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अनैतिक संबंधों के चलते हुई थी पुलिस कर्मी की हत्या

एक नेता की सुपारी के बाद ‘टायगर’ ने किया था गेम

* कार से बरामद हुआ था पुलिस कर्मी म्हस्के का शव
बुलढाणा/दि.31 – गत रोज देऊलगांव राजा परिसर में सडक किनारे खडी और चारों ओर से बंद रहनेवाली कार के भीतर से ज्ञानेश्वर म्हस्के नामक पुलिस कर्मी का शव बरामद हुआ था. जिसे देखकर ही प्राथमिक अनुमान लगाया गया था कि, इस पुलिस कर्मी की हत्या की गई है. ऐसे में देऊलगांव राजा पुलिस ने तेजगति के साथ जांच करते हुए महज कुछ घंटे के भीतर इस मामले का पर्दाफाश कर दिया और 4 आरोपियों को पकडने में भी सफलता हासिल की. इसके साथ ही यह जानकारी भी सामने आई कि, इस मामले के साथ अवैध संबंध वाले मामले की वजह जुडी हुई है तथा मृतक पुलिस के रिश्ते में रहनेवाले गांव के एक स्थानीय नेता ने एक कुख्यात गुंडे को सुपारी देकर पुलिस कर्मी म्हस्के की हत्या करवाई. जिसके बाद ‘टायगर’ नामक कुख्यात गुंडे ने गला घोंटकर ज्ञानेश्वर म्हस्के को मौत के घाट उतार दिया. इस घटना के सामने आते ही देऊलगांव राजा परिसर सहित बुलढाणा जिले में अच्छा-खासा हडकंप व्याप्त हो गया है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक ज्ञानेश्वर म्हस्के जालना पुलिस दल में राष्ट्रीय महामार्ग यातायात पुलिस के तौर पर कार्यरत थे. मुलत: देऊलगांव राजा तहसील अंतर्गत गिरोली खुर्द के निवासी ज्ञानेश्वर म्हस्के जालना के अंबड चौफुली में अपनी पत्नी व दो बच्चों के साथ रहते थे. वहीं ज्ञानेश्वर म्हस्के के रिश्ते में रहनेवाले बाबासाहब म्हस्के (42) गिरोला खुर्द की राजनीति में सक्रिय है. जिनकी पत्नी पूर्व सरपंच रहने के साथ ही इस समय ग्राम पंचायत की सदस्य भी है. ज्ञानेश्वर म्हस्के के साथ रहनेवाली अपनी दोस्ती और रिश्तेदारी का बाबासाहेब म्हस्के ने ‘गलत फायदा’ उठाना शुरु कर दिया था और ज्ञानेश्वर म्हस्के की पत्नी के साथ बाबासाहब म्हस्के के अनैतिक संबंध शुरु हो गए. जिसमें ज्ञानेश्वर म्हस्के बाधा बन रहा था. ऐसे में बाबासाहब म्हस्के ने ज्ञानेश्वर म्हस्के को रास्ते से हटाने का निर्णय लिया और जालना में रहनेवाले टायगर नामक कुख्यात गुंडे को 5 से 6 लाख रुपए की सुपारी देकर इस काम के लिए 29 मार्च का दिन चुना. जिसेक बाद टायगर ने इस काम के लिए अपने दो लोग बाबासाहब म्हस्के को सौंपे. फिर तीनों ने 29 मार्च की रात देऊलगांव राजा मार्ग पर स्थित एक होटल में ले जाकर ज्ञानेश्वर म्हस्के को जमकर शराब पिलाई और होटल का बिल भी बाबासाहब म्हस्के ने दिया. जिसका सीसीटीवी फूटेज भी पुलिस को मिल चुका है. इसके बाद बाबासाहब म्हस्के और टायगर द्वारा भेजे गए दोनों गुंडों ने ज्ञानेश्वर म्हस्के की गला दबाकर हत्या कर दी और फिर शव को कार में डालकर उस कार को गिरोली खुर्द गांव के निकट आरजे इंटरनेशनल स्कूल के सामने वन विभाग की खाली पडी जगह पर छोडकर सभी आरोपी मौके से फरार हो गए. रविवार की सुबह ज्ञानेश्वर म्हस्के का बंद कार से शव बरामद होने के बाद पुलिस ने तकनीकी व गोपनीय आधार पर जांच करते हुए बाबासाहब म्हस्के को अपनी हिरासत में लिया. जिससे कडी पूछताछ करने के बाद बाबासाहब म्हस्के ने अपना जुर्म कबूल कर लिया.

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