तिवसा में बीजेपी पर साख बढाने का जिम्मा

जिला परिषद, पंस चुनाव की सरगर्मी तेज

* वर्तमान और पूर्व विधायकों के बीच रोचक भिडंत के आसार
* अगले सप्ताह बजने वाला है चुनाव बिगुल
अमरावती/ दि. 28-मिनी मंत्रालय कहे जाते जिला परिषद के आम चुनाव तय टर्म से चार वर्ष बाद अब होने को है. ऐसे में जोरदार गतिविधि दिवाली पश्चात शुरू हो गई है. जानकारों ने बताया कि बीजेपी के विधायक राजेश वानखडे और कांग्रेस नेता यशोमती ठाकुर पर अपना रूतबा बढाने का जिम्मा इन चुनावों में रहेगा. अत: दोनों लीडर्स और उनके खासमखास अपनी- अपनी शैली में काम से लग गये हैं. बीजेपी जहां अंतर्गत सर्वे सहित कामकाज पर लक्ष्य केन्द्रित किए हुए हैं. कांग्रेस का एड. ठाकुर के नेतृत्व में अपनी शैली से काम शुरू है. पिछली बार के अधिकांश जिला परिषद सदस्य और पंचायत समिति सदस्य चुनाव लडने के लिए तैयार है. वहीं कई नये चेहरे भी भाग्य आजमाने की तैयारी में बताए जा रहे हैं.
10 निर्वाचन क्षेत्र
तिवसा विधानसभा क्षेत्र में जिला परिषद के 10 सर्कल तलेगांव ठाकुर, वर्‍हा, कुर्‍हा, शिराला, नांदगांव पेठ, पुसदा, वलगांव, खारतलेगांव, खोलापुर, रिध्दपुर का समावेश है. जहां आरक्षण तय हो गया है. केवल वर्‍हा और शिराला में सामान्य वर्ग के उम्मीदवार मैदान में उतर सकते हैं. महिलाओं के लिए वलगांव, खोलापुर, नांदगांव पेठ, कुर्‍हा सीटें ऐसी है जहां सामान्य वर्ग की महिलाएं इलेक्शन लड सकती है. अन्य स्थान ओबीसी और अनुसूचित जाति के व्यक्ति हेतु आरक्षित है.
क्या कहता है इतिहास
तिवसा तहसील में अब तक विभिन्न दलों के उम्मीदवारों को अवसर यहां के देहाती वोटर्स ने दिया है. किसी एक दल का दबदबा न रहा. हर बार नया उम्मीदवार ुचुननेवाला तलेगांव ठाकुर सर्कल यहां है. शिवसेना और कांग्रेस के सदस्य यहां प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. पिछली बार भी यहां के जिप सर्कल में लढा के संजय देशमुख तो कांग्रेस की विद्या राजेश बोडखे चुनी गई थी. बीजेपी के नीलेश श्रीखंडे ने वर्‍हा से बाजी मारी थी. निर्दलीय उम्मीदवारों को भी यहां की जनता ने मिनी मंत्रालय में भेजा है. सभी पूर्व सभासद इस बार भी चुनाव लडने के इच्छुक बताए जा रहे हैं.
दोनों ही दलों के पास भरमार
इच्छुकों की दोनों ही प्रमुख दलों बीजेपी और कांग्रेस के पास भरमार रहने की जानकारी पार्टी सूत्रों ने दी और बताया कि दोनों के अलग- अलग अंदाज में प्रत्याशी चयन किए जाने हैं. कांग्रेस ने जहां आवेदन मंगाए हैं. वही बीजेपी के नेताओं से कई कार्यकर्ता गुहार लगा रहे हैं. किंतु बीजेपी सूत्रों पर यकीन करें तो पंचायत समिति हो या जिला परिषद सर्कल पार्टी ने प्रत्याशी तय करने के वास्ते सर्वेक्षण और कामकाज की रिपोर्ट देखना शुरू कर दिया है. अमरावती मंडल से चर्चा में सूत्रों ने दावा किया कि पार्टी पदाधिकारी और मंत्री की टीम अपने अपने स्तर पर सर्वे कर रही है. जिससे प्रत्याशियों का नाम का ऐलान समय पर होने की संभावना बताई जा रही है. बीजेपी के मित्र दलों को भी उनसे कुछ सीटों के आवंटन व गठबंधन की आस है. बीजेपी महायुति के रूप में चुनाव लडने की भाषा कर रही है. किंतु भीतर ही भीतर वह अपने बलबूते से निकाय चुनाव लडने जा रही है. एक- एक गांव में बीजेपी के लोग पहुंचे हैं.
बता दें कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस की धुरंधर उम्मीदवार को पटखनी दी थी. अब उसे वह परिणाम पुन: कायम रखना है. पालकमंत्री ने 51% वोटिंग कर टारगेट दे रखा हैं. जिससे विधायक ने भी सभी सीटों पर जीत की रणनीति बना रखी है.

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