भाजपा विधायक उमेश यावलकर ठहरे किंगमेकर

नगर परिषद और नगर पंचायत चुनाव परिणाम

* तीन अन्य विधायक अडसड, काले और तायडे को प्रतिस्पर्धियों ने दिए धक्के
* मोर्शी में हाथों से फिसली जीत, 6 बीजेपी नगरसेवक चुने गये
अमरावती/ दि. 21- विधानसभा चुनाव के ठीक एक वर्ष बाद हुए नगर परिषद तथा नगर पंचायत चुनावों को विधायकों के लिए अग्नि परीक्षा माना जा रहा था. बीजेपी ने पिछले वर्ष अभूतपूर्व सफलता प्राप्त करते हुए विधानसभा के पांच क्षेत्रों पर कब्जा किया था. आज घोषित पालिका और नगर पंचायत चुनाव के परिणामों से स्पष्ट हुआ कि बीजेपी के तीन विधायकों को उनके प्रतिद्बंदियों ने धक्के दिए हैं. वहीं मोर्शी के विधायक उमेश उर्फ चंदू यावलकर किंगमेकर सिध्द हुए हैं. वे अपने विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दो पालिका वरूड तथा शेंदुरजना घाट में पार्टी के नगराध्यक्ष विजयी करने में सफल रहे. मोर्शी में शिवसेना शिंदे गट बाजी मार गया. फिर भी भाजपा के 6 नगरसेवक वहां मोर्शी पालिका सदन में पहुंचे हैं.
यावलकर की सफलता का राज
मोर्शी विधानसभा अंतर्गत तीन नगर परिषद मोर्शी, वरूड और शेंदुरजना घाट का समावेश है. जिसमें से वरूड तथा शेंदुरजना घाट में भाजपा के नगराध्यक्ष उम्मीदवार आज भारी वोटों से विजयी हुए हैं. इतना ही नहीं तो शेंदुरजनाघाट और वरूड पालिका में भी कमल के फूल के अधिकांश प्रत्याशी विजयी हुए हैं. मोर्शी पालिका में आधा दर्जन नगरसेवक भाजपा के जीते हैं. ऐसे में राजनीतिक समीक्षक मान रहे हैं कि विधायक उमेश उर्फ चंदू यावलकर किंगमेकर बने हैं. यावलकर ने तीनों ही पालिका में जमकर प्रचार किया और पार्टी की बागडोर सफलतापूर्वक संभाली. जिससे आनेवाले दिनों में उन पर जिम्मेदारी बढने के भी संकेत सियासी जानकार दे रहे हैं.
काले और अडसड को धक्के
विधानसभा चुनाव के मुकाबले पालिका और पंचायत चुनाव में नगराध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता से करवाया गया. फलस्वरूप भाजपा विधायक प्रताप दादा अडसड को अपने घर धामणगांव रेलवे में तो अभूतपूर्व सफलता हासिल हुई. धामणगांव वासियों ने अडसड परिवार पर पुन: बेहिसाब भरोसा जताया. कांग्रेस से यहां हुए सीधे मुकाबले में नगराध्यक्ष पद और सभी नगरसेवकों के चुनाव में भाजपा को एकतरफा विजय दिलाई. विधायक अडसड की सगी बहन अर्चना अक्का रोठे- अडसड नगराध्यक्ष पद पर विजयी हुई. इसके अलावा सभी 20 स्थानों पर भाजपा प्रत्याशी धामणगांव पालिका सदन पहुंचे.
चांदुर रेलवे, नांदगांव में धक्का
विधायक अडसड को चांदुर रेलवे और नांदगांव खंडेश्वर में तगडा आघात मिला. दोनों ही जगह नगराध्यक्ष चुनाव में बीजेपी उम्मीदवारों को हार का सामना करना पडा है. उसी प्रकार नांदगांव खंडेश्वर नगर पंचायत में बीजेपी के केवल तीन नगरसेवक चुने गये. चांदुर रेलवे में अवश्य उपाध्यक्ष पद भाजपा को मिल सकता है. वहां पालिका में पार्टी के 11 नगरसेवक चुने गये हैं.
मेलघाट में मिश्रित परिणाम
विधायक केवलराम काले को भी नगर परिषद चुनाव में आघात सहना पडा. जब चिखलदरा नगराध्यक्ष चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार सोमवंशी हार गये. उसी प्रकार पालिका में भी बीजेपी के नगरसेवकों की भी संख्या 8 तक सीमित रह गई. वहां कांग्रेस ने बाजी मारी. काले के लिए संतोष की बात रही कि धारणी नगराध्यक्ष के प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव में बीजेपी के सुनील चौथमल विजयी रहे. उसी प्रकार पालिका में भी पार्टी ने 4 नगरसेवक चुनकर लाए. देखा जाए तो काले के लिए पूर्व विधायक राजकुमार पटेल से मुकाबला बराबरी पर छूटा है. किंतु विदर्भ के नंदनवन कहलाते चिखलदरा में पार्टी की हार से विधायक काले को चेतावनी मानी जा रही है.

चांदुर बाजार में कडू का ‘प्रहार’, विधायक तायडे को धक्का
जिले की एकमात्र अ श्रेणी नगरपालिका अचलपुर में विधायक प्रवीण तायडे की प्रतिष्ठा बचानेवाला परिणाम बीजेपी के लिए आया. किंतु इसी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत चांदुर बाजार पालिका में काफी उठापटक केे बावजूद भाजपा पूर्व विधायक बच्चू कडू के किले को नहीं भेद सकी. बच्चू कडू ने न केवल ऐन समय पर बडे, तगडे उम्मीदवार मनीषा मनीष नांगलिया को अपने पाले में लाया, उन्हें नगराध्यक्ष का चुनाव विजयी करा दिया. उसी प्रकार चांदुर बाजार पालिका में भी प्रहार के एक दर्जन नगरसेवक चुने गये है.ं स्पष्ट है कि चांदुर बाजार पर पूर्व विधायक बच्चू कडू की पैठ और पकड कायम है. यह विधायक प्रवीण तायडे के लिए बडी चेतावनी बताई जा रही है. राजनीतिक समीक्षकों ने अचलपुर नगराध्यक्ष चुनाव में बीजेपी की रूपाली अभय माथने की शानदार विजय के बावजूद नगरसेवकों के चुनाव में बीजेपी को अपेक्षित सफलता नहीं मिलने का दावा किया. अचलपुर विधानसभा क्षेत्र से पिछले वर्ष ही प्रवीण तायडे ने कमल खिलाया था. जानकारों का कहना है कि नगरसेवक के टिकट वितरण में तालमेल नहीं होेने से बीजेपी को यहां झटके लगे हैं. यह झटके विधायक प्रवीण तायडे के लिए चेतावनी समकक्ष बताए जा रहे हैं. कुल मिलाकर बीजेपी के विधायकों की नगर परिषद तथा नगर पंचायत चुनाव की परीक्षा फिफ्टी फिफ्टी कही जा सकती है. जबकि पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने पार्टी कार्यकर्ताओं को 51 फीसद वोट का टारगेट प्रत्येक बूथ के लिए दिया था. बहरहाल अभी मिनी मंत्रालय अर्थात जिला परिषद तथा पंचायत समिति चुनाव का इम्तहान शेष है.

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