पुस्तकों को लगेगा जीएसटी का झटका
छपाई वाले कागज पर 12 फीसद से बढाकर 18 फीसद कार्य किए जाने से व्यवसायी चिंता में

नई दिल्ली/ दि. 9 – वस्तु व सेवाकर यानी जीएसटी में सुधार करते हुए अब 5 फीसद व 18 फीसद ऐसे दो भी कर स्लैब रखे जाने के चलते घटस्थापना से सभी सर्वसाधारण लोगों को काफी हद तक राहत मिलनेवाली है. परंतु वहीं दूसरी ओर किताबों यानी पुस्तकों के महंगी होने के संकेत दिखाई दे रहे हैं. क्योंकि पुस्तकों की छपाई के लिए प्रयोग में लाए जानेवाले कागज पर जीएसटी को 12 फीसद से बढाकर 18 फीसद कर दिया गया है. ऐसे में दरवृध्दि की संभावना के चलते छपाई व्यवसायियों में चिंता की लहर देखी जा रही है.
बता दें कि हाल ही में हुई जीएसटी परिषद की 56 वीं बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये. जिसमें नोट बुक, नक्शे, पेन्सिल, ड्राइंग बुक और रबर व रजिस्टर जैसी स्टेशनरी सहित कई वस्तुओं पर लगने वाले कर को रद्द कर दिया गया. परंतु अब पुस्तक विक्रेताओं को नई चिंता सता रही है. स्टेशनरी से संबंधित कई वस्तुओं पर जीएसटी को शून्य कर दिए जाने के चलते शालेय विद्यार्थियों सहित अभिभावकों व स्टेशनरी व्यवसायियों को काफी बडी राहत मिली है. परंतु पुस्तकों की प्रिंटीग हेतु प्रयोग में लाए जानेवाले ‘अनकोटेड’ कागज पर जीएसटी को 12 फीसद से बढाकर 18 फीसद कर दिया गया है. इसी कागज से कॉपी किताब की छपाई होती है. जिसके चलते सरकार के इस निर्णय की वजह से व्यवसायियों में काफी हद तक संभ्रम देखा जा रहा है. ऐसा पुस्तक कल्याण संगठन के सचिव रमेश वशिष्ठ द्बारा बताया गया.
* साइकल व्यवसायियों की भी ‘सेम टू सेम’ समस्या
जीएसटी में किए गये ताजा संशोधन के चलते साइकिलों की कीमतें भी कम होगी. साइकिल के दाम पर जीएटी 12 फीसद से घटाकर 5 फीसद कर दी गई है. जिसके चलते साइकिल खरीदी पर 7 फीसद की छूट मिलेगी. साइकिल के करीब 90 फीसद स्पेयर पार्ट पर जीएसटी को 12 फीसद से घटाकर 5 फीसद किया गया है. वहीं साइकिल बनाने हेतु लगनेवाले कुछ स्पेयर पार्ट पर जीएटी को 12 फीसद से बढाकर 18 फीसद कर दिया गया है. यानी कुल मिलाकर इस घट-बढ के बाद मामला बराबरी वाला हो गया है. इसी तरह खिलौनों पर भी जीएसटी को 12 फीसद से घटाकर 15 फीसद कर दिया गया है. जिसके चलते खिलौने सस्ते हो जायेेंगे. परंतु यदि खिलौने पर म्यूजिकल हॉर्न लगा हुआ है तो उस पर 18 फीसद जीएसटी लगाया जायेगा. जिसके चलते खिलौना व्यवसायियों में भी कुछ हद तक नाराजगी देखी जा रही है.
* पुस्तक विक्रेताओं ने केन्द्र को भेजा पत्र
पुस्तक छपाई हेतु लगनेवाले अनकोटेड कागज पर जीएसटी को 12 फीसद से बढाकर 18 फीसद किए जाने का निर्णय लेने के चलते पुस्तकों के दाम बढेंगे. जिसका सर्वाधिक नुकसान विद्यार्थियों को होगा, ऐसा दावा पुस्तक छपाई व्यवसायियों द्बारा किया गया है. साथ ही इस मामले में पुस्तक छपाई व्यवसायियों ने केन्द्र सरकार को पत्र भी भेजा है.





