भाजपा का ‘निर्विरोध’ पैटर्न चल रहा जमकर
अब मंत्री गिरीश महाजन की पत्नी निर्विरोध नगराध्यक्ष निर्वाचित

* कल धुले के दोंडाई में मंत्री जय रावल की माताजी का हुआ था निर्विरोध निर्वाचन
* आज अमरावती के चिखलदरा में सीएम फडणवीस के ममेरे भाई भी निर्विरोध बने पालिका सदस्य
जलगाँव./दि.20- महाराष्ट्र में स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव में भाजपा ने इस बार ‘निर्विरोध जीत’ का फार्मूला तेजी से आगे बढ़ाया है. पहले ऑपरेशन लोटस के तहत कई पूर्व विधायकों और जिला स्तर के बड़े नेताओं को साथ जोड़ने के बाद अब नगरपरिषद और नगरपंचायत चुनावों में भी भाजपा की ‘निर्विरोध विजय’ का पैटर्न साफ दिखाई दे रहा है. इसकी शुरुआत सोलापुर जिले की अणगर नगरपंचायत से शुरुआत हुई और धुले जिले की दोंडाई नगरपरिषद में यह ट्रेंड और मजबूत हुआ. अब जलगाँव जिले की जामनेर नगरपरिषद में भी यही हुआ, जहां भाजपा नेता तथा जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन की पत्नी साधना महाजन निर्विरोध नगराध्यक्ष चुनी गईं. जलगांव में विपक्ष की ओर से महाविकास आघाड़ी की उम्मीदवार ज्योत्स्ना विसपुते ने अपना नामांकन वापस ले लिया, जिसके बाद साधना महाजन की निर्विरोध जीत तय हो गई.
वहीं इससे पहले धुले जिले की दोंडाई नगरपरिषद में भी भाजपा नेता और मंत्री जयकुमार रावल की मातोश्री नयनकुमार रावल निर्विरोध विजयी हुई थीं. साथ ही सोलापुर जिले की अणगर नगरपंचायत में भाजपा नेता और पूर्व विधायक राजन पाटिल की बहू प्राजक्ता पाटिल भी बिनविरोध विजयी रहीं. इधर अमरावती जिले की चिखलदरा नगरपरिषद में भी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ममेरे भाई आल्हाद कलोती का निर्विरोध चुनाव चर्चा का विषय बना हुआ है. इन लगातार सफलताओं से राज्य में भाजपा का ‘निर्विरोध चुनाव रणनीति’ का पैटर्न साफ सफल होता दिख रहा है.
* एकनाथ शिंदे की शिवसेना को तगड़ा झटका
जामनेर में साधना महाजन के निर्विरोध चुने जाने के साथ ही दो वार्डों में शिवसेना (शिंदे गट) को बड़ा धक्का लगा है. वार्ड 1 से मयूरी चव्हाण और वार्ड 13-ब से रेशमता सोनवणे ऐसे शिवसेना के दो उम्मीदवारों ने नामांकन वापस लेकर भाजपा में प्रवेश कर लिया. इन दोनों सीटों पर भाजपा और एकनाथ शिंदे की शिवसेना आमने-सामने होने वाली थी. भाजपा की ओर से वार्ड 1 में सपना झाल्टे और वार्ड 13 में किलुबाई शेवाळे ने नामांकन दाखिल किया था. लेकिन शिवसेना उम्मीदवारों के भाजपा में शामिल होने से मुकाबला खत्म हो गया और भाजपा ने दोनों वार्डों में स्पष्ट बढ़त बना ली. महाराष्ट्र के कई जिलों में भाजपा की यह रणनीति विपक्ष के लिए चिंता का कारण बनती जा रही है, जबकि शिवसेना (शिंदे गट) को यह एक बड़ा राजनीतिक झटका माना जा रहा है.





