बुलढाणा

एक नहीं, दस सांसद भी भेजकर मुझे नहीं हरा सकती भाजपा

विधायक बच्चू कडू ने भाजपा को दी सीधी चुनौती

वाशिम/दि.5– भाजपा द्बारा एक ओर तो हमें अपने साथ सत्ता में आने के लिए कहा जाता है और दूसरी ओर कुछ भी करते हुए बच्चू कडू को हराने हेतु आदेश जारी किया जाता है. यह कोई ठीक बात नहीं है. मैं भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष बावनकुले को चुनौती देता हूं कि, मेरे निर्वाचन क्षेत्र में वे भाजपा के एक नहीं, बल्कि 10 सांसदों को मेरे खिलाफ चुनाव प्रचार के लिए भेजे, लेकिन फिर भी वे मुझे हरा नहीं पाएंगे, इस आशय की खुली चुनौती प्रहार जनशक्ति पार्टी के विधायक बच्चू कडू ने भाजपा को दी है. गत रोज वाशिम में आयोजित दिव्यांग सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त करते हुए विधायक बच्चू कडू ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के बयान को आधार बनाते हुए भाजपा को यह चुनौती दी है.

उल्लेखनीय है कि, महाविकास आघाडी की सरकार के दौरान उद्धव ठाकरे के मंत्रिमंडल में बच्चू कडू राज्यमंत्री हुआ करते थे. परंतु जब एकनाथ शिंदे ने ठाकरे गुट का साथ छोडकर भाजपा के साथ जाने का निर्णय लिया, तो निर्दलिय विधायक बच्चू कडू ने एकनाथ शिंदे का साथ दिया था और उस समय एकनाथ शिंदे ने बच्चू कडू को नये सरकार में भी मंत्री पद देने का आश्वासन दिया था. परंतु मंत्रिमंडल का विस्तार प्रलंबित रहने के चलते विधायक बच्चू कडू को अब तक मंत्री पद नहीं मिला है. जिसे लेकर वे इससे पहले भी कई बार अपनी नाराजगी जता चुके है. वहीं अब उन्होंने सीधे भाजपा को ही चुनौती दे डाली है.

ज्ञात रहे कि, अमरावती जिले मेें विधायक बच्चू कडू के अचलपुर निर्वाचन क्षेत्र मेें भाजपा द्बारा जोरदार तैयारी किए जाने की चर्चा है और इस बार किसी भी हालात में अचलपुर का विधायक भाजपा से ही होना चाहिए. इस दृष्टि से भाजपा द्बारा विगत 4 वर्षों से प्रयास किया जा रहा है. परंतु इसी दौरान विधायक बच्चू कडू ने शिंदे गुट के साथ जाने का निर्णय लिया और वे भाजपा के साथ सत्ता में शामिल भी हुए. परंतु इसके बाद भी उनके निर्वाचन क्षेत्र पर भाजपा की नजर बराबर बनी हुई है और यह बात किसी से छिपी भी नहीं है. ऐसे में विधायक बच्चू कडू ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में उन्हें भाजपा द्बारा घेरने हेतु बनाई जा रही रणनीति पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, एक ओर तो हमें सत्ता में आने हेतु निमंत्रित किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर मैत्री धर्म का पालन नहीं किया जा रहा. जिसका सीधा मतलब है कि, भाजपा अपने फायदे के लिए लोगों का उपयोग करती है और काम निकल जाने पर उन्हें बाजू कर देती है.
विधायक बच्चू कडू के मुताबिक भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने उन्हें उनके निर्वाचन क्षेत्र में पराजीत करने की जिम्मेदारी भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे पर सौंपी है. ऐसे में वे प्रदेशाध्यक्ष बावनकुले को बताना चाहते है कि, उनके खिलाफ एक नहीं बल्कि 10 सांसदों को भी अचलपुर निर्वाचन क्षेत्र मेें उतारा जाता है, तो भी वे बच्चू कडू को पराजीत नहीं कर सकते. इसके साथ ही विधायक बच्चू कडू ने यह आरोप भी लगाया कि, उन्हें उनके निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस व अन्य दलों से जितनी तकलीफ नहीं है, उससे कहीं अधिक तकलीफ उन्हें भाजपा की ओर से होती है. परंतु वे इन सभी बातों की कोई फिक्र नहीं करते.

* दिव्यांग मंत्रालय है केवल नाम के लिए
– विधायक बच्चू कडू ने अपने ही सरकार को घेरा
इसके साथ ही विधायक बच्चू कडू ने वाशिम में आयोजित दिव्यांग सम्मेलन में यह भी कहा कि, राज्य सरकार ने उन्हें दिव्यांग मंत्रालय का जिम्मा तो सौंपा. परंतु यह महकमा केवल मांग के लिए ही है. न उन्हें कोई गाडी-घोडा मिला है और ना ही उन्हें कोई अधिकार दिए गए है. परंतु उन्हें केवल इस बात का समाधान है कि, वे इस जरिए राज्य के दिव्यांगों तक पहुंच जा रहे है. विधायक बच्चू कडू ने अपनी ही सरकार को घेरते हुए यह भी कहा कि, दिव्यांगों के लिए 5 फीसद निधि खर्च होना आवश्यक है. परंतु इसकी भी अनदेखी की जा रही है. जिसकी वजह से कई दिव्यांग घरकुल सहित विविध योजनाओं से वंचित है. जहां एक ओर आर्थिक रुप से सक्षम रहने वाले लोग अंत्योदय जैसी योजना के लाभार्थी है. वहीं दिव्यांग व्यक्ति ऐसी योजनाओं से अब भी कोसों दूर है. यह सीधे-सीधे राज्य सरकार की असफलता है. इसके साथ ही विधायक बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, सरकार सहित सांसदों व विधायकों द्बारा दिव्यांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाता. ऐसे में अब उन्हें दिव्यांगों की ताकत दिखनी चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, भले ही सरकार ने उन्हें बिना किसी अधिकार और निधि के शोभा की वस्तुओं के तौर पर दिव्यांग मंत्रालय विभाग का अध्यक्ष बनाया है. परंतु वे 25 अक्तूबर तक राज्य के एक-एक जिले का दौरा करेंगे और उसके बाद सही अर्थों में दिव्यांगों के लिए ठोस काम करने हेतु विशेष प्रयास करेंगे.

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