प्रभाग रचना में शामिल रिहायशी इलाकों को लेकर संभ्रम

कई मतदाताओं को पता ही नहीं, वे किस प्रभाग में

* प्रारुप प्रभाग रचना को लेकर बढ सकती हैं आपत्तियों की संख्या
अमरावती/दि.10 – अमरावती महानगर पालिका के आगामी चुनाव को ध्यान में रखते हुए मनपा प्रशासन द्वारा प्रारुप प्रभाग रचना घोषित की गई है. जिसके तहत सभी प्रभागों की चतुर्सीमा और प्रभागों में शामिल रिहायशी इलाकों की सूची घोषित की गई है. परंतु इस सूची में कई रिहायशी इलाकों के नामों का कोई उल्लेख ही नहीं है. जिसके चलते संबंधित रिहायशी इलाकों के मतदाता इस बात को लेकर संभ्रम में है कि, आखिर उनका समावेश किस प्रभाग में है. जिसके चलते निर्वाचन आयोग व मनपा आयुक्त की ओर से घोषित प्रारुप प्रभाग रचना को तैयार किए जाने की प्रक्रिया पर सवलिया निशान उठाए जा रहे है. साथ ही साथ अब यह उम्मीद भी जताई जा रही है कि, संभवत: प्रारुप प्रभाग रचना को लेकर आपत्तियों व आक्षेपों की संख्या भी बढ सकती है.
उल्लेखनीय है कि, इस बार यानि वर्ष 2025 के मनपा चुनाव हेतु वर्ष 2017 के चुनाव की तरह ही प्रभाग रचना तय की गई है. इस बार भी 22 प्रभाग बनाए गए है तथा मनपा की सदस्य संख्या 87 निश्चित की गई है. नई प्रभाग रचना तैयार करते समय 5 प्रभागों के परिसीमन में बदलाव किया गया है. सभी 22 प्रभागों का परिसीमन व उनमें शामिल रिहायशी इलाकों की सूची घोषित कर दी गई है. लेकिन इसमें कई रिहायशी इलाकों का उल्लेख ही नहीं है. जिसके चलते वे रिहायशी इलाके किस प्रभाग में शामिल है, इसकी स्थिति स्पष्ट नहीं हो रही. ऐसे में संबंधित रिहायशी इलाकों में रहनेवाले नागरिकों के साथ-साथ चुनाव लडने के इच्छुक भी संभ्रम में देखे जा रहे है.
ज्ञात रहे कि, वर्ष 2017 की प्रभागनिहाय सूची में अमरावती मनपा क्षेत्र में शामिल सभी रिहायशी इलाकों का उल्लेख था. परंतु हाल ही में घोषित क्षेत्रनिहाय सूची में कई रिहायशी इलाकों, कॉलनियों व बस्तियों का उल्लेख ही नहीं है. खास बात यह भी है कि, अधिक मतदाता संख्या रहनेवाले रिहायशी इलाकों का नाम भी गायब है. जिसके चलते संबंधित क्षेत्रों में रहनेवाले लोगबाग इस बात को लेकर संभ्रम में है कि, आखिर उनका क्षेत्र किस प्रभाग में शामिल है.
बतौर उदाहरण बताया जा सकता है कि, वर्ष 2025 की प्रभाग रचना में रुक्मिणी नगर परिसर को स्वामी विवेकानंद प्रभाग से हटाकर फ्रेजरपुरा प्रभाग के साथ जोडा गया है और स्वामी विवेकानंद प्रभाग स्वतंत्र तौर पर बनाया गया है. ऐसा करते समय दोनों पुराने प्रभागों के कई इलाके इधर से उधर किए गए है. परंतु किरण नगर, मोती नगर, भगवान नगर, डहाणे नगर व जलाराम नगर जैसे रिहायशी क्षेत्रों का उल्लेख दोनों में से किसी भी प्रभाग में नहीं किया गया है. ऐसे ही मामले कुछ अन्य प्रभागों के साथ ही हुए है. जिसके चलते प्रभाग रचना के परिसीमन सहित प्रभागों में शामिल रिहायशी इलाको के संदर्भ में आपत्ति व आक्षेप दाखिल होने लगे है. ज्ञात रहे कि, प्रभाग रचना को लेकर आगामी 15 सितंबर तक आपत्ति व आक्षेप दाखिल किए जा सकते है. वहीं फिलहाल रहनेवाली संभ्रम की स्थिति को निर्वाचन विभाग द्वारा दूर किए जाने की उम्मीद निर्वाचन विभाग से व्यक्त की जा रही है.

Back to top button