महाकाय प्रसादालय में रोज 50 हजार भक्तों के लिए बनता है महाप्रसाद
शेगांव के गजानन महाराज संस्थान की शतकोत्तर परंपरा
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उत्कृष्ट व्यवस्था, शिस्तबद्ध पंगत
शेगांव (बुलढाणा)/दि.20 – सेवा, स्वच्छता, नम्रता और उत्कृष्ट व्यवस्थापन ऐसी एक नहीं, बल्कि अनेक बातों के कारण विदर्भ की पंढरी के रुप में पहचाने जाने वाले संत नगरी शेगांव का गजानन महाराज संस्थान सुप्रसिद्ध है. इस संस्थान के महाकाय प्रसादालय में हर रोज 50 हजार भाविकों के लिए सात्विक महाप्रसाद बनाया जाता है. करीबन 5 हजार भाविक क्रमानुसार व शिस्तबद्ध तरीके से महाप्रसाद का आस्वाद ले सकेंगे, ऐसी विशाल व्यवस्था यहां पर की गई है. शतकोत्तर शुरु रहने वाले महाप्रसाद की यह परंपरा आज भी कायम है. माऊली के दर्शन कर धन्य हुए भक्तगण इस छत्रछाया में श्री का प्रसाद लेकर तृप्त होते हैं, यह विशेष बात है.
सच कहा जाये तो डिस्कवरी के सीरियल में अत्याधुनिक फूड प्रोसेसिंग की फिल्म हम हमेशा देखते हैं. लेकिन किसी भी प्रकार का व्यवसायिक उद्देश्य न रहते प्रसिद्धी से दूर, निःस्वार्थ भाव से हो रहे इस महानकार्य को देखकर यहां आने वाला प्रत्येक व्यक्ति भावविभोर हुए बिना नहीं रहता. संत गजानन महाराज के मंदिर का व्यवस्थापन चलाने वाले संस्थान में अब तक कितना महाप्रसाद वितरित किया गया, इसकी गिनती ही नहीं है. संस्थान का प्रत्येक प्रकल्प आदर्शवत है.
संस्थान के सभी प्रकल्पों के सदस्य, कर्मचारी, विद्यार्थी एवं दर्शनार्थी ऐसे कुल मिलाकर हर रोज करीबन 50 हजार लोकों के लिए नाश्ता, दिन का वहीं रात का महाप्रसाद एक ही पाकशाला से दिया जाता है. आधुनिक तकनीकी की सहायता से सुबह और शाम सिर्फ दो घंटे में यह काम पूर्ण होता है. महाप्रसादालय में बाल ढके हुए, साफ गणवेश धारण किए कर्मचारी अपने-अपने काम शिस्तबद्ध तरीके से करते हैं. यहां का भोजन अत्यंत सात्विक व स्वादिष्ट है. हर रोज करीबन 40 से 45 हजार से अधिक श्रद्धालु महाप्रसाद का लाभ ले रहे हैं. संस्थान के अन्य सभी स्थान मिलाकर 50 हजार से अधिक भक्तों के लिए प्रसाद तैयार किया जाता है.