महिला आरक्षित नगराध्यक्ष पदों हेतु भाजपा की जोरदार तैयारियां

अचलपुर, चांदुर बाजार, चांदूर रेलवे में चल रही जबर्दस्त रस्साकशीं

* अंजनगांव व धामणगांव में नगराध्यक्ष प्रत्याशियों के नाम लगभग फाईनल
अमरावती/दि.10- आगामी 2 दिसंबर को जिले की 10 नगर परिषदों व 2 नगर पंचायतों के आम चुनाव होने जा रहे है. जिसके तहत नगर सेवकों का चयन करने के साथ-साथ मतदाताओं को सीधे नगराध्यक्षों का भी चुनाव करना हैं. जिसके चलते सभी राजनीति दलों में नगराध्यक्ष व सदस्य पद हेतु टिकट हासील करने की अच्छी खासी होड चल रही है. विशेष तौर पर केंद्र सहित राज्य की सत्ता में रहनेवाली भाजपा में टिकट के दावेदारों की संख्या सबसे अधिक हैं. चूंकि इस बार कई स्वायत्त निकायों का नगराध्यक्ष पद विभिन्न संवर्ग के महिलाओं के लिए आरक्षित हुआ है. ऐसे में पार्टी द्बारा संबंधित निकाय क्षेत्रों में नगराध्यक्ष पद के लिए संभावित दावेदारों के नामों को टटोलना शुरू कर दिया गया है. साथ ही साथ महिला आरक्षित निकाय क्षेत्र में नगराध्यक्ष पद के लिए महिला दावेदारों की ओर से भी जमकर लॉबींग व फिल्डींग की जा रही है.

* धामणगांव से अर्चना रोठे का नाम लगभग तय
धामणगांव रेलवे विधानसभा क्षेत्र में पूर्व विधायक अरूण अडसड व विधायक प्रताप अडसड के परिवार का अच्छा खासा राजनीतिक दबदबा है तथा इस क्षेत्र में भाजपा का नेतृत्व अडसड परिवार द्बारा किया जाता है. क्षेत्र के मौजूदा विधायक प्रताप अडसड इसके पहले धामणगांव रेलवे नगर परिषद के नगराध्यक्ष रह चुके है और अब इस नगर पालिका के नगराध्यक्ष पद हेतु पूर्व विधायक अरूण अडसड की बेटी व विधायक प्रताप अडसड की बहन आक्का उर्फ अर्चना रोठे की दावेदारी भाजपा की ओर से लगभग तय मानी जा रही है. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक भाजपा में नगराध्यक्ष पद के लिए अर्चना रोठे की दावेदारी के सामने अन्य किसी भी दावेदारी ही नहीं आनेवाली, जिसके चलते नगराध्यक्ष पद हेतु भाजपा की ओर से अर्चना रोठे का नाम ही लगभग फाईनल हैं.


* अंजनगांव में मीना बुंदिले व अविनाश गायगोले आमने-सामने
दर्यापुर विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा रहनेवाली अंजनगांव सुर्जी नगरपालिका में नगराध्यक्ष पद के लिए क्षेत्र के पूर्व विधायक व भाजपा नेता रमेश बुंदिले की पत्नी मिना बुंदिले का नाम भाजपा की ओर से लगभग तय माना जा रहा है. हालांकि इस सीट से अंजनगांव सुर्जी के पूर्व नगरसेवक तथा भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष अविनाश कृष्णराव गायगोले भी मैदान में हैं. जिन्होंने पार्टी के समक्ष अपने दावेदारी भी पेश की हैं.
उल्लेखनीय है कि जब दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र एससी संवर्ग के लिए आरक्षित हुआ था तब इस क्षेत्र के विधायक रहनेवाले प्रकाश पाटिल भारसाकले ने अपने लिए अकोट निर्वाचन क्षेत्र चुनने के साथ ही दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र में अपनी विरासत रमेश बुंदिले को सौंपी थी और रमेश बुंदिले ने इस क्षेत्र से विधायक निर्वाचित होते हुए प्रकाश पाटिल भारसाकले की परंपरा को आगे बढाया था. हालांकि आगे चलकर रमेश बुंदिले को लगतार दो बार विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पडा. परंतु इसके बावजूद इस क्षेत्र की राजनीति और भाजपा पर बुंदिले की पकड मजबुत बनी रही. ऐसे में अब खुद अकोट निर्वाचन क्षेत्र के विधायक प्रकाश पाटिल भारसाकले द्बारा पूर्व विधायक रमेश बुंदिले की पत्नी को भाजपा की ओर से नगराध्यक्ष पद का दावेदार बनाने हेतु प्रयास किए जा रहे है. जिसके चलते रमेश बुंदिले की पत्नी मीना बुंदिले का दावा बेहद मजबुत माना जा रहा हैं. साथ ही साथ वर्ष 2001 में भाजपा-शिवसेना युती के तहत शिवसेना की टिकट पर अंजनगांव सुर्जी नगर परिषद में नगरसेवक निर्वाचित होनेवाले तथा आगे चलकर भाजपा में प्रवेश करते हुए विभिन्न पदों पर रहकर पार्टी का काम करनेवाले अविनाश गायगोले ने भी इस बार अंजनगांव सुर्जी के नगराध्यक्ष पद के लिए पार्टी के समक्ष अपनी दावेदारी पेश की हैं. हालांकि अविनाश गायगोले की तुलना में मीना बुंदिले का दावा काफी हद तक मजबुत दिखाई दे रहा हैं.


* चांदूर रेलवे में दो महिला दावेदारों के बीच कांटे का मुकाबला
इस बार चांदूर रेलवे नगर परिषद में नगराध्यक्ष पद सर्वसाधारण (महिला) प्रवर्ग हेतु आरक्षित हुआ है. यहां पर भाजपा की ओर से नगराध्यक्ष पद हेतु स्वाती शैलेंद्र मेटे व डॉ. सुषमा वसंतराव खंडार को सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है. स्वाती मेटे इससे पहले कांग्रेस की ओर से नगर परिषद की सदस्य रह चुकी है. जिन्होंने आगे चलकर भाजपा में प्रवेश कर लिया था और अब वे भाजप की ओर से नगराध्यक्ष पद का टिकट मिलने की रेस में हैं. वहीं विगत करीब 30 वर्षों से पार्टी में सक्रिय रहनेवाली तथा क्षेत्र में ख्यातनाम चिकित्सक के तौर पर पहचान रखनेवाली डॉ. सुषमा वसंतराव खंडार भी इससे पहले एक बार वर्ष 1990 से 1995 तक भाजपा के टिकट पर नगर सेविका व 1995 से 2000 तक स्विकृत सदस्य रह चुकी है. साथ ही उन्होंने महिला आघाडी की शराध्यक्ष तहसील अध्यक्ष एवं जिला उपाध्यक्ष के तौर पर काम करने के साथ-साथ लोकसभा व विधानसभा चुनाव में भी विभिन्न जिम्मेदारियां संभाली है. जिसके चलते डॉ. सुषमा खंडार ने अब नगराध्यक्ष पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की है.

अचलपुर में चार महिलाओं के बीच जबर्दस्त रस्साकशीं
जिले की एकमात्र ‘अ’ वर्ग नगरपालिका रहनेवाली अचलपुर नगर पालिका में इस बार नगराध्यक्ष पद ओबीसी महिला संवर्ग हेतु आरक्षित हुआ है और इस पद के लिए भाजपा की ओर से चार ओबीसी महिलाएं प्रबल दावेदार के तौर पर मैदान में दिखाई दे रही है. जिनमें रूपाली अभय माथने, दिपाली कुंदन यादव, नयना सतिश जोशी व अलका शशिकांत जयस्वाल के नाम शामिल हैं. बता दें कि शशिकांत जयस्वाल इससेे पहले अचलपुर नगरपालिका में उपाध्यक्ष रह चुके है. वहीं मजदूर नेता के तौर पर पहचान रखनेवाले अभय माथने भी नगरसेवक रह चुके है. जबकि कुंदन यादव और सतीश जोशी की भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ताओं के तौर पर अच्छी खासी पहचान है. ऐसे में नगराध्यक्ष पद ओबीसी महिला संवर्ग हेतु आरक्षित होते ही इन चारों पदाधिकारियों में अपनी पत्नियों को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर ली हैं. साथ ही टिकट हासिल करने के लिए जबर्दस्त लॉबिंग व फिल्डींग की जा रही है. जिसमें से फिलहाल दिपाली कुंदन यादव का नाम रेस में सबसे आगे बताया जा रहा है.

* चांदुर बाजार में भी जबर्दस्त प्रतिस्पर्धा
सर्वसाधारण महिला प्रवर्ग हेतु आरक्षित रहनेवाले चांदुर बाजार नगर पालिका के नगराध्यक्ष पद के लिए चांदुर बाजार में भाजपा से वास्ता रखनेवाली महिला दावेदारों के बीच अच्छी खासी प्रतिस्पर्धा देखी जा रही है. चांदुर बाजार में नगराध्यक्ष पद हेतु भाजपा की ओर से मनिषा मनिष नागलिया, कांताबाई अहिर, अनुराधा रवि पवार व ज्योति विजय विल्हेकर को दावेदार माना जा रहा है. जिसमें से मनिषा नागलिया इससे पहले वर्ष 2014 में खुद चांदुर बाजार के नगराध्यक्ष पद पर रह चुकी हैं और उनकेे कार्यकाल के दौरान ही उनके पति मनिष नागलिया भी नगरसेवक निर्वाचित हुए थे. जबकि चांदुर बाजार नगर परिषद की पूर्व नगरसेविका रह चुकी अनुराधा पवार के पति रवि पवार इससे पहले चांदुर बाजार के नगराध्यक्ष रह चुके है. इसके अलावा इस समय नगराध्यक्ष पद हेतु टिकट के लिए दावेदार के तौर पर मैदान में रहनेवाली कांताबाई अहिर के बेटे टिक्कु अहिर चांदुर बाजार नगरपरिषद में नगरसेवक रह चुके है और ज्योति विल्हेकर के पति विजय विल्हेकर नगर परिषद उपाध्यक्ष रह चुके हैं. ऐसे में भाजपा से वास्ता रखनेवाली इन चारों महिला दावेदारों के बीच नगराध्यक्ष पद को लेकर जबर्दस्त प्रतिस्पर्धा देखी जा रही है. जिसमें से फिलहाल पूर्व नगराध्यक्ष मनिषा नागलिया का दावा सबसे मजबुत माना जा रहा है.

* चिखलदरा में सोमवंशी होंगे नगराध्यक्ष पद हेतु महायुति के प्रत्याशी
विदर्भ के एक मात्र हिलस्टेशन रहनेवाले चिखलदरा को ठंडी हवा वाला पर्यटन स्थल माना जाता हैं. जहां पर इस समय नगर परिषद के चुनाव के चलते राजनीतिक वातावरण अच्छा खासा तपा हुआ हैं. चिखलदरा नगर परिषद में सर्वसाधारण प्रवर्ग हेतु खुले रहनेवाले नगराध्यक्ष पद के लिए इस क्षेत्र के मतदाताओं व राजनीतिक पर जबर्दस्त पकड रखनेवाले पूर्व नगराध्यक्ष राजेंद्रसिंह सोमवंशी को महायुति की ओर से प्रबल दावेदार माना जा रहा हैं. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक डेप्युटी सीएम अजीत पवार के नेतृत्ववाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ओर से राजेंद्रसिंह सोमवंशी घडी चुनाव चिन्ह पर नगराध्यक्ष पद के दावेदा होंगे. जिनकी दावेदारी का भाजपा द्बारा समर्थन किया जाएगा. बता दें कि क्षेत्र की राजनीतिक पर बेहद मजबुत पकड रखनेवाले राजेंद्रसिंह सोमवंशी इससे पहले चिखलदरा नगर परिषद के नगराध्यक्ष रह चुके है और जब चिखलदरा नगर परिषद का नगराध्यक्ष पद महिला आरक्षित हुआ था, तो राजेंद्रसिंह सोमवंशी की पत्नी विजया सोमवंशी नगराध्यक्ष निर्वाचित हुई थी. जिसे ध्यान में रखते हुए सोमवंशी परिवार की चिखलदरा शहर नगर परिषद पर मजबुत पकड को समझा जा सकता है. याद रहे कि चिखलदरा नगर परिषद अमरावती जिले की सबसे छोटी नगर परिषद हैं. जिसकी मतदाता संख्या मात्र 3355 ही हैं. परंतु इसके बावजूद पूरे जिले का ध्यान इस नगरपरिषद की ओर लगा हुआ हैं.

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