शंकरबाबा पापलकर की मानस कन्या का भव्य दिव्य विवाह समारोह
बुलढाणा के जिलाधिकारी बने लडकी के पिता, एसपी बने मामा
बुलढाणा/ दि.6 – अमरावती के वझ्झर स्थित स्व. अंबादास पंत वैद्य विकलांग, लावारिश बालगृह की मुकबधिर दीपाली का राजस्थान के विकलांग वर आशिष के साथ 5 जुलाई को बुलढाणा के सांस्कृतिक भवन सहकार विद्यामंदिर में भव्य दिव्य विवाह समारोह आयोजित किया गया था. बुलढाणा के जिलाधिकारी लडकी के पिता और जिला पुलिस अधिक्षक लडकी के मामा बने. उन्होंने महाराष्ट्रीय व राजस्थानी रितीरिवाज से हुए विवाह में कन्यादान का फर्ज अदा किया.
आशिष भी विकलांग होने के कारण वह अपनी जीवन साथी अपने जैसे ही चाहता था. तब उसने वझ्झर में जाकर दीपाली को पसंद किया. विवाह तय होने के बाद विवाह समारोह आश्रम शाला में आयोजित करने का मानस था, परंतु बुलढाणा अर्बन बैंक के सर्वेसर्वा शंकरबाबा के परम मित्र राधेश्याम चांडक ने विवाह समारोह बुलढाणा में आयोजित करने का आग्रह कर सारी व्यवस्था स्वयं संभाली. शंकरबाबा ने बुलढाणा जाकर वहां के जिलाधिकारी एस. राममूर्ति से लडकी के पिता बनने की विनंती की. इसी तरह अमरावती की जिलाधिकारी पवनीत कौर को भी लडकी का कन्यादान करने का आग्रह किया. जिलाधिकारी एस.रामामुर्ति ने क्षणभर की देर न लगाते हुए मैं और मेरी पत्नी राजेश्वरी हम दोनों दम्पति लडकी का कन्यादान करेंगे, ऐसा आश्वासन दिया. जिला पुलिस अधिक्षक अरविंद चावरिया के पास जाकर मानस कन्या का मामा बनकर विवाह की विधि पूरी करने की विनंती की. उन्होंने भी तत्काल स्वीकार कर लिया. आखिर 5 जुलाई की शाम 6 बजे महाराष्ट्रीयन व राजस्थानी रितीरिवाज से दोनों का विवाह संपन्न हुआ.
दीपाली के विवाह समारोह में अमरावती से हव्याप्र मंडल के श्रीकांत चेंडके ने उपस्थित रहकर लडकी के माता-पिता को अहेर किया. जिलाधिकारी पवनीत कौर की ओर से कमिश्नर शामकांत म्हस्के व पूजा म्हस्के ने लडकी के माता-पिता को अहेर किया. विभागीय पुलिस कमिश्नर मिना की ओर से पकडी बांधकर मेहमानों का स्वागत किया गया. वझ्झर आश्रम के 50 से अधिक विकलांग लडके-लडकियों ने विवाह समारोह में उपस्थिति दर्शायी. विधायक संजय गायकवाड, निवासी उपजिलाधिकारी दिनेश गिते, अपराध शाखा के निरीक्षक बलिराम गिते, उपजिलाधिकारी गौरी सावंत, तहसीलदार श्यामल खोत के स्वागत पर भाषण हुए. समारोह देखने के लिए हजारों लोगों ने उपस्थिति दर्शाई.