बुलढाणा

सुरक्षारक्षक के अभाव में विदर्भ के 94 प्राचीन स्मारक बंद

ठेके का नूतनीकरण न किए जाने का परिणाम

लोणार (बुलढाणा)/दि.9– राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक की सुरक्षा करने वाली कंपनी का ठेका खत्म होने के कारण विदर्भ के करीबन 94 प्राचीन मध्यवर्ती संरक्षित स्मारक बंद कर दिए गए है. लोणार के संरक्षित स्मारक दैत्यसूदन मंदिर यह बंद होने बाबत पूछताछ करने पर यह धक्कादायक बात उजागर हुई है.
गत आठ दिनों से इस स्मारक को ताला लगा है. इस स्मारक की सुरक्षा के लिए नियुक्त की गई कंपनी का ठेका खत्म होने के कारण भारतीय पुरातत्व विभाग ने यह कदम उठाया है. दरमियान लोणार राष्ट्रीय वारसा माने जाने वाले दैत्यसूदन मंदिर, अहिल्याबाई होलकर अन्नछत्र के साथ ही सरोवर परिसर के सभी राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक 1 जुलाई से सुरक्षा रक्षक न होने के कारण बंद किए गए हैं. दरमियान एएसआय के नागपुर सर्कल ने इस ऐतिहासिक स्मारक की सुरक्षा के लिए निजी एजन्सी का आऊटसोर्सिंग किया था. मात्र 31 मार्च 2022 को यह ठेका खत्म हो गया था.इसके बाद उनका नूतनीकरण नहीं किया गया.
इस एजन्सी को 30 जून तक अवधि बढ़ाकर दी गई थी. लेकिन बाद में 1 जुलाई से यहां के रक्षक भी निकाल दिये गये है. इस बाबत नागपुर सर्कल के अधिकारियों द्वारा गंभीरता न दिखाये जाने के कारण यह स्थिति निर्माण होने की बात कही जा रही है. उस पर नये से अनुषंगिक निविदा निकालते समय इसमें अवाजबी विलंब होने की जानकारी है.
* 8 दिनों से नहीं सुरक्षारक्षक
विदर्भ के 11 जिलों के दुर्लभ शिल्प एवं पुरातन वास्तु संरचना के परिसर में सुरक्षा व्यवस्था की ओर दुर्लक्ष किए जाने से विगत 8 दिनों से लोणार में भी सुरक्षारक्षक नहीं होने का वास्तव है. निर्बंध नहीं होने के कारण गुप्तधन की खोज करने वाले व अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्तियों को ऐसे स्थान पर सहज प्रवेश मिलना संभव हो रहा है. यहां पर सीसी टीवी कैमेरे भी सुरक्षा के लिए नहीं बिठाये गए.

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