बैरागड में वैद्यकीय अधिकारी सतत गैरहाजिर

हर महिने नियमित वेतन ले रहे

अमरावती /दि.30 – धारणी तहसील के बैरागड स्थित प्राथमिक स्वास्थ केंद्र में पदस्थ रहनेवाले वैद्यकीय अधिकारी डॉ. प्रज्ञा भगवान वाकोडे (भगत) व उनके पति डॉ. धम्मदीप भगत की गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है. जिसके तहत पता चला है कि, डॉ. प्रज्ञा वाकोडे दो-दो माह तक प्राथमिक स्वास्थ केंद्र में गैरहाजिर रहती है. लेकिन इसके बावजूद उनका वेतन नियमित रुप से जारी हो रहा है. जिसके लिए डॉ. प्रज्ञा वाकोडे सरकारी अवकाश वाले दिनों पर बैरागड आकर खुद को ड्यूटी पर कार्यरत दर्शाती है और हाजिरी रजिस्टर पर दस्तखत करने के बाद वापिस चली जाती है. इसी दस्तखत के आधार पर बाद में डॉ. प्रज्ञा वाकोडे का वेतन जारी हो जाता है.
यहां उल्लेखनीय है कि, कोई सामान्य सरकारी कर्मचारी यदि दो-तीन दिन भी नौकरी पर गैरहाजिर रहा, तो उसकी नौकरी खतरे में पड जाती है. लेकिन बैरागड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कई-कई माह तक गैरहाजिर रहनेवाली डॉ. प्रज्ञा वाकोडे को इस मामले में आश्चर्यजनक तरीके से छूट देकर रखी गई है और कोई काम नहीं करने के बावजूद उन्हें हर महिने वेतन भी दिया जा रहा है. जबकि बैरागड में रहकर काम करने की बजाए डॉ. प्रज्ञा वाकोडे द्वारा अमरावती में रहकर अपना घर परिवार संभाला जा रहा है और अपने बालबच्चों की पढाई-लिखाई करवाई जा रही है. यह सिलसिला विगत लंबे समय से चल रहा है. जिसका सीधा असर बैरागड परिसर की स्वास्थ सुविधाओं व सेवाओं पर पड रहा है.
बता दें कि, बैरागड क्षेत्र में विगत 5 माह के दौरान 10 बालमृत्यु व एक माता मृत्यु हुई है और इससे पहले भी इस तरह की कई घटनाएं उजागर हुई है. इस दौरान डॉ. प्रज्ञा वाकोडे लगातार ड्यूटी से गैरहाजिर रही. खास बात यह भी है कि, बैरागड के प्राथमिक स्वास्थ केंद्र में प्रसूति की सुविधा उपलब्ध रहने के बावजूद डॉ. प्रज्ञा वाकोडे व उनके पति डॉ. भगत द्वारा गर्भवती महिलाओं को धारणी के उपजिला अस्पताल में रेफर करते हुए अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली जाती है. जिसके चलते कई गर्भवती महिलाओं की प्रसूति धारणी ले जाते समय रास्ते में ही हो जाती है. ऐसे में बैरागड परिसरवासियों ने आरोप लगाया है कि, इस क्षेत्र में आज तक हुई बाल मौतो व माता मौतो के लिए डॉ. प्रज्ञा वाकोडे ही जिम्मेदार है, जिनके खिलाफ फौजदारी मामला दर्ज होना चाहिए.

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