कुणबी आरक्षण का जीआर रद्द करो

मंत्री भुजबल की नाराजी कायम, सीएम को लिखा पत्र

मुंबई/दि.9 – राज्य सरकार द्वारा मराठा समाज को ओबीसी संवर्ग के प्रमाणपत्र देने के संदर्भ में शासन निर्णय जारी किए जाते ही अब ओबीसी नेताओं ने आक्रामक भूमिका अपनानी शुरु की है. साथ ही इस निर्णय के चलते सरकार में मंत्री रहनेवाले छगन भुजबल खुद अपनी ही सरकार से नाराज चल रहे है. यद्यपि मंत्री छगन भुजबल ने आज कैबिनेट बैठक में हाजिरी लगाई. लेकिन उनकी नाराजगी अब भी कायम है. कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया के साथ चर्चा करते हुए मंत्री छगन भुजबल ने अपनी नाराजगी जाहीर करने के साथ ही इस बारे में सीएम फडणवीस को लिखे गए पत्र के बारे में भी जानकारी दी.
इस समय मंत्री छगन भुजबल ने मराठा समाज को ओबीसी कोटे के तहत कुणबी आरक्षण दिए जाने के खिलाफ जरुरत पडने पर अदालत जाने की भी तैयारी दर्शायी और कहा कि, राज्य सरकार द्वारा दबाव में आकर मराठा आरक्षण हेतु जीआर जारी किया गया है और इस बारे में सरकार की ओबीसी समाज समिति के साथ कोई चर्चा नहीं हुई है. जबकि जीआर जारी करने से पहले आपत्तियों व आक्षेपों पर चर्चा किया जाना जरुरी था. मंत्री भुजबल के मुताबिक मराठा समाज को पहले ही एसईबीसी कानून के तहत 10 फीसद आरक्षण दिया जा रहा है, यानि मराठा समाज को शैक्षणिक व आर्थिक रुप से पहले ही पिछडा घोषित किया जा चुका है. परंतु ओबीसी कोटे में आने के लिए मराठा समाज सामाजिक रुप से पिछडा नहीं है. इसके अलावा मंत्री छगन भुजबल का यह भी कहना रहा कि, सरकार के जीआर में हैदराबाद गैजेटियर को लेकर भी कई संभ्रम निर्माण करनेवाली बाते है. यही वजह है कि, अब इसी आधार पर बंजारा समाज भी एसटी प्रवर्ग में खुद को शामिल किए जाने की मांग कर रहा है और आगे चलकर अन्य समाजो द्वारा भी खुद को एक संवर्ग से दूसरे संवर्ग में शामिल किए जाने की मांग उठाए जाने की प्रबल संभावना है.

* उपसमिति ने कुणबी प्रमाणपत्र देने की कार्रवाई शुरु करने कहा
जहां एक ओर राज्य सरकार द्वारा मराठा समाज को ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण व कुणबी प्रमाणपत्र दिए जाने के संदर्भ में लिए गए निर्णय का राज्य के ओबीसी नेताओं द्वारा पूरजोर विरोध किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार मराठाओं को कुणबी प्रमाणपत्र दिए जाने से संबंधित अपने निर्णय पर पूरी तरह से अडीग है. जिसके तहत राज्य सरकार की कैबिनेट बैठक के बाद मराठा आरक्षण को लेकर गठित मंत्रिमंडल उपसमिति की बैठक आयोजित की गई. जिसमें मनोज जरांगे के आंदोलन पश्चात राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णयो पर अमल करने का निर्देश राज्य के सभी जिलाधिकारियों को दिया गया. साथ ही आंदोलन के समय 5 लाख से कम नुकसान वाले मामलो में मराठा आंदोलकों के खिलाफ दर्ज अपराधों को भी पीछे लेने का निर्णय लिया गया. जिसके चलते अब मराठा समाज के नागरिकों को कुणबी प्रमाणपत्र देने के संदर्भ में कार्रवाई शुरु कर दी गई है.
इस बारे में जानकारी देते हुए मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने बताया कि, अब प्रत्येक सोमवार को प्रत्येक जिले में जिलाधीश व पुलिस अधिकारियों की बैठक होगी. जिसमें हुए कामकाज की जानकारी मंगलवार को मंत्रिमंडल को दी जाएगी. साथ ही मराठा आरक्षण आंदोलन में मृत हुए मराठा समाजबंधुओं के परिजनों को सरकारी नौकरी व आर्थिक सहायता देने का आदेश भी राज्य सरकार द्वारा लिया गया है. इसके साथ ही विखे पाटिल ने यह भी बताया कि, राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए जीआर पर अमल करने में थोडा समय लग सकता है. जिसके चलते राज्य सरकार द्वारा मनोज जरांगे पाटिल से सरकार को थोडे समय की मोहलत दिए जाने का निवेदन भी किया जाएगा. इसके अलावा मंत्री छगन भुजबल सहित ओबीसी नेताओं की नाराजगी के बारे में विखे पाटिल ने कहा कि, भुजबल सहित सभी ओबीसी नेताओं से जल्द ही चर्चा कर उनकी नाराजी को दूर किया जाएगा.

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