भविष्य में राष्ट्रीय पर्यटन केंद्र बनेगा सिंदखेडराजा
* बुलढाणा जिले के दो दिवसीय दौरे पर आए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा
बुलढाणा/ दि.5 – राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शुक्रवार को कहा कि ऐतिहासिक व भौगोलिक दृष्टि से बुलढाणा जिला विश्व में एक अलग ही स्थान रखता है. मातृतीर्थ सिंदखेडराजा महाराष्ट्र राज्य के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है. इसलिए इस पावन भूमि का सर्वांगीण विकास किया जाएगा. भविष्य में सिंदखेडराजा राष्ट्रीय पर्यटन केंद्र बनेगा.
राज्यपाल कोश्यारी बुलढाणा जिले के दौरे पर है. उन्होंने सिंदखेडराजा में राजमाता जीजाऊ को नमन किया. इस दौरान जिले के पालकमंत्री डॉ. राजेंद्र शिंगणे, राकांपा जिलाध्यक्ष अधि. नाजेर काजी सहित प्रशासकीय अधिकारी व कर्मचारी उनके साथ थे.
राज्यपाल ने राजा लखोजीराव जाधव के महल का भी दौरा किया. राजामाता जीजाऊ और बाल शिवाजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनका अभिवादन किया. मोती तालाब सहित अनेक ऐतिहासिक धरोहरों का जायजा लिया.
राजा लखोजीराव जाधव के महल परिसर में उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हिंदवी स्वराज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज को जन्म दिने वाली राजमाता जीजाऊ की पावन भूमि के दर्शन करना एवं नतमस्तक होना उनके लिए सौभाग्य की बात है. छत्रपति शिवाजी महाराज ऐसे महाराज थे जिन पर देशवासियों को ही नहीं, पूरी दुनिया को गर्व है. इसका सर्वांगीण विकास सम्मान की बात है.
लोणार झील प्रकृति का अनमोल तोहफा
राज्यपाल ने शुक्रवार को लोणार झील का भी जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि लोणार झील प्रकृतिक का अनमोल तोहफा है. इसका संवर्धन करना सबकी जिम्मेदारी है. लोणार के विकास के लिए वे राज्य सरकार और केंद्र सरकार से शिफारिस करेेंगे.
उन्होंने कहा कि लोणार झील ‘अ’ वर्ग का पर्यटन स्थल है. भारत में सबसे बडी खारे पानी की झील का वैज्ञानिक महत्व है. इसके साथ ही झील भूवैज्ञानिक, जैव विविधता अध्ययनों के लिए भी प्रसिद्ध है. इस विश्व विख्यात लोणार झील के विकास के लिए सफल कार्य किए जाएंगे. इससे भविष्य में झील का अध्ययन करने के लिए दुनियाभर से लाखों पर्यटक लोणार नगरी में आएंगे. इसके फलस्वरुप यहां की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा.