वैक्सीनेशन की तेज गति से ओमीक्रॉन पर लगाया जा सकेगा अंकुश
स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा
नई दिल्ली /दि.-3 कोरोना वायरस के नए और बेहद खतरनाक वेरिएंट माने जा रहे ओमीक्रॉन वेरिएंट (Omicron variant) की देश में एंट्री के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज शुक्रवार को कहा कि वैक्सीनेशन की तेज गति और डेल्टा वेरिएंट के उच्च जोखिम के कारण भारत में ओमीक्रॉन का खतरा कम हो सकता है. मंत्रालय ने कहा कि न्यू वेरिएंट ऑफ कंसर्न (variant of concern) के भारत सहित और भी देशों में फैलने की संभावना है, लेकिन संक्रमणों में वृद्धि का पैमाना और परिमाण अभी भी स्पष्ट नहीं है.
मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि भारत में टीकाकरण की तेज गति और हाई सेरोपॉजिविटी के सबूत के रूप में डेल्टा संस्करण के उच्च जोखिम को देखते हुए, बीमारी की गंभीरता कम होने का अनुमान है. हालांकि, वैज्ञानिक साक्ष्य अभी भी विकसित हो रहे हैं.
मंत्रालय ने इस बात पर भी प्रकाश डाला है कि ओमीक्रॉन को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा परखे गए म्यूटेशंस, उनके बढ़े हुए ट्रांसमिशन और इम्युन इवेशन की अनुमानित विशेषताओं और कोविड-19 महामारी के हानिकारक परिवर्तन के शुरुआती साक्ष्य के आधार पर वेरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित किया गया है.
संक्रमण होने की संभावना तीन गुना अधिक
स्वास्थ्य मंत्रालय ने उपलब्ध वैक्सीन के साथ कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीनेशन के अभियान पर जोर दिया क्योंकि उनसे अभी भी गंभीर बीमारी से सुरक्षा प्रदान करने की उम्मीद है. स्टडी के अनुसार, बीटा या डेल्टा वेरिएंट की तुलना में वेरिएंट ऑफ कंसर्न से दोबारा संक्रमण होने की संभावना तीन गुना अधिक होती है. पेपर मेडिकल प्रीप्रिंट सर्वर पर उपलब्ध है और अभी तक इसकी समीक्षा नहीं की गई है.
भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 9,216 नए मामले दर्ज किए हैं जबकि एक्टिव केस की संख्या 1 लाख से नीचे है. इस बीच, शुक्रवार को 73.67 लाख वैक्सीन की डोज दी गई जिससे देश में वैक्सीन की कुल डोज की संख्या 125 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है.
बूस्टर डोज की तैयारी कर रही सरकार
इससे पहले ओमीक्रॉन वेरिएंट के खतरे के बीच केंद्र सरकार ने कल गुरुवार को कहा था कि कोविड-19 के लिए बूस्टर वैक्सीन डोज के वैज्ञानिक स्तर पर जांच की जा रही है, लेकिन प्राथमिकता दोनों डोज के साथ व्यस्क आबादी का पूर्ण वैक्सीनेशन सुनिश्चित करना है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, ‘बूस्टर के लिए वैज्ञानिक स्तर पर परिक्षण किया जा रहा है.’ उन्होंने कहा, ‘हमारी प्राथमिकता पहले वैक्सीन के दोनों डोज को प्रशासित करने का काम पूरा करना है और यही वह रणनीति है जिससे हमें सबसे ज्याादा फायदा होगा.’