अमरावती फसल मंडी में संचालक मंडल व सहकार विभाग के बीच संघर्ष
अतिरिक्त सचिव को लेकर चल रहा विवाद

* दस्तखत के अधिकार पर संचालकों का विरोध
अमरावती /दि.27 – कहा जाता है कि, बिना सहकार नहीं उद्धार. लेकिन इसके बावजूद अमरावती कृषि उत्पन्न बाजार समिति में संचालक मंडल व सहकार विभाग के बीच ही असहकार की स्थिति चल रही है. सरकार द्वारा नियुक्त अतिरिक्त सचिव के साथ संचालक मंडल द्वारा सहयोग नहीं किया जा रहा है. जिसे लेकर जिला उपनिबंधक ने मंडी संचालकों के नाम 21 अगस्त को पत्र जारी किया था और 26 अगस्त को अपना पक्ष रखने हेतु बुलाया था. लेकिन मंडी संचालक इस समय अनुपस्थित रहे.
बाजार समिति की अनियमितता अब सीधे सभागृह में जाने के चलते सहकार व पणन मंत्री के आदेशानुसार मंडी सचिव पद पर सहायक निबंधक स्वाती गुडधे की नियुक्ति जिला उपनिबंधक द्वारा की गई. जिन्होंने विगत 18 जुलाई को ही अपना पदभार संभाला. बाजार समिति के आर्थिक व्यवहार सुचारु करने हेतु बाजार अधिनियम की धारा 108 (2) के अनुसार तथा बैंक के खाते पर व्यवहार करने का अधिकार प्रदान करने हेतु संचालक मंडल का प्रस्ताव आवश्यक है. इस हेतु बाजार समिति के संचालक मंडल की सर्वसाधारणण सभा 31 जुलाई को बुलाई गई थी. जिसे रद्द कर दिया गया था. पश्चात 21 अगस्त को सभा बुलाई गई और इस सभा में विषय क्रमांक 2 के तहत सरकार द्वारा नियुक्त सचिव को हस्ताक्षर के अधिकार देने के बारे में चर्चा की गई. जिसका 17 में से 12 संचालकों द्वारा विरोध किया गया. जिसकी जानकारी मंडी सचिव गुडधे द्वारा डीडीआर को दी गई थी.
* पैसों के अभाव में मंडी के काम लटके
शासन नियुक्त सचिव को संचालक मंडल द्वारा आर्थिक मामलों में हस्ताक्षर के अधिकार नहीं दिए जाने के चलते रोजंदारी कर्मचारियों सहित कायम कर्मचारियों के वेतन, सरकार की सुपरवीजन फीस, पणन मंडल का अंशदान व विद्युत बिलों की अदायगी जैसे काम रुक गए है. विद्युत देयकों की अदायगी नहीं होने के चलते बाजार समिति की विद्युत आपूर्ति के खंडित होने की भी पूरी संभावना है. यदि ऐसा होता है तो फसल मंडी के सभी घटकों को काफी समस्याओं व दिक्कतों का सामना करना पड सकता है और बाजार समिति के सभी यार्ड में कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है.
* सरकार नियुक्त सचिव का मुद्दा न्यायालय में
जांच समिति द्वारा फसल मंडी में चलनेवाली अनियमितता पर मुहर लगाए जाने के बाद डीडीआर ने संचालक मंडल को धारा 45 (1) के तहत बर्खास्तगी के संदर्भ में कारण बताओ नोटिस जारी की थी. जिसके खिलाफ संचालक मंडल ने अपील की है. वहीं अब सरकार द्वारा नियुक्त सचिव का मुद्दा भी अदालत में जाने की जानकारी है. इसे लेकर अमरावती फसल मंडी के सभापति हरीश मोरे से संपर्क करने पर उन्होंने अदालती प्रक्रिया की पुष्टि की.
* सरकार नियुक्त सचिव को हस्ताक्षर के अधिकार देना क्रमप्राप्त है. जिसके बारे में 21 अगस्त को पत्र देकर सभी संचालकों को उनका पक्ष रखने हेतु बुलाया गया था. जो उस तारीख पर उपस्थित नहीं हुए, बल्कि उन्होंने उसके बदले अगली तारीख मांगी है.
– शंकर कुंभार
जिला उपनिबंधक.
* सहकार विभाग के अधिकारी खुद सत्ता के दबाव में काम कर रहे है और मंडी संचालकों पर दबाव डालने का भी प्रयास कर रहे है. जिसके खिलाफ हम अदालती लडाई लड रहे है. बाजार समिति में किसी भी तरह की कोई अनियमितता नहीं है, बल्कि हम किसानों के प्रति पूरी तरह से जवाबदेह है.
– हरीश मोरे
सभापति, फसल मंडी.





