तेंदुए के हमले में बच्चे की मौत
गांववासी हुए संतप्त, वन विभाग का वाहन फूंक डाला

* पुणे की शिरुर तहसील अंतर्गत पिंपरखेड गांव की घटना
पुणे /दि.3 – समीपस्थ शिरूर तहसील अंतर्गत पिंपरखेड गांव में तेंदुए के हमले में एक छोटे बच्चे की मौत हो गई. इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने वन विभाग का वाहन और कार्यालय जला दिया तथा सड़क पर उतरकर रास्ता रोको आंदोलन किया. जिसके बाद सांसद डॉ. अमोल कोल्हे ने मानवभक्षी तेंदुओं को मार गिराने की मांग की है. इस क्षेत्र में तेंदुओं का बढ़ता आतंक और प्रशासन की निष्क्रियता को लेकर नागरिकों में तीव्र असंतोष है.
बता दें कि, विगत कुछ दिनों से राज्य के कई इलाकों में तेंदुए का आतंक लगातार बना हुआ है, और कई लोग उसकी चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं. पुणे जिले के शिरूर तालुका के पिंपरखेड में भी ऐसे हमले जारी हैं. हाल ही में 10 वर्षीय रोहन विलास बोंबे नामक बालक की तेंदुए के हमले में मौत हो गई, जिससे पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई. बच्चे की मौत से आक्रोशित ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिसे सात घंटे बाद स्थगित किया गया. आज फिर से मंचर में पुणे-नाशिक राजमार्ग पर आंदोलन होगा.
इसी बीच तेंदुए के हमले में बच्चे की मौत के बाद भड़के ग्रामीणों ने वन विभाग की गाड़ी में आग लगा दी और विभागीय कार्यालय भी जला दिया. बेल्हे-जेजुरी राजमार्ग और अष्टविनायक मार्ग पर रोडेवाडी फाटा में रास्ता रोको आंदोलन किया गया, जिससे तीन घंटे तक यातायात ठप रहा. ग्रामीणों की मांग है कि तेंदुए को तुरंत पकड़ा जाए या मारा जाए. साथ ही साथ क्षेत्र के सांसद डॉ. अमोल कोल्हे ने जांबूत और पिंपरखेड क्षेत्र के नागरिकों की सुरक्षा के लिए वहां के मानवभक्षी तेंदुओं को मार गिराने की मांग मुख्य वनसंरक्षक आशिष ठाकरे को पत्र लिखकर की है. उन्होंने कहा कि केवल 10 दिनों में दो बच्चों की जान तेंदुए के हमले में जा चुकी है, जबकि एक महीने में यह तीसरी घटना है. इसके बावजूद राज्य सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जो अत्यंत निंदनीय है. दिनदहाड़े महिलाएँ और बच्चे शिकार बन रहे हैं और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है, इस कारण नागरिकों का रोष स्वाभाविक है.





