शाम 6 बजे तक आंदोलन स्थल खाली करो

किसान आंदोलकों के नाम नागपुर हाईकोर्ट ने जारी किया आदेश

* आंदोलन के चलते आम जनजीवन अस्तव्यस्त होने का हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
* अब बच्चू कडू की भूमिका पर टिकी सभी की निगाहें
* बच्चू ने जनता की अदालत में जाने का किया ऐलान
नागपुर /दि.29 –  किसानों की कर्जमाफी की मांग को लेकर बच्चू कडू ने ठिय्या आंदोलन शुरू किया था. यह आंदोलन 28 अक्टूबर से जारी है और आज दूसरा दिन है. इस आंदोलन के कारण आसपास के इलाकों में आम जनता, खासकर स्कूलों, अस्पतालों और हाईवे से गुजरने वाले वाहनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. इसे देखते हुए मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने स्वतः संज्ञान (सुओ मोतो) लिया. कोर्ट ने आदेश दिया कि आज शाम 6 बजे तक बच्चू कडू और उनके समर्थक आंदोलन स्थल खाली करें. साथ ही नागपुर पुलिस आयुक्त को आदेश दिया गया कि कल सुबह 11 बजे तक अदालत में अनुपालन रिपोर्ट पेश करें.
दरअसल, बच्चू कडू को केवल 28 अक्टूबर तक और वह भी परसोडी गांव के मैदान में आंदोलन करने की अनुमति थी, लेकिन आंदोलन 29 अक्टूबर को भी सड़क पर जारी रहा, जिसके कारण आम जनता को असुविधा हुई, यह बात अदालत ने अपने आदेश में दर्ज की.
अदालत द्वारा जारी किए गए आदेश पर कडी प्रतिक्रिया देते हुए बच्चू कडू ने कहा कि, हम अदालत का अपमान नहीं करेंगे, लेकिन लोकन्यायालय (जनता) की आवाज भी नहीं दबाएंगे. साथ ही उन्होंने पुलिस अधिकारियों से तीखे शब्दों में कहा कि, तुम लोग डरपोक हो, जो कोर्ट को सामने कर रहे हो. लेकिन अब जेल भी कम पड़ेगी, ऐसे में यदि पुलिस में हिम्मत है, तो पुलिस सभी आंदोलनकारियों को गिरफ्तार करे. इसके अलावा बच्चू कडू ने नागपुर स्थित सीएम के सरकारी आवास रामगिरी बंगले पर भी कब्जा करने की बात कही. जिसके चलते अब सबकी नजर इस पर है कि बच्चू कडू कोर्ट का आदेश मानते हैं या जनता के नाम पर आंदोलन को आगे बढ़ाते हैं.
बता दें कि, कर्जमाफी सहित अन्य मांगों को लेकर बच्चू कडू का आंदोलन कल से जारी है. इस आंदोलन के कारण नजदीकी स्कूल, अस्पताल और चार प्रमुख हाईवे ठप्प होने पर हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान (सुओ मोटू) लेते हुए कार्रवाई शुरू की. कोर्ट ने मामले की गंभीरता देखते हुए आदेश दिया है कि आज 6 बजे तक रास्ता पूरी तरह से खाली होना चाहिए. इसके साथ ही नागपुर पुलिस आयुक्त रवींद्र सिंगल को कल सुबह 11 बजे कोर्ट में स्थिति रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया गया है. इससे पहले बच्चू कडू का कहना था कि मांगें पूरी हुए बिना आंदोलन समाप्त नहीं होगा. इसी बीच सरकार की ओर से दो राज्यमंत्री बातचीत के लिए आंदोलन स्थल पर पहुंच चुके हैं, और उसी समय यह बड़ा आदेश जारी हुआ है. अब सभी की नजर इस बात पर है कि बच्चू कडू कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे या पहले सरकार से लिखित आश्वासलेकर ही कोई निर्णय लेंगे.

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