धामणगांव गढी चेक पोस्ट पर पर्यटकों से वसूला जाता है स्वच्छता कर

संयुक्त वन व्यवस्थापनसमिति अंतर्गत होती है वसूली

* टैक्स के पैसों से निकाला जाता है मजदूरी का खर्च
* पर्यटकों को रसीद देना अनिवार्य
अमरावती/ दि. 2-विदर्भ के नंदनवन चिखलदरा जानेवाले पर्यटकों से परतवाडा से 12 किमी दूरी पर स्थित धामणगांव गढी ग्राम के चेक पोस्ट पर संयुक्त वन व्यवस्थापन समिति द्बारा स्वच्छता कर के नाम पर हर वाहनों से पैसे वसूले जाते हैं. लेकिन वाहन चालकों को इसकी रसीद देना अनिवार्य है. यह वसूली मेलघाट वन्यजीव विभाग परतवाडा अंतर्गत की जाती है.
जानकारी के मुताबिक पिछले 15 से 20 सालों से परतवाडा से 12 किमी दूरी पर चिखलदरा मार्ग पर सभी पर्यटकों के वाहन से स्वच्छता कर के नाम पर पैसे लिए जाते हैं. यह स्वच्छता कर संयुक्त वन व्यवस्थापन समिति द्बारा लिया जाता है.् यह समिति मेलघाट वन्यजीव विभाग परतवाडा के बफर डिविजन अंतर्गत आती है. पर्यटक विदर्भ के नंदनवन चिखलदरा में सहल के लिए जाते हैं. वहा के हर पाइंट पर भेंट देते समय काफी कचरा भी करते हैं. जंकफूड के खाली पैकेट सहित काफी कचरा चिखलदरा के पाइंट पर रहता है और पर्यटक वह कचरा उठाये बगैर ही वापस निकल जाते हैं. शनिवार और रविवार को चिखलदरा में पर्यटकों की भीड काफी रहती है. इस कारण कचरा भी भारी मात्रा में रहता हैं. चिखलदरा के इन सभी पाइंट का कचरा उठाने और साफ सफाई करने के लिए मेलघाट वन्यजीव विभाग परतवाडा की तरफ से मजदूरो को लगाया जाता है. यह मजदूर धामणगांव गढी के पास स्थित आडनदी गांव के हैं. वन विभाग के अधिकारियों की देखरेख में यह मजदूरी धामणगांव गढी के पास चेक पोस्ट पर स्वच्छता कर की वसूली के लिए रहते हैं. पहले हाथ से लिखी पावती पर्यटकों को थमाई जाती थी. लेकिन अब अत्याधुनिक मशीन दी गई है. हर पर्यटक को स्वच्छता कर के पैसे लेने के बाद रसीद देना अनिवार्य है. यही पैसे चिखलदरा के हर पाइंट की सफाई के लिए भेजे जानेवाले मजदूरों को मजदूरी के तौर पर अदा किए जाते हैं. शनिवार और रविवार को यह मजदूर वही रहते हैं. सप्ताह में तीन दिन उनका डेरा चिखलदरा में रहता हैं और वहां का कचरा उठाने के बाद सफाई की जाती है.
* छोटे वाहनों के 50 और बडे वाहनों के 100 रूपए
संयुक्त वन व्यवस्थापन समिति द्बारा धामणगांव गढी में पर्यटकों के वाहनों से स्वच्छता कर वसूला जाता है. यह कर दुपहिया और कार जैसे छोटे वाहनों से 50 रूपए तथा बडे वाहनों से 100 रूपए वसूला जाता है. लेकिन कोई गांव के और नियमित आवाजाही वाले नागरिक रहे तो उनसे यह स्वच्छता कर वसूला नहीं जाता, ऐसा सूत्रों ने बताया.
* पहले थी गांव समिति
सूत्रों ने यह भी बताया कि शासन निर्णय निर्देश के मुताबिक वन परिक्षेत्र में आनेवाले आदिवासियों के छोटे गांव के विकास के लिए वन विभाग की तरफ से ही एक गांव समिति तैयार की गई थी. इसमें अध्यक्ष गांव का रहता था और सचिव वन विभाग का रहता था. गांव के कुछ प्रतिष्ठितों को सदस्य के रूप में समिति में रखा जाता था. लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है. अब पर्यटक स्थलों की सफाई के लिए लगनेवाले मजदूरों की मजदूरी अदा करने के लिए स्वच्छता कर के तौर पर यह वसूली की जाती है, ऐसा भी सूत्रों ने बताया.
* चिखलदरा में वसूला जाता है पर्यटन टैक्स
सूत्रों ने यह भी बताया कि धामणगांव गढी में वन विभाग की तरफ से स्वच्छता कर वसूला जाता है. जबकि चिखलदरा में प्रवेश करने के पूर्व नगर परिषद द्बारा पर्यटन टैक्स वसूला जाता है. यह इस टैक्स को मुंडी टैक्स कहा जाता है. धामणगांव गढी में प्रत्येक वाहन से स्वच्छता कर की वसूली होती है. व्यक्ति चिखलदरा नगर परिषद की तरफ से पर्यटन टैक्स के रूप में प्रत्येक पर्यटक से टैक्स वसूला जाता है. इसे मुंडी टैक्स कहा जाता है.

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