30 दिसंबर तक पूरा करें चित्रा चौक फ्लायओवर

हाईकोर्ट के सख्त निर्देश

* लोनिवि प्रधान सचिव को लगाया 1 लाख जुर्माना
* डॉ. देशमुख की याचिका पर सुनवाई
* मुख्य अभियंता हुए कोर्ट में हाजिर
अमरावती/ दि. 17- बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने बरसों से लटके चित्रा चौक- पठान चौक के सवा किमी फ्लायओवर का काम आगामी 30 दिसंबर तक हर हाल में पूर्ण करने के निर्देश आज लोक निर्माण विभाग के प्रधान सचिव और मुख्य कार्यकारी अभियंता को दिए. प्रत्येक माह कार्य की प्रगति रिपोर्ट शपथपत्र के साथ कोर्ट में प्रस्तुत करने कहा गया. उसी प्रकार अमरावती के कलेक्टर, कमिश्नर, पुलिस आयुक्त को उडानपुल निर्माण में आनेवाली प्रत्येक बाधा को दूर करने और वक्त जरूरत के हिसाब से संपूर्ण सहयोग करने कहा है. यह जानकारी आज दोपहर विधि सूत्रों ने अमरावती मंडल को दी और बताया कि न्या. नितिन सांबरे और न्या. देशमुख की खंडपीठ के सम्मुख उपस्थित न रहनेवाले प्रधान सचिव लोनिवि को 1 लाख रूपए कॉस्ट जमा कराने कहा है.
मुख्य अभियंता हुए हाजिर
अमरावती के पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख द्बारा अपने वकील एड. शाहू चिखले के माध्यम से दायर जनहित याचिका पर लगातार दूसरे दिन खंडपीठ ने सुनवाई की. खंडपीठ के सामने अमरावती लोनिवि के मुख्य कार्यकारी अभियंता हाजिर हुए. उन्होंने सरकारी वकील देवेन्द्र चौहान के माध्यम से कोर्ट से चित्रा चौक उडानपुल पूरा करने के वास्ते फरवरी 2026 तक समयावधि देने का अनुरोध किया. कोर्ट ने उनकी यह विनती अमान्य कर दी. सरकारी वकील ने अब तक हुए घोर विलंब के लिए खंडपीठ के सामने खेद व्यक्त करने की जानकारी है. किंतु बताया जाता है कि न्या. सांबरे और न्या. देशमुख का इस मामले को लेकर कडा रूख कायम रहा.
30 दिसंबर की डेडलाइन
सूत्रों ने अमरावती मंडल को बताया कि हाईकोर्ट ने सरकारी पक्ष की दलीलें सुनने के बाद फाइनल रूप से 30 दिसंबर 2025 की डेडलाइन घोषित कर दी. खंडपीठ ने सरकारी वकील और उसके सामने पेश हुए कार्यकारी अभियंता से अगले 30 दिसंबर तक हर हाल में फ्लायओवर का निर्माण कम्प्लीट करने के निर्देश दिए. उसी प्रकार कार्यकारी अभियंता से फ्लायओवर का काम की प्रगति रिपोर्ट सबूतों के साथ प्रत्येक माह हलफनामा लेकर कोर्ट में पेश करने कहा. उसी प्रकार अमरावती के जिलाधीश, मनपा आयुक्त एवं पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि फ्लायओवर निर्माण हेतु कोई बाधा आने अथवा किसी मार्ग को बंद करने की नौबत आने पर उसमें पूर्ण सहयोग किया जाए.
* डेडलाइन चूकी तो अवमानना
खबर है कि कोर्ट ने डेडलाइन इस बार चूकी तो अवमानना का मामला मानने की बात साफ लफ्जों में कह दी है. उसी प्रकार किसी भी सूरत में कार्य पूर्ण करने के निर्देश अभियंता महोदय को दिए. कोर्ट ने प्रधान सचिव की विधानमंडल का पावस सत्र शुरू रहने के कारण व्यक्तिगत रूप से अदालत में प्रस्तुत न हो पाने की बात मान्य की. मगर उन पर 1 लाख रूपए कॉस्ट चस्पा की है. उल्लेखनीय है कि चित्रा चौक का फ्लायओवर 7 वर्षो बाद भी अधूरा पडा है.

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