नागरिक कर रहे डस्टबीन का इंतजार, सर्वे कंपनी ने पल्ला झाडा
महापालिका ने भी किया किनारा

* स्वच्छ महाराष्ट्र मिशन सर्वेक्षण महीनों से चल रहा
अमरावती/ दि. 21- शहरी विकास मंत्रालय की मान्यता और ठेके से शहर में गत जनवरी माह से चल रहे स्वच्छ महाराष्ट्र मिशन के सर्वेक्षण में लोगों से किया गया नि:शुल्क कचरा पेटी देने का वादा झूठा निकला है. कंपनी के अधिकारियों ने आज दोपहर अमरावती मंडल से बातचीत में दावा किया कि उनके सर्वेयर्स ने बातों- बातों में कह दिया होगा. किंतु डस्टबीन उपलब्ध करवाने का कोई प्लान नहीं है. उधर महापालिका से चर्चा करने पर अधिकारियों ने इस सर्वेक्षण से पल्ला झटक दिया. उन्होंने कहा कि सर्वे से महापालिका का कोई लेना देना नहीं. केवल कंपनी ने मनपा को सूचित किया था. मनपा को सर्वे की डे बाय डे अथवा साप्ताहिक रिपोर्ट देने के निर्देश की भी कंपनी ने अवहेलना करने की बात राजापेठ झोन की अधिकारी ने कही.
क्या है मामला
महापालिका क्षेत्र में घरों और दुकानों पर कौटिल्य फाउंडेशन के सर्वेयर पिछले कुछ माह से सर्वे कर रहे हैं. उन्हें शहरी विकास मंत्रालय अंतर्गत स्वच्छ महाराष्ट्र मिशन का लोगो अंकित पत्र देकर क्यूआर कोड भेजकर जानकारी एकत्र कर रहे हैं. इन सर्वेयर्स ने लोगों को गीला और सूखा कचरा अलग-अलग रखने के बारे में स्थानीय निकाय के निर्देशों की जानकारी ली. कंपनी के एक्जीकेटीव श्रेयस देशमुख ने दावा किया कि केवल जागरूकता की दृष्टि से यह सर्वेक्षण किया जा रहा है. राज्य शासन ने हमारी कंपनी को अधिकृत किया है. देशमुख ने कहा कि सर्वे दौरान डस्टबीन देने का वादा नहीं किया गया.
लोग कर रहे प्रतीक्षा
अमरावती मंडल को शहर के महावीर नगर, अंबापेठ और अन्य भागों से लोगों तथा दुकानदारों ने बताया कि सर्वेयर ने उनसे डस्टबीन दिलाने का वादा किया था. इसी आधार पर उनसे न केवल जानकारी ली. बल्कि क्यूआर कोड देकर फार्म भरवाए गये. सर्वेयर अनेक दुकानों पर पहुंचे. वह दुकानदार महीनों से डस्टबीन की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
* नियमित रिपोर्टिंग नहीं
महापालिका की झोन अधिकारी कार्यालय की श्वेता बोके ने बताया कि कौटिल्य फाउंडेशन ने शहर में सर्वे संबंधी ऑर्डर की कॉपी दी थी. उन्हें अतिरिक्त आयुक्त नाइक ने सर्वे की नियमित रिपोर्ट महापालिका को देने के स्पष्ट निर्देश दिए थे. बावजूद इसके कंपनी ने कोई रिपोर्ट नहीं दी है. उसी प्रकार महापालिका द्बारा डस्टबीन देने का कोई सवाल ही नहीं उठता.
श्रेयस देशमुख का खुलासा
कौटिल्य फाउंडेशन के श्रेयस देशमुख ने अमरावती मंडल से बातचीत में स्पष्ट किया कि सर्वे अभी भी शुरू है. कंपनी के एक दर्जन से अधिक युवा सर्वे कर रहे हैं. डस्टबीन उपलब्ध करवाने का कोई प्रावधान नहीं है. हो सकता है हमारे युवाओं ने लोगों को आकृष्ट करने ऐसी कोई बात कह दी हो. किंतु कंपनी द्बारा कोई डस्टबीन अथवा कचरा पेटी मुहैया नहीं कराई जा रही.





