मजदूर दंपति के लिए सीएम फडणवीस बने देवदूत

दुबई में मृत बेटे का पार्थिव लाने में की सहायता

* एक एसएमएस से जानकारी मिलते ही किए कनेक्शन एक्टीव
मुंबई/दि.13 – दो पैसे कमाने की चाहत में दुबई गए बेटे की मौत तीन दिन पहले ही हो जाने की जानकारी मिलते ही नांदेड जिले की किनवट तहसील में रहनेवाले खेतीहर मजदूर दंपति पर दुखों का पहाड टूट पडा था और वे अपने बच्चे के अंतिम दर्शन की चाहत में तडप रहे थे. इस बात की जानकारी एक एसएमएस के जरिए मिलते ही सीएम देवेंद्र फडणवीस किसी देवदूत की तरह उस खेतीहर मजदूर दंपति की सहायता के लिए आगे आए. जिन्होंने दिल्ली से लेकर दुबई तक अपने सारे कनेक्शन एक्टीव करते हुए उस युवक के शव को दुबई से वापिस उसके पैतृक गांव लाने हेतु व्यक्तिगत तौर पर खर्च करने की तैयारी भी दर्शायी. जिसके चलते किनवट तहसील अंतर्गत आप्पाराव पेठ गांव में रहनेवाले अंगरवार नामक मजदूर दंपति के लिए उनके बेटे का अंतिम दर्शन संभव हो पाया.
बता दें कि, किनवट तहसील क्षेत्र के कई युवक नौकरी के लिए दुबई जाते है. जिनमें श्याम अंगरवार नामक 27 वर्षीय युवक का भी समावेश था. जो घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं रहने के चलते अपने खेतीहर मजदूर माता-पिता के सपनों को पूरा करने हेतु एक कंपनी में काम करने के लिए दुबई गया था. जहां पर एक सप्ताह पहले ही 25 सितंबर को श्याम अंगरवार ने अपना जन्मदिन भी मनाया था. परंतु नियती के मन में कुछ और ही चल रहा था तथा बुखार होने के चलते श्याम अंगरवार को दुबई के एनएमएससी रॉयल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. जहां पर 1 अक्तूबर को श्याम अंगरवार की मौत हो गई. जिसके बारे में अगले तीन दिनों तक उसके माता-पिता को कुछ भी नहीं पता था और जब 4 अक्तूबर को उन्हें दुबई में अपने बेटे की मौत हो जाने के बारे में जानकारी मिली, तो क्या करे और किससे मदद मांगे वाली स्थिति का शिकार होकर श्याम के माता-पिता दुखी व व्यथित हो गए. इसकी जानकारी मिलते ही वनवासी कल्याण आश्रम का काम करनेवाले गोवर्धन मुंडे ने अगले ही दिन सीएम फडणवीस को एसएमएस भेजकर सूचित किया, जिसे देखते ही सीएम फडणवीस ने तुरंत अपने संपर्क सूत्रों को सक्रिय किया और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से संपर्क साधकर उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी. साथ ही साथ सीएम फडणवीस ने खुद अपनी जेब से श्याम के शव को वापिस लाने हेतु खर्च करने की तैयारी भी दर्शायी. जिसके बाद विदेश मंत्रालय ने इस काम पर होनेवाले खर्च को मंजूरी दी और रविवार 12 अक्तूबर को श्याम का शव विमान के जरिए दुबई से हैद्राबाद विमानतल पर लाया गया, जहां से सीएमओ के निर्देश पर नांदेड के जिलाधीश कार्यालय ने श्याम के शव को किनवट तहसील स्थित उसके पैतृक गांव पहुंचाया. जिसके बाद माता-पिता ने अपने बेटे के अंतिम दर्शन करते हुए उसके पार्थिव पर अंतिम संस्कार भी किए.

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