिक रहने से उन्होंने समूह शक्ति को समाज के सत्कार्यो हेतु प्रेरित और क्रियान्वित किया.
पापल में क्षण की देरी बगैर कृषि कॉलेज
समारोह में उपस्थित प्रदेश के शालेय शिक्षा सहित पांच विभागों के राज्य मंत्री डॉ. पंकज भोयर ने बताया कि शिवाजी संस्था के भाउसाहब देशमुख की जन्मभूमि पापल में कृषि महाविद्यालय स्थापित करने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक पल की भी देरी किए बगैर स्वीकृति दी. उसी प्रकार सीएम ने उन्हें शिवाजी के सभी सकारात्मक प्रस्तावों पर तत्काल और अधिकारपूर्वक स्वीकृति देने कह दिया हैं. भोयर ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री ने 5 विभागों की जिम्मेदारी दी है. वे भी सीएम के समान अमरावती के भांजे है. इतना ही नहीं तो मामा की बेटी से ही उनका विवाद हुआ है. डॉ. पंकज भोयर ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस विदर्भ विकास के लिए सदैव उद्यत रहनेवाले गौरवशाली सीएम हैं. समारोह में पद्मभूषण डॉ. विजय भटकर का वीडियो संदेश सुनाया गया. जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री के कार्यों की जमकर प्रशंसा की और कहा कि भाउसाहब के नाम से दिए जाते पुरस्कार हेतु संस्था ने सही चयन किया है. आभार प्रदर्शन कोषाध्यक्ष दिलीप बाबू इंगोले ने किया.
संस्था के कार्यकारिणी सदस्य सर्वश्री केशवराव गावंडे, सुरेश खोटरे, प्रा. सुभाष बनसोड, डॉ. वी.जी. ठाकरे, विजय ठोकल, डॉ. अंबादास कुलट, डॉ. पी.एस. वायाल, डॉ. अमोल महल्ले सहित शिव परिवार के सभासद , प्राचार्य, मुख्याध्यापक और अन्य सभी मान्यवर उपस्थित थे. अमरावती शिक्षा जगत के कई गणमान्य एवं राजनीतिक, सामाजिक क्षेत्र के मान्यवर भी मौजूद थे.
* पीडीएमसी का कैन्सर अस्पताल मार्च से शुरू
अध्यक्षीय संबोधन में भैयासाहब अर्थात हर्षवर्धन देशमुख ने संस्था की अनेकानेक उपलब्धियों का बखान कर कहा कि संस्था की चार कॉलेजेस को पीएम उषा योजना अंतर्गत 5-5 करोड का फंड प्राप्त हुआ है. फंड से विकास हो रहा है, काम अतिशीघ्र पूर्ण हो जाएगा उन्होंने बताया कि अंबानी फाउंडेशन के सहयोग से शिवाजी संस्था का पीडिएमसी कैन्सर अस्पताल का कार्य पूर्णता की ओर है. आगामी मार्च- अप्रैल में इस अस्पताल के लोकार्पण हेतु ही मंचासीन मंत्रियों को अवश्य उपस्थित रहरने का आग्रह भैयासाहब देशमुख ने अधिकार पूर्वक किया . उन्होेंने बताया कि शिवाजी विज्ञान कॉलेज देश की 93 नंबर की अग्रणी कॉलेज में मिली जा रही है. सरकार द्बारा दी गई सभी जिम्मेदारियां संस्था ने यशस्वी की है. संस्था की 12 शलााओं में एआई कोर्स शुरू किया गया है. इसका आगे विस्तार करने की बात अध्यक्ष ने कहीं और बताया कि राज्य मंत्रीमंडल के सदस्य डॉ. अशोक उईके और केंद्रीय मंत्री प्रतापराव जाधव भी शिव परिवार से जुडे हैं. जाधव तो शिवाजी की शाला में पढे हैं. अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख ने कहा कि 7 शालाएं मॉडल विकसित की जा रही है. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के कारण पिछले तीन वर्षों से संस्था के शालाओं में पटसंख्या लगातार बढने का दावा उन्होंने किया.





