गुलाबी ठंड में जल रहे अलाव, हो रही राजनीतिक गरमागरम चर्चा
उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में कैद

* अब चौक-चौराहों पर मतदान की समीकरण जोडना शुरु
दर्यापुर/दि.6 – नगर परिषद आम चुनाव मैदान में नगराध्यक्ष और नगरसेवक पद के उम्मीदवारों का भाग्य मतपेटी में बंद है. इस बीच, पदाधिकारी और कार्यकर्ता बूथ-वाइज डेटा इकट्ठा करने और गलोगली और प्रमुख चौक में वोटों की गिनती में व्यस्त हैं. पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों को लेकर कार्यकर्ताओं द्वारा तुलना की जा रही है और हर जगह चर्चा सुनी जा रही है कि विधानसभा की तुलना में नगर परिषद में वोटरों ने अलग भूमिका निभाई. यहां होटलों, अलाव चौक और चौपालों में वोटों का समीकरण जोडने पदाधिकारी और कार्यकर्ता लगे है. हर पार्टी के कार्यकर्ता इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि उन्हें किस वार्ड से बढत मिलेगी और किस प्रभाग से माइनस में जाएंगे, और कार्यकर्ता यह भी चर्चा कर रहे हैं कि जीत उनकी होगी और गुलाल भी उनका होगा.
इस चुनाव में उन्होंने उन इलाकों को प्लस पॉइंट बनाने की कोशिश की, जहां कांग्रेस पिछले चुनावों में पीछे रह गई थी. यह भी देखा गया कि इस नगर परिषद चुनाव में पारंपरिक वोटरों को तोडने का काम भी किया गया. जीत का समीकरण जोडते हुए राजनीतिक पार्टियों ने अलग-अलग समुदायों, जातियों और धर्मों के वोटरों को अपनी ओर खींचा और उन्हें भविष्य में कई विकास के कामों का भरोसा दिलाया. साथ ही, हर पार्टी ने खुलेआम प्रचार और छिपे हुए एजेंडे के साथ इस बात पर ध्यान दिया कि प्रभाग में अपने उम्मीदवार के वोट कैसे बढाएं जाएं. इस बीच, 36 हजार 571 वोटरों में से 25 हजार 801 वोटरों ने अपने वोट के अधिकार का इस्तेमाल किया. चूंकि कई वोटरों के नाम वोटर लिस्ट में दो से तीन मतदान केंद्रों पर थे, इसलिए वोटरों ने अपनी सुविधा वाले मतदान केंद्र पर वोट डाला. इस साल उम्मीद थी कि परिवार के एक सदस्य का वोट एक ही केंद्र पर होगा. लेकिन वोटर लिस्ट में गडबडी के कारण पति एक मतदान केंद्र पर और पत्नी दूसरे मतदान केंद्र पर थी, जिससे ऐसी स्थिति बन गई कि मतदाताओं की भागमभाग हुई.
एक-दूसरे की तरफ से जीत का दावा
दर्यापुर नगर परिषद निर्वाचन क्षेत्र में नलिनी भारसाकले फिर से चुनी जाएंगी, यह विश्वास समर्थकों में है. वहीं राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के तालुका अध्यक्ष सुधाकर भारसाकले के समर्थकों के बीच यह भी दावा किया जा रहा है कि इस बार वोटर्स परिवर्तन के पक्ष में खडे हुए हैं. और यह भी दावा किया जा रहा है कि शिंदे शिवसेना के प्रदीप मालिये और राष्ट्रवादी कांग्रेस (शप) के उम्मीदवार एजाज अहमद कुरैशी चुने जाएंगे. यह तो नतीजे आने के बाद ही पता चलेगा कि बगावत और कम हुए वोट प्रतिशत का असर किस पर पडेगा.
एकही परिवार की दो बहुओं के बीच सीधी लडाई
नगर परिषद में नगराध्यक्ष पद के लिए वैसे तो 7 उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन असली लडाई कांग्रेस उम्मीदवार मंदाकिनी भारसाकले और भाजपा-राष्ट्रवादी (अ.प.) की उम्मीदवार नलिनी भारसाकले के बीच है. भाजपा और कांग्रेस का गणित इस बात पर डिपेंड करता है कि शिंदे शिवसेना के उम्मीदवार प्रदीप मालिये और राकांपा शरद पवार के उम्मीदवार एजाज अहमद कुरैशी को कितने वोट मिलते हैं. इसलिए दर्यापुर में चर्चा है कि दो चचेरी बहुओं नलिनी भारसाकले और मंदाकिनी भारसाकले के बीच सीधी टक्कर होगी.
ऐसा देखा जा रहा है कि नगर परिषद क्षेत्र में 12 इलाकों के मतदान केंद्रों पर और खासकर मुस्लिम समाज बहुल केंद्रों पर बंपर वोटिंग से उम्मीदवार और कार्यकर्ता कन्फ्यूजन की स्थिति में हैं. एक तरफ, हालांकि दोनों पार्टियों के लोग अपने-अपने उम्मीदवारों की जीत का दावा कर रहे हैं, लेकिन उन्हें डर भी लग रहा है. असल में कौन चुना जाएगा? यह कोई भरोसे के साथ नहीं कह सकता, यह एक सच्चाई है. 21 नवंबर को वोटों की गिनती और नतीजों की घोषणा के बाद, यह उत्सुकता रहेगी कि जीत का जश्न कौन मनाएगा.





