शेगांव/दि.4– ‘शेगावीचा राणा’ कहे जाते संत श्रेष्ठ गजानन महाराज की चरणपादुका लेकर विगत 6 जून को हजारों वारकरियों का जत्था पालखी के साथ आषाढी एकादशी उत्सव में शामिल होने हेतु पंढरपुर के लिए रवाना हुआ था और पंढरपुर पहुंचने के बाद वहां पर 12 जुलाई तक रूकते हुए 13 जुलाई को यह पालखी व पैदल वारी शेगांव के लिए वापसी की यात्रा पर रवाना हुए. जिनका कल सुबह 11 बजे शेगांव स्थित श्री गजानन महाराज वाटिका में आगमन हुआ. जहां पर कुछ देर विश्राम करने के बाद नगरभ्रमण करते हुए यह पालखी शेगांव संस्थान मंदिर में वापिस पहुंची. इस पालखी का स्वागत मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात से ही लाखोें भाविक श्रध्दालुओं का हुजुम खामगांव पहुंच चुका था. जहां से बुधवार को तडके 5 बजे इस पालखी के साथ सभी भाविकों ने शेगांव की पैदल वारी शुरू की और सुबह 11 बजे यह पालखी वारकरियों के साथ शेगांव पहुंची.
पंढरपुर की पैदल वारी पूर्ण कर शेगांव वापिस आये सभी वारकरियों का यहां पर भावपूर्ण सत्कार किया गया और आकर्षक रिंगण समारोह व महाआरती करते हुए पालखी आयोजन का समापन हुआ. इस समय शेगांव संस्थान द्वारा शेगांव मंदिर में 70 हजार एवं गजानन महाराज वाटिका में 50 हजार भाविक श्रध्दालुओं के लिए महाप्रसाद का आयोजन किया गया था. साथ ही विविध सेवाभावी व सामाजिक संस्थाओं द्वारा जगह-जगह पर चाय, पानी, अल्पाहार व केले का वितरण किया गया. इसके अलावा कानून व व्यवस्था की स्थिति को बनाये रखने हेतु पुलिस महकमे द्वारा कडा बंदोबस्त रखते हुए शेगांव की ओर आनेवाले सभी रास्तों पर वाहनों की आवाजाही को बंद रखा गया था. इस पालखी के शेगांव पुनरागमन को देखते हुए शहर में जगह-जगह पर आकर्षिक तोरणद्वार बनाये गये थे. साथ ही कई भाविक श्रध्दालुओं ने अपने-अपने घरों व प्रतिष्ठानों के सामने पालखी का स्वागत करने हेतु आकर्षक रंगोली निकाली थी.