बुलढाणा/दि.2– संतों की 700 वर्षों की परंपरा वाले महाराष्ट्र राज्य के आराध्य दैवत या पंढरपुर का शेगांव के श्री गजानन महाराज संस्थान की ओर से विगत 52 वर्षों से प्रति वर्ष पालखी संतनगरे से पंढरपुर पैदल वारी से जाती है. कोरोना निर्बंध के कारण गत दो वर्ष स्थगित की गई संत गजानन महाराज की पालखी इस बार सोमवार, 6 जून को पंढरपुर के लिए रवाना होगी.
कोरोना प्रतिबंधात्मक निर्बंधों के कारण शेगांव के श्री गजानन महाराज संस्थान का मंदिर भाविकों के लिए बंद था. लेकिन मरीजों की संख्या कम होते ही शासन ने निर्बंध शिथिल किए. इसलिए मंदिर भी पूरी तरह से खोल दिए गए. जिसके चलते अब आषाढ़ी उत्सव के लिए करीबन 700 वारकरी इस पैदल वारी में सहभागी होकर पंढरपुर के लिए रवाना होंगे.
श्री गजानन महाराज संस्थान से श्री की पालखी सोमवार, 6 जून की सुबह 7 बजे पैदल वारी से विठुराया के दर्शन के लिए श्री क्षेत्र पंढरपुर की ओर मार्गस्थ होगी. पालखी के दर्शन व बिदाई के लिए हजारों भाविक भक्त संत नगरी में दाखल होते हैं. इसलिए सोमवार को संत नगरी में भाविकों की भीड़ रहेगी.
श्री की पालखी का पंढरपुर पैदल वारी का यह 53 वां वर्ष होकर पालखी अकोला, वाडेगांव, पातुर, डव्हा, रिसोड, परभणी, परली बैजनाथ,उस्मानाबाद, तुलजापुर, सोलापुर मार्ग से करीबन 750 किलोमीटर यात्रा कर आषाढ़ शुक्रवार 8 जुलाई को श्री क्षेत्र पंढरपुर में मुकाम के लिए पहुंचेगी. 12 जुलाई तक श्री क्षेत्र पंढरपुर में मुकाम रहेगा. बुधवार 13 जुलाई की सुबह काले के पश्चात श्री की पालखी श्री शेगांव के लिए वापसी के मार्ग से प्रस्थान करेगी. 3 अगस्त को संतनगरी शेगांव में पालखी का आगमन होगा.