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जलगांव जामोद में शिक्षकों के साथ साधा संवाद
बुलडाणा प्रतिनिधि/दि.28 – शिक्षकों की न्यायपूर्ण मांगों के लिए हम पूरी ताकत के साथ खडे है और सरकार को किसी भी हालत में शिक्षकों से अतिप्रदान की वसूली नहीं करने देंगे. इस आशय का प्रतिपादन शिक्षक विधायक पद का चुनाव लड रहे शिक्षक महासंघ के प्रत्याशी शेखर भोयर ने किया. जलगांव जामोद में शिक्षक मतदाताओं के साथ संवाद साधते हुए शेखर भोयर ने उपरोक्त आश्वासन दिया.
इस समय मंच पर प्राचार्य भाउसाहब हागे, प्राचार्य भाउसाहब थोटांगे, अनंत वानखडे, भाउसाहब वानखडे, हिम्मतराव आटोले, अमरावती विभागीय संगठक अनंतराव लांडे, यूटीए के अध्यक्ष फिरोज खान, उर्दू सेल के जिलाध्यक्ष आसीफ, शारीरिक शिक्षक प्रमुख डाबरे, जयप्रकाश नेमाडे व नंदकिशोर अवगड आदि उपस्थित थे. इस बैठक को संबोधित करते हुए शेखर भोयर ने कहा कि, 26 नवंबर 2020 को जारी हुआ सरकारी निर्णय एक तरह से सरकार की निष्क्रीयता का उदाहरण है और शिक्षकों के मसलों की ओर पीठ दिखाने का जवाब आगामी 1 दिसंबर को संभाग के शिक्षक मतदाता इस सरकार को देंगे. इसमें कोई संदेह नहीं है. 15 जनवरी 1999 की सरकारी अधिसूचना के अनुसार सरकारी सेवा के अधिकारी व कर्मचारी को संगणक अर्हता प्राप्त करना अनिवार्य किया गया था. साथ ही 5 मई 2007 के सरकारी निर्णयानुसार संगणक अर्हता प्रस्तुत करने की अंतिम तिथी 31 दिसंबर 2007 तय की गई थी, लेकिन यह अर्हता प्राप्त करने हेतु वर्ष 2007 तक सभी जिलास्तर पर और वर्ष 2014 तक ग्रामीण स्तर पर एमकेसीएल के सेंटर उपलब्ध नहीं थे. ऐसे में कई लोग यह अर्हता प्राप्त नहीं कर सके. साथ ही शेखर भोयर ने कहा कि, शिक्षकों से मिले सहयोग की वजह से ही वे शिक्षा क्षेत्र में काम कर पाये है और संभाग के शिक्षक एवं पदाधिकारी ही उनकी सकारात्मक उर्जा है. अत: अपने इस विश्वास और सहयोग की ताकत को हमेशा ऐसे ही बरकरार रखे और अपने अधिकारपूर्ण प्रतिनिधि के रूप में मुझे विधान परिषद में भेजने हेतु अपनी पहली पसंद के वोट दें. इस आशय का आवाहन भी शेखर भोयर द्वारा किया गया है.