राज्य में रास्तों व बस्तियों के जातिवाचक नाम बदले जाएंगे

ग्रामविकास विभाग का शासन निर्णय जारी, नई कार्यपद्धति निश्चित

* ग्रामपंचायतों को प्रस्ताव देने का अधिकार, महापुरुषों के नामों को प्राधान्य
मुंबई /दि.10 – ग्रामविकास विभाग ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रिहायशी बस्तियों व रास्तों के जातिवाचक नामों को बदलकर नए नाम देने से संबंधित कार्यपद्धति को निश्चित किया है. जिसके अनुसार संबंधित गांवों को ग्रामसभा में प्रस्ताव पारित कर गटविकास अधिकारी के पास प्रस्तुत करना होगा और इस प्रस्ताव पर निर्णय लेने का अधिकार जिलाधीश को दिया गया है.
गांव के नाम बदलने की कार्रवाई सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा की जाती है. जिसके चलते ग्रामविकास विभाग ने जातिवाचक नामों को बदलकर नए नाम देने का अधिकार जिलाधीश के पास रहने की बात गुरुवार को जारी शासनादेश में स्पष्ट की है.

* सामाजिक न्याय विभाग की भी पहल
शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में बस्तियों एवं रास्तों के जातिवाचक नाम बदलकर उन्हें महापुरुषों के नामों सहित लोकतांत्रिक मूल्यों से संबंधित नाम देने का शासन निर्णय राज्य के सामाजिक न्याय विभाग द्वारा लिया गया है.

* ग्रामसभा के प्रस्ताव को जिलाधीश देंगे मान्यता
ग्रामविकास विभाग ने जातिवाचक नामों को बदलने हेतु एक कार्यपद्धति तय की है. जिसके अनुसार किसी बस्ती या रास्ते का जातिवाचक नाम बदलने हेतु संबंधित ग्रामपंचायत द्वारा ग्रामसभा में प्रस्ताव पारित कर उसे गटविकास अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना होगा.
– गटविकास अधिकारी द्वारा इस प्रस्ताव की जांच-पडताल कर उसे जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पास भेजा जाएगा. जिनके जरिए यह प्रस्ताव जिलाधीश के समक्ष प्रस्तुत होगा और जिलाधीश द्वारा इस प्रस्ताव को अपनी अंतिम मंजूरी व मान्यता दी जाएगी, ऐसा शासन निर्णय में उल्लेखित है.

Back to top button