आगामी खरीफ हेतु रासायनिक खाद बचत अभियान
जिला कृषि अधीक्षक विजय चवाले ने दी जानकारी

अमरावती/दि.7 – आगामी खरीफ मौसम में रासायनिक खाद का संतुलित मात्रा में इस्तेमाल होने के लिये कृषि विभाग व्दारा खाद बचत का विशेष अभियान चलाया जाएगा. यह जानकारी जिला कृषि अधीक्षक विजय चवाले ने दी.
फसलों के अन्नद्रव्य के लिये सिर्फ रासायनिक खाद पर ही अवलंबित न रहते हुए जमीन में अधिकाधिक मात्रा में सेंद्रीय खाद, गोबर खाद, कंपोस्ट, गेंडूर खाद, नाडेप खाद, बायोडायनामिक कंपोस्ट, काई का खाद आदि का इस्तेमाल करना आवश्यक है. जिससे जमीन की भौतिक व जैविक गुणधर्म में सुधार होता है. चवाले ने कहा कि अन्नदद्रव्य की उपलब्धता व उपयुक्तता बढ़ती है. रायझोबियम, अझोटोबॅक्टर,पीएसबी व केएसएम सरीखे जीवाणु संवर्धक या जीवाणु संघ प्रत्येक फसल में बीज प्रक्रिया के लिये इस्तेमाल किये जाने पर रासायनिक खाद का इस्तेमाल करने में बचत होती है.
फसलों को आवश्यक अन्नद्रव्य की आवश्यकता पूरी करने करने के लिये बाजार के खाद की उपलब्धता,आने वाला खर्च, कृषि विद्यापीठ के परमिशननुसार खाद मात्रा आदि बातों का विचार करना जरुरी है. चवाले ने कहा कि किसानों को एक ही प्रकार के खाद का इस्तेमाल करने की बजाय बाजार की उपलब्धता, खर्च व सिफारिश इन बातों का विचार कर रासायनिक खाद का इस्तेमाल करना चाहिए.किसानों से असंतुलित व बड़े पैमाने पर रासायनिक खाद का इस्तेमाल न करते हुए अन्नद्रव्य व्यवस्थापन का अवलंबन करने का आवाहन जिला कृषि अधीक्षक अधिकारी ने किया.
खाद बचत के विशेष अभियान में गांव-गांव से कार्यशाला, ऑनलाईन कार्यक्रम आदि व्दारा जनजागृति अभियान चलाये जाने की बात भी उन्होंने कही.
- सोयाबीन, कपास, ज्वारी इन प्रमुख फसलों के लिए रासायनिक खाद का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है. वह अनेक बार असंतुलित होता है. इस कारण आवश्यक प्रमाण पर फसलों को खाद की मात्रा नहीं मिलती. जिससे फसलों का उत्पादन खर्च बढ़ता है व उपज कम होती है. इस कारण कृषि विद्यापीठ की सिफारिशनुसार खाद की मात्रा का अवलंब किसान बंधुओं को करना चाहिए.
– विजय चवाले, जिला कृषि अधीक्षक, अधिकारी





